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मुख्यमंत्री के भ्रमण से मिले प्रशासनिक सुधार समय चक्र के संकेत

-जनता के मन को मोहित कर गई मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की कार्यशैली


-कुछ ही घंटों में मेराथन दौरे और जनसमस्याओं पर रूचि ने बटोरी चर्चाएं

आगरा। मुख्यमंत्री बनने के पहली बार आगरा आए उप्र के मुख्यमंत्री महंत आदित्यनाथ की विनम्रता और कुछ ही घंटों में किए गए मेराथन दौरों से जनता की नजर में उनकी अलग ही छवि निर्मित होती दिखाई दी है। अभी तक जिनते भी मुख्यमंत्री आगरा आए उनमें से आदित्यनाथ ही अकेले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने तेज धूप में ना केवल यमुना की तलहटी का भ्रमण किया बल्कि, अधिकारियों को भी शहरवासियों के लिए शुद्वपेय, स्वच्छता, मलिन बस्तियों के विकास व जनसमस्याओं को त्वरित निदान का स्पष्ट संदेश दिया। ताजनगरी में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के दौरे से अधिकारियों को भी सरकार की कार्यशैली का अंदाजा लगा तो वहीं मुख्यमंत्री को भी अधिकारियों की कार्यशैली के बारे में धरातलीय स्थिति का अनुमान हुआ।

अपने आगरा दौरे के दौरान मुख्यमंत्री के सामने शहर की कई समस्याएं सामने आईं। हालांकि उन्होंने इन अव्यवस्थओं के लिए किसी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाही तो नहीं की लेकिन, संकेत जरूर दिए हैं कि अधिकारी अपनी कार्यशैली में परिवर्तन जरूर ले आएं। मुख्यमंत्री की कार्यशैली से स्पष्ट संकेत जाता दिखाई दिया कि वह प्रशासनिक तंत्र में व्यापक परिवर्तन आने वाले दिनों अवश्य करेंगे। वहीं उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं को भी कानून के दायरे व अनुशासन की सीमा में रहकर कार्य करने की सीख भी दी। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ द्वारा रविवार को खेरिया एयरपोर्ट से सीधे एसएन मेडीकल कॉलेज में जाकर मरीजों से वार्ता करना और चिकित्सकों से मरीजों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी करने का अंदाज शहरवासियों के मन को भाता दिखाई दिया। शहर में इस बात की भी चर्चा रही कि ताज कॉरीडोर के निरीक्षण के दौरान अधिकारियों के प्लान को ध्वस्त करते हुए मुख्यमंत्री स्थल की रेखा को पार करते हुए आंधी और कंटीले रास्ते को पार करते हुए यमुना की तहलटी में जा पहुंचें, वहां उनके पैर में कांटा भी चुभा, जिसे उन्होंने खुद ही निकाला। उनके इस दौरे में अधिकारियों की सांसे फूलती दिखाई दीं। उनके इस दौरे से नागरिकों में यमुना शुद्धिकरण अभियान में तेजी आने व शहर के जलसंकट के दूर होनें की उम्मींद है।

समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को भी इस बात का अनुमान हो गया था कि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ को आंकड़ों के जाल में फंसाया नहीं जा सकता। हालांकि दो-एक अधिकारियों ने आंकड़ों की बाजीगरी दिखाई भी लेकिन, मुख्यमंत्री के प्रश्नों ने उन्हें निरूत्तर कर दिया। अधिकारियों को इस बात का अनुमान भी नहीं था कि मुख्यमंत्री को इस स्तर तक की जानकारी भी होगी। आने वाले दिनों में देखना दिलचस्प होगा कि जनसमस्याओं के प्रति मुख्यमंत्री की सक्रियता बदलते परिवेश में नागरिकों के लिए कितनी सार्थक होती है। फिलहाल अपने नए मुख्यमंत्री से जनता खुश जरूर नजर आ रही है।
फोटो आगरा 9

Updated : 9 May 2017 12:00 AM GMT
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