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अब भारतीय सेना के खिलाफ सेक्लयुर दलों का हल्ला बोल

वर्तमान समय में भारतीय सेना हर रोज सीमा पार से प्रेरित आतंकवाद व भारत विरोधी साजिशों के खिलाफ पूरी ताकत के साथ मुकाबला कर रही है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि भारतीय सेना के जवान पूरे खुले मन से पाकिस्तानी हरकतों का पूरी ताकत के साथ जवाब दे रहे हैं। पाकिस्तानी सेना लगातार एलओसी पर फायरिंग कर रही है ताकि उसकी आड़ में भारी संख्या में आतंकवादियों का भारत के अंदर प्रवेश कराया जा सके और कश्मीर के पत्थरबाजों को मदद हो सके। अब भारतीय सेना ढाई मोर्चो पर पूरी प्लानिंग के साथ संघर्ष कर रही है तथा पाक व चीन की साजिशों को बेनकाब कर रही है। अभी विगत दिनों सीआरपीएफ के सतर्क जवानों ने कैंप पर एक बड़े आतंकी हमले की साजिश को नाकाम कर दिया । इसमें पहली बार बिनी किसी क्षति के सभी चार आतंकवादी मार गिराये गये थे। उसके बाद से पूरी घाटी में भारतीय सेना लगातार आतंकवादियों के खिलाफ अभियान चला रही है। अभी केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने तीन वर्ष के कार्यकाल की रिपोर्ट पेश करते हुए बताया था कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद घुसपैठ में 45 प्रतिशत की कमी आ गयी है। यही कारण है कि आज सीमा पार से जबर्दस्त फायरिंग तो हो रही है लेकिन अब भारतीय सेना पाकिस्तान को लगातार मुंहतोड़ जवाब दे रही है।
इधर कश्मीर घाटी में पत्थरबाजों की फंडिग में शामिल अलगाववादी नेताओं के खिलाफ जांच भी शुरू हो गयी है तथा अभूतपूर्व छापामारी के बाद काफी मात्रा में कैश रकम भी बरामद की गयी है।

अब इस बात के प्रबल आसार हैं कि बहुत जल्द ही इन अलगावादी नेताओं को कठघरे में खड़ा कर दिया जायेगा। यह सेना की सख्ती का ही कमाल था कि हिजबुल कमांडर सब्जार की मौत व अलगाववादी नेताओं के यहां छापामरी के उनकी ओर से बुलायी गयी बैठकें व मार्च आदि सभी कार्यक्रम नाकाम हो गये। सेना ने कश्मीर घाटी में 12 कुख्यात आतंकियों के पोस्टर पहली बार वहां की दीवारों पर चिपका कर एक सराहनीय कार्य किया है। कश्मीर घाटी में सेना पहली बार अभूतपूर्व व सतर्कता -आक्रामकता के साथ जवाब दे रही है। आज यदि हम सभी भारतवासी पूरी आजादी के साथ अपने देश में रह रहे हैं तो यह देन हमारी जांबाज सेना की ही है। हमारे जांबाज सैनिक कठिन से कठिन परिस्थितियों मे देश की सुरक्षा में लगे हैं। यह भारतीय सेना की रणनीति व दबाव का ही असर है कि आज पाकिस्तान दबाव में आ गया है तथा वह लगातार बेनकाब होता जा रहा है।

अभी हाल ही में भारतीय सेना प्रमुख ने बयान दिया था कि भारतीय सेना पाक चीन व अलगाववादी ताकतों सहित ढाई मोर्चा पर पूरी ताकत के साथ लड़ने में सक्षम है। अब भारत के सेना प्रमुख को ढाई मोर्चे पर नहीं, अपितु तीन मोर्चो पर युद्ध लड़ना है जिसमें पीएम मोदी व भाजपा के विरूद्ध जहर उगलने वाली देशद्रोही ताकतें शामिल हो गई हैं। इन ताकतों ने चीन युद्ध के दौरान भी गद्दारी का परिचय दिया था। यह वही लोग हैं जिन्होनें बिहार चुनाव के पूर्व असहिष्णुता का बीज बोया था। यह वही लोग हैं जिहोनें करोड़ों हिंदू जनमानस के खिलाफ जहर उगलते हुए सरेआम गाय काटी और फिर गोमांस का भोज किया लेकिन इन असहिष्णु लोगों की आत्मा इतनी अधिक कलुषित हो चुकी है व मानसिक व बौद्धिक रूप से इन लोगों का इतना पतन हो चुका है कि अब सेना प्रमुख के खिलाफ उसी प्रकार की गालीगलौच पर उतर आये हैं, जिस प्रकार से उप्र व बिहार के विधानसभा चुनावों के दौरान पीएम मोदी के खिलाफ जहर उगला करते थे।

जब सेनाप्रमुख व एनआईए ने अलगावादी नेताओं, पत्थरबाजों तथा सीमापार से हो रही फायरिंग के खिलाफ बेहद आक्रामक अभियान चलाया तो इस बात का अंदेशा हो गया था कि आज नहीं तो कल असहिष्णुता का रायता फैलाने वाले लोग आज नहीं तो कल सड़क पर निकल ही आयेंगे। अभी एक वामपंथी इतिहासकार पार्थो ने भारतीय सेना प्रमुख की तुलना जनरल डायर से कर दी, जिस पर हंगामा शांत भी नहीं हो पाया था कि कांग्रेस की दिग्गज घोटालेबाज नेता व दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे व कांग्रेस सांसद संदीप दीक्षित ने सेना प्रमुख को सड़क का गुंडा कह दिया।

