मर्यादा पुरुषोत्तम के जन्मोत्सव पर राममय हुई श्रीकृष्ण की जन्मस्थली
प्रमुख मंदिरों में रही पंचामृत अभिषेक के बीच जन्मोत्सव की धूम
मथुरा। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीरामचंद्र का जन्मोत्सव रामनवमी का पर्व बुधवार को अटूट श्रद्धा व आस्था के साथ मनाया गया। राम मंदिरों में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किये गये। श्रीराम जन्म दर्शन, अभिषेक पूजा के दौरान घंटे, शंखों के बीच बधाई गायन, जै राम के जयघोषों से वातावरण गूंज उठा। इस अवसर पर रामलला की भव्य शोभायात्रायें आकर्षक झांकियों के साथ नगर में अलग-अलग निकाली गयीं जिनका मार्ग में जगह-जगह पुष्प वर्षा व आरती के साथ स्वागत किया गया। इन आयोजनों से कृष्ण की जन्मस्थली राममय हो गयी।
रामनवमी पर्व को लेकर पूरे ब्रज में प्रात: से ही उत्साह व उल्लास का माहौल छा गया। राम मंदिरों पर भव्य प्रकाश सजावट, फूल बंगला सजाने में राम भक्त जुटे रहे। धार्मिक कार्यक्रमों की तैयारियां पूर्ण की गयीं।
गली सेठ भीकचंद रामजीद्वारा स्थित प्राचीन मंदिर में रामनवमी पर भव्य सजावट की गयी। मनोहारी फूल बंगला सजाया गया। दोपहर 12 बजे राम जन्म दर्शन व पंचामृत अभिषेक पूजन किया गया। इस दौरान घंटे, शंख, बधाई गायन, जै श्रीराम के जयघोषों से वातावरण गुंजायमान हो गया। भजन, संकीर्तन व धार्मिक कार्यक्रमों का क्रम जारी रहा। सांयकाल मनोहारी फूल बंगला के मध्य भव्य श्रंगार के दर्शनों के लिये श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। इस अवसर पर रामजीद्वारा गली में मेले का आयोजन किया गया जिसमें श्रद्धालुओं ने देर रात तक भरपूर आंनद लिया।
वहीं घीयामंडी स्थित प्राचीन राम मंदिर में भी इस अवसर पर भव्य सजावट की गयी। भक्तिपूर्ण संगीत की ध्वनियों का बिखरना शुरु हो गया। दोपहर 12 बजे रामजन्म दर्शन व पंचामृत से अभिषेक वैदिक मंत्रोच्चारण के मध्य हुआ। इसमें उमड़े भक्तों द्वारा घंटे, शंख बजाकर जै श्रीराम के गगनभेदी जयघोष किये। बधाई गायनों, भजन, संकीर्तन से माहौल रामभक्ति से परिपूर्ण हो गया। इसके बाद सांयकाल मनोहारी फूल बंगले के मध्य भव्य श्रंगार के दर्शन आयोजित किये गये।
श्रीराम जन्म महोत्सव समिति घीयामंडी द्वारा आयोजित श्रीराम जन्म महोत्सव के अंतर्गत सांयकाल रामलला की भव्य शोभायात्रा आकर्षक झांकियों व गाजे-बाजे के साथ घीयामंडी स्थित राम मंदिर से प्रारंभ हुई। प्रमुख बैंडों की सुमधुर ध्वनि के बीच शोभायात्रा में श्रीराम जन्म का डोला आकर्षण का केंद्र बना हुआ था। शोभायात्रा घीयामंडी से चौक बाजार, स्वामी घाट, राजाधिराज बाजार, विश्राम बाजार, छत्ता बाजार, होलीगेट, कोतवाली रोड, भरतपुर गेट होती हुई पुन: घीयामंडी स्थित राम मंदिर पर सम्पन्न हुई। शोभायात्रा का मार्ग में जगह-जगह पुष्प वर्षा व आरती के साथ स्वागत किया गया।
वहीं दूसरी ओर रामलीला सभा के तत्वावधान में श्रीराम नवमी के अवसर पर चित्रकूट पर श्रीराम दरबार मंदिर में राम जन्मोत्सव का अभिषेक किया गया। तत्पश्चात् चित्रकूट से भव्य श्रीराम लला की शोभायात्रा प्रारंभ हुई। शोभायात्रा में विभिन्न झांकियां लोगों के बीच आकर्षक का केंद्र बनी हुई थीं वहीं प्रभु श्रीराम दरबार में रामलला की झांकी अनुपम छटा बिखेर रही थी। शोभायात्रा का मार्ग में जगह-जगह जोरदार स्वागत किया गया व आरती उतारी गयी।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर श्रीरामनवमी का मुख्य आयोजन का शुभारंभ प्रात: से ही भागवत भवन मंदिर में श्रीगणेश, श्रीनवग्रह आदि के पूजन के उपरांत विशेष पूजा-पाठ गुलाब के पुष्पों के साथ किया गया। पुष्पार्चन के उपरांत मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभू श्रीराम की प्राक्ट्य आरती हुई। इसके उरांत भागवत भवन में श्रीराम जी का जन्माभिषेक हुआ।
जन्माभिषेक के मध्य शास्त्रीय मंत्रों की गूंज, शहनाई, ढोल, झांझ, मजीरे एवं मृदंग की ध्वनि से झूमते-नाचते श्रद्धालु संपूर्ण वातावरण को भावमय कर रहे थे। प्रभु श्रीराम जी की विशेष श्रंगार की पोशाक एवं पुष्प सज्जा के मध्य विराजमान भगवान श्रीराम जी के श्रीविग्रह की छवि प्रभु के साक्षात दर्शन का आभास भक्तों को करा रही थी।
भक्तों हेतु श्रीभागवत भवन मंदिर में अभिषेक के उपरांत पंचामृत प्रसाद के साथ-साथ वृहद मात्रा में बधाई रूप में प्रसाद वितरण भी किया गया।