आरक्षक समीर ढींगरा हत्याकांड : प्रॉपर्टी, पार्टनरशिप, प्रॉफिट में सुपारी किलिंग

प्रॉपर्टी, पार्टनरशिप, प्रॉफिट में सुपारी किलिंग
पूछताछ के लिए आरोपियों को रिमांड पर लेगी पुलिस
ग्वालियर। जिला विशेष शाखा में पदस्थ आरक्षक समीर ढींगरा की प्रॉपर्टी, पार्टनरशिप और प्रॉफिट के फेर में भाड़े के शूटरों ने गोली मारकर हत्या की थी। पुलिस ने मास्टरमाइंड, शूटर, मुखबिर को गिरफ्तार कर हत्या का राजफाश कर दिया है। एक आरोपी अभी पुलिस की पकड़ से दूर है।
पुलिस अधीक्षक डॉ. आशीष कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रॉपर्टी, पार्टनरशिप और प्रॉफिट को लेकर समीर ढींगरा की सुपारी किलिंग को अंजाम दिया गया था। विगत पांच जून को भाड़े के शूटर सतवीर जाट ने आरक्षक समीर ढींगरा को गोली मारी थी, जबकि उसके साथी शुभम जाट ने सहयोग किया था। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि घटना के समय जगमोहन उर्फ जग्गा मुख्य सड़क पर बेलोरो लेकर खड़ा था, जबकि मोटर साइकिल पर बेताल जाट इसलिए तैयार था कि यदि जनता वारदात के बाद दोनों शूटरों को पकड़ ले तो उन्हें वह मोटर साइकिल से लेकर फरार हो जाएगा। बदमाशों ने पूरी योजना के साथ समीर की हत्या की है। समीर के लंगोटिया दोस्त आरक्षक महेश जाट ने मृतक के पड़ोसी मनोज श्रीवास्तव से मुखबिरी कराई थी। जैसे ही समीर के कार उठाने के लिए आने का शूटरों को पता चला तो वह घात लगाकर सड़क पर खड़े हो गए। सतवीर ने बिना मौका गवाए उसमें गोली ठोक दी और मौके से बोलेरो से भाग गए, जबकि बेताल उनके पीछे हो लिया। बदमाश गुढ़ा से होते हुए चिरवाई, बेला की बावड़ी, पनिहार से डबरा होते हुए फरार हो गए। इसके बाद बदमाश उत्तरप्रदेश में भी रहे और सागर में जाकर सभी लोग अलग-अलग हो गए। महेश जाट ने सतवीर जाट, शुभम और बेताल को एक-एक लाख रुपए में समीर की हत्या का ठेका दिया था। अभी बदमाशों के पास पूरी रकम नहीं पहुंची है। इस मामले में फरार जगमोहन उर्फ जग्गा की तलाश में पुलिस छापामार कार्यवाही कर रही है, जबकि सूत्र बताते हैं कि जगमोहन अलीगढ़ में चैकिंग के दौरान पकड़ा गया है। बोलेरो मोटर साइकिल और कट्टा फिलहाल बरामद नहीं हो सका है।
बेटे का शव देखने के बाद बोली थी मां, महेश नहीं कर सकता हत्या
सोमवार को सुबह तक नहीं हुआ विश्वास, दो बार हुई बेहोश
ग्वालियर। जिंदगी में इकलौता बेटा और बुढ़ापे के उस दौर में जहां जिंदगी की चंद सांसें शेष रह गई हों और सामने जवान बेटे का शव पड़ा हो। ऐसे में कोई भी मां, जिससे विवाद चल रहा हो, उस व्यक्ति द्वारा हत्या करने से इंकार नहीं कर सकती। समीर ढींगरा की हत्या के बाद उसकी मां ने पुलिस से साफ शब्दों में कहा था कि मेरे बेटे को महेश जाट नहीं मार सकता।
विगत पांच जून की रात का वो सीन वृद्धा गंगादेवी ढींगरा की आंखों के सामने ऐसे ताजा है जैसे कुछ पल पहले ही बेटा उनके सामने सड़क पर लहुलुहान पड़ा हुआ हो। घर से चंद कदम की दूरी पर ही आरक्षक समीर ढींगरा की सतवीर और शुभम ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। गंगादेवी से पुलिस ने एक ही सवाल पूछा था कि आपको बेटे की हत्या की आशंका किस पर है। पुलिस ने समीर के जिगरी दोस्त महेश जाट का नाम उछाला तो गंगादेवी ने साफ कहा था कि महेश जाट ऐसा नहीं कर सकता। वो मेरे बेटे के जैसा है और हत्या करने का सवाल ही नहीं हो उठता। उस दिन भीड़ को चीरती हुई मां जमीन पर पड़े समीर ढींगरा से लिपटकर रोने लगी थी। समीर के बाद गंगादेवी का इस दुनिया में सबसे खास कोई था तो वह महेश जाट था। सोमवार को सुबह समाचार पत्रों में महेश जाट द्वारा बेटे की सुपारी देकर हत्या कराने का पता चलने पर भी उन्हें यकीन नहीं हो रहा था। उनकी हालत अब ठीक नहीं है। बेटे की