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लोक निर्माण विभाग और नगर निगम के बीच उलझी रोशनी

लोक निर्माण विभाग और नगर निगम के बीच उलझी रोशनी
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अंधेरे में डूबे हैं शहर के प्रवेश मार्ग

ग्वालियर, न.सं.।
करीब ढाई महीने पहले लोकार्पित हुए शहर के प्रवेश मार्गों को रात में रोशन करने के लिए इन मार्गों पर लगाई गई आकर्षक लाइटें लोकार्पण के बाद से ही बंद हैं। लोकार्पण से पूर्व टेस्टिंग में जलाई गई बिजली के एक लाख रुपए के बिल का भुगतान नहीं किए जाने के कारण इन लाइटों का बिजली कनेक्शन काट दिया गया है। चूंकि पूर्व सहमति के अनुसार नगर निगम ने अब तक इन मार्गों को अपने अधिपत्य में नहीं लिया है। इस कारण इस मार्ग पर प्रकाश की व्यवस्था की जिम्मेदारी नगर निगम और लोक निर्माण विभाग के बीच झूल रही है।

उल्लेखनीय है कि लोक निर्माण विभाग संभाग क्रमांक-2 की देखरेख में अडूपुरा (जौरासी) से विक्की फैक्ट्री एवं विक्की फैक्ट्री से चौधरी ढावा (बेला की बावड़ी) तक नव निर्मित सिक्सलेन सड़कों का लोकार्पण करीब ढाई माह पहले केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, लोक निर्माण मंत्री रामपाल सिंह सहित अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधियों के आतिथ्य में हुआ था। लोकार्पण के करीब 15 दिन पूर्व से लोकार्पण दिवस की रात्रि तक तो यह सड़कें दूधिया रोशनी से जगमगाती दिखाई दीं, लेकिन लोकार्पण के अगली रात्रि में विक्की फैक्ट्री से अड्ूपुरा तक की सड़क की बिजली अचानक गुम हो गई। कुछ दिन बाद विक्की फैक्ट्री से चौधरी ढाबा तक की लाइन भी बंद हो गई। इसका कारण बताया जा रहा है कि इस सड़क के निर्माण के बाद सड़कों पर की गई बिजली व्यवस्था की देखरेख का काम नगर निगम को सौंपना था। लोकार्पण से पूर्व नगर निगम ने इसके लिए स्वीकृति भी दी थी, लेकिन लोकार्पण के बाद से अधिपत्य स्थानांतरण की फाइल निगमायुक्त के कक्ष में पड़ी है। वहीं बंद पड़ीं आकर्षक लाइटों को बिल नहीं भर पाने के कारण बिजली नहीं मिल पा रही है। बताया जा रहा है कि टेस्टिंग अवधि में जली बिजली से आए एक लाख रुपए का बिल लोक निर्माण विभाग ने नगर निगम के पास भेज दिया है, लेकिन न तो नगर निगम इस बिल को भरने को तैयार है और न ही लोक निर्माण विभाग इस बिल को जमा करा रहा है।

ठेकेदार कचार खम्बे धराशायी संकेतक भी उखड़े
अडूपुरा से विक्की फैक्ट्री तक की गुणवत्ता विहीन सड़क के लोकार्पण के बाद ठेकेदार को इस सड़क पर जगह-जगह संधारण कार्य करना पड़ा। इस सड़क पर लगे चार बिजली के खम्बे वाहनों से टकराकर धराशायी हो चुके हैं। इस सड़क पर लगे मार्ग संकेतक भी उखड़े पड़े हैं। कई उखड़े पड़े संकेतकों और खम्बों को स्थानीय ग्रामीण चुरा ले गए हैं। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सड़क दुर्घटनाओं में खम्बे उखड़ने और मार्ग को हुई क्षति पर संबंधित वाहन चालकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है, लेकिन इन खम्बों को फिर से लगाने एवं घटिया निर्माण कार्य करने वाले ठेकेदार पर कार्रवाई नहीं की जा रही है।

भुगतान रुका
नगर निगम द्वारा इन सड़कों की बिजली व्यवस्था का हस्तांतरण नहीं किए जाने के कारण ठेकेदार का भुगतान भी रुका है। इस कारण इसके हस्तांतरण के लिए जहां लोक निर्माण विभाग के अधिकारी जोर लगाए हैं, वहीं ठेकेदार भी राजनीतिक स्तर पर इस कार्य के लिए जोर लगा रहा है। पता चला है कि यह भुगतान करीब आधा करोड़ रुपए है।

बदल दी गर्इं खंबों की लाइटें?
अडूपुरा से विक्की फैक्ट्री और विक्की फैक्ट्री से चौधरी ढाबा तक नव निर्मित प्रवेश मार्गों के लोकार्पण के तुरंत बाद इस सड़कों पर बिजली व्यवस्था करने वाले ठेकेदार ने खम्बों पर लगी करीब एक सैकड़ा लाइटों को निकाल लिया था। करीब एक माह बाद करीब एक दर्जन खम्बों को छोड़कर अधिकांश लाइटें फिर से लगा दी हैं। इन सड़कों पर बिजली व्यवस्था का ठेका भोपाल की स्पार्क इलेक्ट्रिकल नामक फर्म को दिया गया था। इस कार्य के स्थानीय पेटी ठेकेदार विजय सक्सेना का कहना है कि बिजली की लाइन में आई खराबी के कारण ऐसा किया गया था। उन्होंने लोक निर्माण विभाग (वि/यां) विभाग से प्रमाणित ह्यमे-फेयरह्ण कम्पनी की लाइटें लगाई हैं। सवाल उठता है कि अगर लाइन में फॉल्ट है तो खम्बों पर लगी लाइटों को क्यों निकाला गया। जानकार बताते हैं कि ठेके की शर्तों में निर्धारित कम्पनी के सामान को निकालकर घटिया सामान लगाने के लिए ठेकेदार अक्सर ऐसा करते हैं। ठेके की शर्तों के अनुसार कार्य पूर्णता के बाद से दो वर्ष तक इन लाइटों के संधारण का कार्य ठेकेदार को करना है।

‘‘दोनों ही सड़कों की बिजली व्यवस्था नगर निगम को हस्तांतरित की जानी है। हमने प्रस्ताव नगर निगम के पास भेजा है, लेकिन निगम द्वारा कार्रवाई नहीं की जा रही है। इस दौरान बिल नहीं भरने के कारण बिजली कटी पड़ी है। यह बिल नगर निगम को भरना है।’’


डी.पी. साहू, अनुविभागीय अधिकारी
लोक निर्माण विभाग (वि./यां.) ग्वालियर

Updated : 11 May 2017 12:00 AM GMT
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