कांग्रेस व वामपंथियों का भारतीय सेना का लगातार अपमान करने का अपना पुराना इतिहास है । अभी हाल ही में जब भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी और भारतीय सेना का मान बढ़ाया था, तब इन्हीं तथाकथित विपक्षी गद्दारों ने उसके सबूत मांग लिये थे। जरा सोचिये यदि भारत में किसी कारणवश अमेरिका जैसा आतंकी हमला हो जाता तो यह विपक्ष क्या -क्या कर सकता है? कांग्रेस अपनी करनी से देश के जनमानस के बीच पूरी तरह से अप्रासंगिक होती जा रही है तथा उसके नेता कांग्रेस का स्वतः समापन कर देंगे। आज कांग्रेस का बहुत बुरा हाल हो गया है। वह मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए तथा येनकेन प्रकारेण पीएम मोदी को सत्ता से बाहर करने के लिये कुछ भी करने व किसी भी सीमा तक गिरने को तैयार हो गयी है। तभी तो कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर हुर्रियत नेता गिलानी के घर चले जाते हैं और वहां पर सेना की हंसी उड़ाते हुए एक वीडियो मीडिया में वायरल होता है।
जब कांगे्रस उपाध्याक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी को जवानों के खून का सौदागर कहा तो उनकी चार राज्यों में जो गति हुई, वह आज उनके सामने हैं । लेकिन यह बात अभी भी इन सेकुलर नेताओं को समझ में नहीं आ रही है कि देश का माहौल कैसा चल रहा है। आज संदीप दीक्षित ने जब यह बयान दिया होगा, तब उन्होंने सोचा भी नहीं होगा की उन्हें ही नहीं पूरी की पूरी कांग्रेस पार्टी को माफी मांगने के लिए देश की जनता के सामने आना होगा ।

भारतीय सेना प्रमुख के खिलाफ पहला बड़ा सनसनीचखेज व जहर उगलता बयान वामपंथी इतिहासकार पार्थ चटर्जी ने दिया। फिर एक के बाद एक बाढ़ आती जा रही है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यह भारतीय सेना का मनोबल तोडने के लिए एक बेहद गहरी आंतरिक व विदेशी ताकतों की साजिश हो रही है। पार्थ ने सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत की तुलना जलियांवाला बाग में निहत्थों पर गोलियों चलवाने का आदेश देने वाले क्रूरता का पर्याय माने जाने वाले अंग्रेज अफसर जनरल डायर से कर डाली है। यह बहुत ही घृणित मानसिकता वाली बयानबाजी है। तथाकथित वामपंथियों की पूरी सहिष्णुता केवल और केवल अभारतीयता के साथ है।

यह पहली बार नहीं है जब एक कम्युनिस्ट लेखक ने भारतीय सेना के विरूद्ध लेख लिखा है। इतिहास गवाह है कि कम्युनिस्टों ने हमेशा सेना का अपमान किया है। यह लोग कभी सेना को बलात्कारी साबित करने के लिये बाकायदा शोधपत्र पढ़ते हैं तो कभी सैंनिकों की मौत पर जश्न मनाते हैं। आज वामपंथियों की नयी फौज कन्हैया कुमार और हार्दिक पटेल जैसे लोग भी सेना के खिलाफ ही जहर उगल रहे हैं।

सेना पर आरोप लगाकर यह विकृत मानसिकता के सभी नेता पाक की लाइन पर ही आगे बढ़ते हैं। भारत के अंदर यह चीन व पाक के खुले व गंदे एजेंट है अब देश की जनता को यह अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए कि भारत विरोधी दाऊद इब्राहीम जैसे लोगों का भगाने में इन्हीं कांग्रेसियों व वामपंथियों का ही हाथ रहा है। अगर आज भारत के अंदर वामपंथ्ी नेताओं व कांग्रेसी नेताओं की पत्नियों व बेटियों की इज्ज्त सुरक्षित है तो सेना के वीर जवानों के ही कारण । अगर आज यह लोग शराब के नशे में भारतीय सेना प्रमुख का अपमान कर रहे है तो यह भारत के अंदर स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति का सबसे बड़ा उदाहरण बन गया है कि यहां के लोग राजनीतिक विद्वेष के चलते अपने ही सेना प्रमुख का अपमान करने लग जाते हैं। इनलोगों को यह नहीं पता कि यदि कहीं यह लोग किसी प्राकृतिक व मानवीय आपदा मे फंस जायेंगे तब भारतीय सेना के जवान ही उनकी सहायता के लिए हमेशा आगे आयेंगे। अब समय आ गया है कि संदीप दीक्षित जैसा विकृत मानसिकता वाला नेता व पार्थ जैसा लेखक भारत छोडत्रकर चला जाये व फिर देश की जनता ही ऐसे लोगों के साथ न्याय कर दे। साथ ही कांग्रेस ने तो तय कर लिया हेै कि अब उसे कहीं भी सत्ता में नहीं आना है। यही कारण है कि कांग्रेस पार्टी केरल के कन्नूर में सड़क पर गाय काटती है और गोमांस का भोज करती है फिर लखनऊ में अपनी पार्टी की बुकलेट में कश्मीर को विवादित हिस्सा बताती है। आज कांग्रेस व वामपंथी बेदम हो चुके हैं तथा आने वाले समय में इन सभी की अंतिम यात्रा निकलने वाली है।

- मृत्युंजय दीक्षित

Updated : 16 Jun 2017 12:00 AM GMT
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