तस्वीर के सामने आने पर दो बार गंगादेवी बेहोश हो चुकी हैं। बड़ी बेटी नीता, दिल्ली से आई छोटी बेटी और दामाद मां की हालत देखकर अपने आंसू नहीं रोक पा रहे हैं। तीनों लोग एक ही बात दोहरा रहे थे कि महेश जाट को पैसा चाहिए था तो हमसे और ले लेता। हम लोग अपने समीर के लिए सब कुछ कुर्बान कर देते। उसकी हत्या तो नहीं करवाता। समीर और महेश जाट की दोस्ती उस दिन से है, जब 25 जृुलाई 1995 को पुलिस विभाग में दोनों की नियुक्ति हुई थी, लेकिन जमीन के टुकड़े के लिए उसने 22 वर्ष पुराने भाई जैसे दोस्त का खून बहा दिया। समीर की विधवा बहन नीता तो एक ही बात कह रही थी कि दुनिया में हमारा कौन था, मात्र एक भाई। पति की मौत हो जाने के बाद भाई के लिए ही तो वह जिंदा थी, लेकिन अब जिंदगी बोझ सी लग रही है। नीता की बेटी फ्रांस में है और वह बार बार फोन लगाकर मामा के हालचाल पूछ रही है। मां, मौसी, नानी उसे कैसे समझाएं कि जिसके लिए वह सात समुंदर पार से किडनी के आॅपरेशन के लिए प्रयासरत है, वो अब इस दुनिया में नहीं रहा। अपने आंसुओं को रोककर मां मामा के ठीक होने की सूचना दे देती है। समीर के घर में मातम पसरा हुआ है। मां व दोनों बहनें याद आने पर भावुक हो जाती हैं। उनका कहना है कि बेटा मर जरूर गया, लेकिन उसके साथ जो गद्दारी की है, उसका वह मरकर भी बदला लेगा। गंगादेवी उस पल को कैसे भूल सकती हैं, जब बेटे का खाना थाली में ही परोसा हुआ रह गया। टोंटा की बजरिया में पसरा मातम और सन्नाटा समीर की हत्या की कहानी को बयां कर रहा है।
समीर के घर पर महेश का हो रहा था इंतजार
नीता ने बिलखते हुए कहा कि भाई की हत्या के बाद से महेश घर पर नहीं आया था। दुख की इस घड़ी में हम सभी उसका इंतजार कर रहे थे। हमें विश्वास था कि महेश हत्यारों को पकड़कर घर लाएगा, लेकिन उसने ही भाई की हत्या करवाई थी। हमें अभी भी यकीन नहीं हो रहा है।
महेश के भाई के एएसआई बनने पर समीर ने बांटे थे लड्डू
एक वर्ष पहले महेश जाट के भाई का एएसआई के लिए चयन होने की खुशी जितनी महेश जाट ने नहीं मनाई थी, उतनी समीर के घर खुशी का माहौल था। इस खुशी में बहादुरा के लड्डू के डिब्बे मंगाकर समीर और उसकी बहन ने बांटे थे।
ऐसे हुआ हत्या का खुलासा
सतवीर ने समीर को गोली मारने के बाद घटना स्थल से थोड़ी दूर जाकर फोन लगाकर जगमोहन से कहा था कि मामा काम हो गया। समाचार पत्र प्रकाशित खबर से यह बात ज्ञात होते ही पुलिस ने मामा की तलाश शुरू की तो जगमोहन शंका के दायरे में आ गया। पुलिस ने जगमोहन के मोबाइल की डिटेल निकाली तो पड़ोसी मनोज की जानकारी लगी। परत खुलते ही बेताल जाट, शुभम जाट और सतवीर जाट को उठा लिया। मनोज को भी पुलिस ने पूछताछ के लिए थाने में बुलाया। मनोज के राज उगलते ही महेश जाट को राउंडअप कर लिया गया। सच्चाई सामने आते ही महेश जाट ने भी बता दिया कि उसने हत्या का ताना-बाना कैसे बुना था। इस प्रकार इस अंधे कत्ल का राजफाश हो गया।
जगमोहन अलीगढ़ में पकड़ा
बताया गया है कि हत्या की घटना के बाद दो दिन साथ रहने के बाद सभी लोग अलग-अलग हो गए थे। जगमोहन अलीगढ़ भाग गया था। वह नौ जून को पुलिस के हाथ लग गया और उससे कट्टा भी बरामद किया गया है। जगमोहन अभी अलीगढ़ जेल में अभी बंद है और स्थानीय पुलिस उससे कट्टा बरामद करने का प्रयास कर रही है।
खाकी के खून से दागदार हुई खाकी
जो आरक्षक बदमाशों की बांह पकड़कर मीडिया के सामने लाता था। उसके कृत्य ने उसे शर्मसार करने पर मजबूर कर दिया। अपने दोस्त का हत्यारा आरक्षक महेश जाट पुलिस अधीक्षक सभागार में सिर झुकाए खड़ा हुआ था। खाकीधारी ने अपने ही साथी की हत्या का ताना-बाना बुनकर खाकी को दागदार कर दिया। महेश जाट के इस कृत्य से खाकी महकमा भी हैरान है। खाकी एक बार फिर दागदार हुई है।