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सीबीआई ने लगाया डिफाल्टरों सहित नौ मुखौटा कंपनियों की भूमिका का पता

सीबीआई ने लगाया डिफाल्टरों सहित नौ मुखौटा कंपनियों की भूमिका का पता
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नई दिल्ली। सीबीआई ने नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) घोटाले से जुड़े धन के कथित हेरफेर के मामले में कुछ डिफाल्टरों सहित नौ मुखौटा कंपनियों की भूमिका का पता लगाया है। एजेंसी ने बैंक धोखाधड़ी मामलों की अपनी जांच में पाया कि एनएसईएल कथित रूप से नौ मुखौटा कंपनियों का इस्तेमाल कर रही थी। इन मुखौटा कंपनियों में बृंदा कमोडिटी प्राइवेट लिमिटेड, ताविशी इंटरप्राइेजज, मोहन इंडिया, पीडी एग्रो प्रोसेसर्स, दुनार फूड्स, व्हाइट वाटर फूड्स, एआरके इंपोटर्स, विमलादेवी एग्रोटेक व याथुरी एसोसिएट्स शामिल हैं।

एजेंसी ने इन कंपनियों के खिलाफ धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार के आरोप का मामला बनाया है। सीबीआई अपनी जांच के निष्कर्षक एसएसफआईओ, आयकर विभाग व प्रवर्तन निदेशालय के साथ भी साझा करेगी। सीबीआई सूत्रों का कहना है कि उक्त कंपनियां एक्सचेंज के प्लेटफार्म पर कारोबार कर रही थीं जबकि उनके पास जिंसों का वास्तविक कब्जा ही नहीं था।एजेंसी का आरोप है कि इन नौ मुखौटा कंपनियों ने निवेशकों के 342 करोड़ रुपए के धन का हेरफेर करने में मदद की। सूत्रों ने कहा कि बीते तीन साल में सीबीआई ने बैंक धोखाधड़ी से जुड़े मामलों में 339 मुखौटा कंपनियों को पता लगाया है जिन्होंने 2900 करोड़ रुपए के बैंक कर्ज का हेरफेर किया।

वहीं एनएसईएल के प्रवक्ता ने कहा है इस मामले में जांच की गई है और सीबीआई अदालत में आरोप पत्र भी दाखिल किया गया है। इसमें एनएसईएल, एफटीआई अब 63-मूंस व जिग्नेश शाह से धन का कोई मामला जुड़ा नहीं पाया गया।

Updated : 9 May 2017 12:00 AM GMT
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