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सिंधिया का सत्याग्रह : भोपाल जाने के डर से घरों में दुबके कांग्रेसी

सिंधिया का सत्याग्रह : भोपाल जाने के डर से घरों में दुबके कांग्रेसी
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ग्वालियर, न.सं.। पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं गुना सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा बुधवार से भोपाल के दशहरा मैदान में किए जा रहे 72 घण्टे के सत्याग्रह में जाने के डर से तमाम कांग्रेसी नेता अपने घरों में दुबक गए हैं, जिससे कांग्रेस द्वारा सत्याग्रह में शामिल होने के लिए शहर से जाने वाले नेताओं की घोषित संख्या अर्थात पांच हजार में से एक चौथाई कांग्रेसियों के भी वहां पहुंचने की उम्मीद नहीं है।

उल्लेखनीय है कि मंदसौर में आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के मामले में विदेश दौरे पर जाने की वजह से अपनी राजनीति चमकाने से वंचित रहे सिंधिया ने मामला ठण्डा हो जाने के बाद भोपाल में बुधवार 14 जून से 72 घण्टे का सत्याग्रह करने की घोषणा की है, जिसके मद्देनजर शहर जिला कांग्रेस कमेटी ने पत्रकारवार्ता के माध्यम से यह घोषणा की थी उक्त सत्याग्रह में ग्वालियर से पांच हजार कांग्रेसी जाएंगे। जबकि कई कांग्रेसी इसमें जाने के इच्छुक नहीं हैं, जिस कारण वह अपने घरों में कैद होकर कोई न कोई कारण गिनाकर शहर से बाहर होने का बहाना बना रहे हैं।

गर्मी और पुलिस केस का डर

सिंधिया के सत्याग्रह से कांग्रेसियों द्वारा दूरी बनाने का मुख्य कारण इन दिनों पड़ रही भीषण उमस भरी गर्मी भी है, इसके अलावा कांग्रेसियों को यह डर सता रहा है कि यदि आंदोलन के दौरान गिरफ्तारी या अन्य कोई पुलिसिया कार्रवाई हुई, तो उससे पैदा होने वाली परेशानी से कौन निपटेगा। यहां यह बताना गौरतलब है कि बीते रोज उक्त सत्याग्रह में शामिल होने के लिए जब कांग्रेस कार्यालय पर बैठक आयोजित की गई थी, तब भी कार्यकर्ताओं ने यह सवाल उठाया था कि यदि भोपाल में गिरफ्तारी होती है, और मुचलके भरने पड़ते हैं, तो ऐसे में पार्टी क्या सहयोग करेगी, जिस पर नेताओं ने चुप्पी साध ली थी। माना जा रहा है कि नेताओं की इस चुप्पी का कार्यकर्ताओं पर विपरीत प्रभाव पड़ा है, और वह किसी भी प्रकार के झंझट से बचने के फेर में इससे दूरी बनाने के लिए घरों में दुबक कर भूमिगत् हो गए हैं।

संख्या को लेकर नेताओं ने साधा मौन

पत्रकार वार्ता के दौरान पांच हजार कांग्रेसियों के भोपाल पहुंचने का दावा करने वाले कांग्रेसी नेता अब कार्यकर्ताओं की उदासीनता देखकर स्तब्ध हैं, जिससे भोपाल कूच करने के अंतिम समय में वह संख्या को लेकर मौन साध गए हैं। क्योंकि गुटबाजी के चलते नेता अपने वाहनों से खास समर्थकों को लेकर ही भोपाल कूच कर रहे हैं, जबकि जमीनी कार्यकर्ताओं को भेजने की पूछ-परख करने वाला कोई नहीं है, जिससे वह चाहकर भी नहीं जा पा रहे हैं, इनके अलावा अन्य कांग्रेसी किन-किन वाहनों से भोपाल पहुंचेंगे, इस बात की भी कोई पुख्ता जानकारी जिला कार्यालय पर नहीं मिल सकी। वैसे अधिकांश कांग्रेसी नेता मंगलवार रात्रि में जीटी एक्सप्रेस, मालवा, भोपाल इंटरसिटी के साथ ही बडेÞ नेता सुबह शताब्दी एक्सप्रेस के जरिए भोपाल जाएंगे, इसके साथ ही कई नेता अपने निजी वाहनों में समर्थकों को भरकर भी रात्रि में कूच करेंगे।

Updated : 14 Jun 2017 12:00 AM GMT
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