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सावधान! डेंगू ने दी दस्तक

सावधान! डेंगू ने दी दस्तक
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90 घरों में हुआ एन्टी लार्वा सर्वे

समाधिया कॉलोनी निवासी अनिल गुर्जर डेंगू प्रभावित

ग्वालियर/सुजान सिंह। मौसम के उतार-चढ़ाव के बीच डेंगू ने इस बार जून में ही दस्तक दे दी है। मानसून की दस्तक से पहले ही शहर में इस बार मच्छर जनित बीमारियों ने पांव पसारना शुरू कर दिया है। जिसका एक मामला विगत दिवस सामने आया जब एक मरीज को डेंगू होने की पुष्टी चिकित्सा महाविद्यालय के माइक्रो बायोलॉजी विभाग द्वारा की गई। जबकि हर साल मानसून के दिनों में शहर में डेंगू व मलेरिया फैलता है, लेकिन अब समय से पहले ही डेंगू का मरीज सामने आने के बाद अब स्वास्थ्य विभाग के मलेरिया विभाग के सामने इन बीमारियों से निपटने के लिए एक बड़ी चुनौती भी खड़ी हो गई है।

इसी के चलते शुक्रवार को मलेरिया विभाग द्वारा 90 घरों में एंटी लार्वा सर्वे किया गया। जानकारी के अनुसार विगत दिवस गुरूवार को गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में चार लोगों के रक्त की जांच की गई थी, जिसमें से समाधिया कॉलोनी निवासी 40 वर्षीय अनिल गुर्जर पुत्र पंचम सिंह गुर्जर को डेंगू होने की पुष्टी हुई थी, जिसका उपचार जयारोग्य चिकित्सालय में ही चल रहा हैं। अनिल को डेंगू सामने आने के बाद मलेरिया विभाग की टीम द्वारा समाधिया कॉलोनी क्षेत्र के लगभग 90 घरों में एन्टी लार्वा सर्वे किया गया। जिसमें सिर्फ अनिल के घर में भी लार्वा सामने आया। जिला मलेरिया अधिकारी मनोज कुमार पाटीदार ने बताया कि अनिल के घर मे भैंस पली हुई है, जिन्हें हवा देने के लिए बड़े-बड़े कूलर भी अनिल के घर में लगे हुए थे। जिनमें बड़ी संख्या में लार्वा थे। इसी के चलते सभी कूलरों को खाली करा कर दवा का छिड़काव किया गया। उल्लेखनीय है कि विगत वर्ष डेंगू का पहला मरीज 28 अगस्त 2016 को सामने आया था। लेकिन इस बार डेंगू ने जून माह से दूसरे सप्ताह में ही अपनी दस्तक दे दी है।

नगर निगम को सौंपी 300 लीटर पायरोथान दवा

इस वर्ष डेंगू व मलेरिया की रोक थाम के लिए मलेरिया विभाग द्वारा 300 लीटर पायरोथान दवा नगर निगम को दी गई है, साथ ही शहर में बनी स्वर्ण रेखा सहित अन्य बड़े नालों में दवा का छिड़काव किया गया है। जिससे मच्छर जनित बीमारियों को फैलने से रोका जा सके।

यह हैं लक्षण

ठंड के साथ तेज बुखार, सिर बदन दर्द, आंखों में जलन दर्द, उलटी, आदि सामान्य लक्षण हैं। जबकि गंभीर होने पर सांस में तकलीफ, त्वचा या शरीर के अंगों से रक्त स्राव, शरीर में सूजन, बेहोशी, दौरे पड़ना, हरे रंग की पेशाब आदि लक्षणों से रोगी की मौत भी हो सकती है।

यह बरतें सावधानियां

* घरों के आसपास गड्डों, नालियों, बेकार पड़े डिब्बे-बर्तनों, पानी की टंकियों, गमलों, टायरों आदि में पानी एकत्रित न होने दें।

* अनावश्यक पानी के गढड्े को मिट्टी से भर दें या लार्वानाशी घोल का छिड़काव करें।

* नाली को साफ रखें ताकि मच्छर का लार्वा नहीं पनप सके।

* जल स्रोतों, टंकियों आदि को ढंककर रखें और सप्ताह में एक बार सुखाकर ही भरें।

* घरों की खिड़कियों व दरवाजों पर जालियां लगवाएं ताकि घर में मच्छर के प्रवेश पर अंकुश लगाया जा सके।

* शरीर को ढंकने वाले कपड़े पहनें, सोते समय मच्छर दानी का प्रयोग करें।

* झोलाछाप डाक्टरों से दवा लेने से बचें।

Updated : 10 Jun 2017 12:00 AM GMT
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