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भट्टा परसोल से मंदसौर तक राहुल गांधी का भौंडा प्रदर्शन

भट्टा परसोल से मंदसौर तक राहुल गांधी का भौंडा प्रदर्शन
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भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता डॉ. दीपक विजयवर्गीय ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने एक हजार करोड़ रु. की निधि के साथ मूल्य स्थिरीकरण कोष बनाने की घोषणा की है जिससे किसानों की उपज का मूल्य स्थिर रखने में मदद मिलेगी। साथ ही लागत मूल्य निर्धारण के लिए आयोग भी बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसान आंदोलन के हिंसक स्वरूप को समाप्त करने और निरीह किसानों की समस्या समाधान पर विचार के लिए किसानों का आह्वान किया है। व्यथित होकर मुख्यमंत्री चौहान ने अनिश्चितकालीन उपवास आरंभ करते हुए प्रदेश में सद्भाव पूर्वक आंदोलन समाप्त कर सकारात्मक चर्चा की किसानों, किसान प्रतिनिधियों, संगठनों से अपील की है। शांति सद्भाव से किसान, अन्नदाताओं की समस्या के समाधान की राह निकलेगी।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने किसान आंदोलन को गुमराह किया है और असामाजिक तत्वों को शह देकर प्रदेश में अराजकता का माहौल बनाने की जो राह पकड़ी है, उसे उसका खमियाजा भुगतना पड़ेगा। उन्होनें कहा कि कांग्रेस और कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी को यदि जनता ने विपक्ष की भूमिका सौंपी है तो उनसें लोकतांत्रिक भावना से सकारात्मक नजरिया अपनाने की अपेक्षा की जाती है। लेकिन उनके पास सिर्फ आग में घी डालने और राजनैतिक रोटियां सेंकने के अलावा कोई कार्यक्रम नहीं है। राष्ट्रीय नेता के रूप में राहुल गांधी ने जिस तरह मंदसौर पहुंचने की कोशिश में नियम-कानूनों की धज्जियां उड़ाई और मर्यादाओं को खंडित किया, उससे कांग्रेस का चरित्र ही बेनकाब हुआ है। गौर करें कि उन्होने कुछ समय पूर्व भट्टा परसोल में भी किसान परस्ती प्रदर्शित करनें का हाई वोल्टेज ड्रामा किया था और भूल गये। दस वर्षो तक यूपीए सरकार का रिमोट संभालते हुए कभी किसान की चिंता नहीं की।

विजयवर्गीय ने कहा कि किसानों की समस्या कांग्रेस के छह दशकों के शासन की देन है। इस दिशा में समाधान की पहल भी सबसे पहले अटलबिहारी वाजपेयी ने की थी और भारतीय जनता पार्टी की सरकारों ने अमल किया है। मध्य प्रदेश सरकार ने तो क्रांतिकारी पहल करते हुए जीरो प्रतिशत ब्याज पर किसानों को कर्ज देने की व्यवस्था की। ऐसे में राहुल गांधी की किसानों के प्रति सहानुभूति महज दिखावा है। यदि कांग्रेस किसान परस्त होती तो कांग्रेस शासित राज्यों कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, पंजाब के किसानों की समस्याओं पर गौर करती और अन्य राज्यों के सामने अनुकरणीय उदाहरण पेश करती। इन राज्यों में सूखाग्रस्त किसान मुआवजा के लिए भटक रहे हैं। इसके उलट कांग्रेस किसानों को ऐसे राज्यों में गुमराह कर रही है, जहां किसान पुत्र मुख्यमंत्री है और उसने खजाना किसानों और आम आदमी के लिए खोल दिया है।

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Updated : 10 Jun 2017 12:00 AM GMT
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