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नमामि गंगे योजना के तहत मुरार नदी का होगा कायाकल्प

नमामि गंगे योजना के तहत मुरार नदी का होगा कायाकल्प
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ग्वालियर पहुंची केन्द्रीय जल बोर्ड की टीम, किया निरीक्षण

ग्वालियर। मुरार नदी की दशा सुधारने और उसे प्रदूषण से मुक्त कराने के लिए एक बार फिर से प्रयास शुरू हो गए हैं, जिसके तहत शनिवार को मुरार नदी के दोनों ओर लगभग 482 करोड़ की बीते चार साल से प्रस्तावित विकास योजना (रिवर फ्रंट डवलपमेंट आॅफ मुरार रिवर) के प्रस्तावित स्थलों के निरीक्षण के लिए नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा के निदेशक संदीप कुमार, सेन्ट्रल वाटर कमीशन के डायरेक्टर एस.एल. मीना, निगमायुक्त विनोद शर्मा, पंकज कुमार सिंह, जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता एन.सी. कोरी, सेन्ट्रल वाटर कमीशन के कार्यपालन यंत्री विपिन कुमार सिंह ने रमौआ से जड़ेरूआ बांध तक मुरार नदी का निरीक्षण किया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नमामि गंगे योजना को पूरा कर रहे इन अधिकारियों ने रमौआ से जडेÞरूआ बांध तक की निरीक्षण रिपोर्ट तैयार करने की सहमति दी। उल्लेखनीय है कि चार साल पहले मुरार नदीं की डीपीआर में दो चरणों में रिटेनिंग वाल, कलवर्ट्स पुलिया, नदी का गहरीकरण (डीसिल्टिंग), नदी के दायरे में स्थित परिसम्पत्तियों की पुनर्बसाहट और नदी में बह रहे सीवेज को रोकने के लिए ट्रंक लाइन साइड से बिछाना, कैरिजवे, साइकिल ट्रैक व वर्षा जल निकासी संरचना निर्माण, फुटपाथ, एक दर्जन फुट ओवरब्रिज कंपाउण्ड वॉल, उद्यानिकी, कृषि व लैण्डस्कैपिंग, स्ट्रीट लाइट जैसे काम प्रस्तावित हैं।

Updated : 2 July 2017 12:00 AM GMT
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