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भारत में नारी की पहचान ही उसका परिधान है: मीनाक्षी ताई

भारत में नारी की पहचान ही उसका परिधान है: मीनाक्षी ताई
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दुर्गा वाहिनी के शौर्य प्रशिक्षण वर्ग का सातवां दिन
ग्वालियर|
भारत में हिन्दू नारी की पहचान ही उसका परिधान है। अहिल्या, गार्गी, अनसुइया, मैत्रीय आदि ऐसी महिलाएं हैं, जिन्हें उनके काम के लिए आज भी याद किया जाता है। हर माता-पिता को राष्ट्र भक्त बच्चे की कामना करना चाहिए। यह बात विश्व हिन्दू परिषद मातृशक्ति की केन्द्रीय मंत्री श्रीमती मीनाक्षी ताई पिशवे ने सेवा भारती केदारपुर में आयोजित दुर्गा वाहिनी के शौर्य प्रशिक्षण वर्ग के सातवें दिन मुख्य अतिथि की आसंदी से कही।

इस अवसर पर प्रांत उपाध्यक्ष श्रीमती सुशीला शुक्ला, प्रांत सह मंत्री पप्पू वर्मा, मातृशक्ति की प्रांत संयोजिका अर्चना सिकरवार, दुर्गा वाहिनी की प्रांत संयोजिका प्रतिमा शर्मा, विभाग संयोजिका रामवती गुप्ता एवं संध्या भदौरिया विशेष रूप से उपस्थित थीं। सर्व प्रथम अतिथियों ने मां दुर्गा के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर श्रीमती पिशवे ने कहा कि आज की नारी शत्रुओं का नाश करने का सामर्थ्य रखती है। उन्होंने कहा कि पहले महिलाओं के साथ बुरा व्यवहार, शारीरिक व मानसिक शोषण होता था, लेकिन धीरे-धीरे कई ऐसी महिलाएं सामने आर्इं जो पीड़ित महिलाओं के सम्मान के लिए लड़ीं। कार्यक्रम में सुस्मिता ताम्रकर, सुकीर्ति, प्राची, राधा शर्मा, दीपिका, रामवती गुप्ता, अनीता सिकरवार, ममता राठौर, अलका शुक्ला सहित बड़ी संख्या में बहनें उपस्थित थीं। यहां बता दें कि विगत 8 से 15 मई तक आयोजित इस शौर्य प्रशिक्षण वर्ग में मध्य भारत प्रांत के करीब 30 जिलों से 100 बहनें और 30 माताएं प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं।

Updated : 15 May 2017 12:00 AM GMT
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