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ज्योतिषशास्त्र में हस्ताक्षर का महत्व

ज्योतिषशास्त्र में हस्ताक्षर का महत्व
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ज्योतिषशास्त्र में हस्ताक्षर का बहुत महत्व होता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार जिस व्यक्ति का जैसा स्वभाव होता है, उसके सिग्नेचर भी वैसे ही होते हैं। इस कारण हम हस्ताक्षर देखकर भी लोगों के स्वभाव और आदतों के विषय में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। वहीं व्यक्ति के हस्ताक्षर से उसकी कुछ और आदतों के बारे में भी पता चलता है।

कैसे जाने व्यक्ति के स्वभाव के बारे में ........
जो लोग सिग्नेचर का पहला अक्षर बड़ा लिखते हैं, वे अद्भुत प्रतिभा के धनी होते हैं। ऐसे लोग किसी भी कार्य को अपने अलग ही अंदाज से पूरा करते हैं। अपने कार्य में पारंगत होते हैं। पहला अक्षर बड़ा बनाने के बाद अन्य अक्षर छोटे-छोटे और सुंदर दिखाई देते हों तो व्यक्ति धीरे-धीरे किसी खास मुकाम पर पहुंच जाता है। ऐसे लोगों को जीवन में सभी सुख-सुविधाएं प्राप्त हो जाती हैं।

जो लोग जल्दी-जल्दी और अस्पष्ट सिग्नेचर करते हैं, वे जीवन में कई प्रकार की परेशानियों का सामना करते हैं। ऐसे लोग सुखी जीवन नहीं जी पाते हैं। हालांकि, ऐसे लोगों में कामयाब होने की चाहत बहुत अधिक होती है और इसके लिए वे श्रम भी करते हैं। ये लोग किसी को धोखा भी दे सकते हैं। स्वभाव से चतुर होते हैं, इसी वजह से इन्हें कोई धोखा नहीं दे सकता।

कुछ लोग सिग्नेचर तोड़-मरोड़ कर या टुकड़े-टुकड़े या अलग-अलग हिस्सों में करते हैं, सिग्नेचर के शब्द छोटे-छोटे और अस्पष्ट होते हैं जो आसानी से समझ नहीं आते हैं। सामान्यतः ऐसे लोग बहुत ही चालाक होते हैं। ये लोग अपने काम से जुड़े राज किसी के सामने जाहिर नहीं करते हैं। कभी-कभी ये लोग गलत रास्तों पर भी चल देते हैं और किसी को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं।

जो लोग कलात्मक और आकर्षक सिग्नेचर करते हैं, वे रचनात्मक स्वभाव के होते हैं। इन्हें किसी भी कार्य को कलात्मक ढंग से करना पसंद होता है। ऐसे लोग किसी न किसी कार्य में हुनरमंद होते हैं। इन लोगों के काम करने का तरीका अन्य लोगों से एकदम अलग होता है। ऐसे सिग्नेचर वाले लोग पेंटर या कलाकार भी हो सकते हैं।

कुछ लोग सिग्नेचर के नीचे दो लाइन खींचते हैं। ऐसे हस्ताक्षर करने वाले लोगों में असुरक्षा की भावना अधिक होती है। किसी काम में सफलता मिलेगी या नहीं, इस बात का संदेह सदैव रहता है। पैसा खर्च करने में इन्हें काफी बुरा महसूस होता है अर्थात ये लोग कंजूस भी हो सकते हैं।

जो लोग सिग्नेचर करते समय नाम का पहला अक्षर थोड़ा बड़ा और पूरा उपनाम लिखते हैं, वे अद्भुत प्रतिभा के धनी होते हैं। ऐसे लोग जीवन में सभी सुख-सुविधाएं प्राप्त करते हैं। ईश्वर में आस्था रखने वाले और धार्मिक कार्य करना इनका स्वभाव होता है। ऐसे लोगों का वैवाहिक जीवन भी सुखी होता है।
जिन लोगों के हस्ताक्षर मध्यम आकार के अक्षर वाले, जैसी उनकी लिखावट है, ठीक वैसे ही सिग्नेचर हो तो व्यक्ति हर काम को बहुत ही अच्छे ढंग से करता है। ये लोग हर काम में संतुलन बनाए रखते हैं। दूसरों के सामने बनावटी स्वभाव नहीं रखते हैं। जैसे ये वास्तव में होते हैं, ठीक वैसा ही खुद को प्रदर्शित करते हैं।

जो लोग अपने सिग्नेचर को नीचे से ऊपर की ओर ले जाते हैं, वे आशावादी होते हैं। निराशा का भाव उनके स्वभाव में नहीं होता है। ऐसे लोग भगवान में आस्था रखने वाले होते हैं। इनका उद्देश्य जीवन में ऊपर की ओर बढ़ना होता है। इस प्रकार सिग्नेचर करने वाले व्यक्ति अन्य लोगों का प्रतिनिधित्व करने की इच्छा रखते हैं।


जिन लोगों के सिग्नेचर ऊपर से नीचे की ओर जाते हैं, वे नकारात्मक विचारों वाले हो सकते हैं। ऐस लोग किसी भी काम में असफलता की बात पहले सोचते हैं।


जो लोग सिग्नेचर में सिर्फ अपना लिखते हैं, सरनेम नहीं लिखते हैं, वे लोग स्वयं के सिद्धांतों पर कार्य करने वाले होते हैं। आमतौर पर ऐसे लोग किसी और की सलाह मानते नहीं हैं, ये लोग सुनते सबकी हैं, लेकिन करते करते अपने मन की हैं।

Updated : 12 May 2017 12:00 AM GMT
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