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सावधान! नामचीन कंपनियों की बोतलों में गंदा पानी

सावधान! नामचीन कंपनियों की बोतलों में गंदा पानी
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फैंकी गई खाली बोतलों में रेलवे स्टेशन पर 5 रूपए में बिक रहा है पानी
ग्वालियर|
गर्मी बढ़ने के साथ रेलवे स्टेशनों पर पानी की मांग भी बढ़ गई है। इसको देखते हुए रेलवे स्टेशन पर नशेड़ी, स्मैकची मोटी कमाई कर रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है वह रेलवे ट्रैक, डस्टबिन और अन्य जगहों से यात्रियों द्वारा फेंकी गई बोतलों को ही दोबारा भरकर बेच रहे हैं। स्टेशन पर लगी टंकियों से वह पानी भरते हैं और उसे ठंडा करने के बाद मिनिरल वाटर के दामों में बेच रहे हैं। रेल प्रबंधन माने या न माने लेकिन यह सही है कि ट्रैक पर पड़ी बोतलों में पानी भरकर ट्रेनों में यात्रा कर रहे यात्रियों को बेचा जा रहा है। गर्मी आते ही पानी का संकट खड़ा हो जाता है। तपती दोपहरी में बोगियों में यात्रा करते समय यात्रियों का हलक सूख जाता है। पानी न मिलने पर यात्री औने पौने दाम पर पानी की बोतल लेकर गला तर करने को विवश हो जाते हैं। खासतौर से सामान्य बोगियों में यात्रा कर रहे यात्रियों के साथ तो मजाक किया जा रहा है। इन बोगियों में गरीब तबका ही यात्रा करता है। जिसके पास शुद्ध पानी की बोतल खरीदने की क्षमता नहीं रहती है वह इसी बोतल से काम चला रहे हैं। गर्मी आते ही नशेड़ी, स्मैकचियों का कारोबार तेजी से बढ़ने लगा है। ह्य

स्टेशन की प्याऊ से भरते हैं ठंडे पानी की बोतलें
रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और आसपास के इलाकों में दिन-रात बच्चे और युवक पानी की खाली बोतलें उठाते देखे जाते हैं। यह लोग प्लेटफार्म पर लगी पानी की टंकी से बोतलें भर लेते हैं और उनमें नया ढक्कन और टेप लगाकर 5 से 10 रुपये में यात्रियों को बेच देते हैं। सभी कंपनियों की बोतलों पर निर्देश लिखा रहता है कि पानी पीने के बाद इन्हें तोड़कर नष्ट कर दें, लेकिन आम तौर पर लोग इसका अनुसरण नहीं करते।

करनी पड़ रही है धक्का - मुक्की
स्टेशन पर इन दिनों पानी भरने प्याऊ और वाटर कूलर के पास पहुंचने वाले यात्रियों को एक बोतल पानी भरने के लिए भारी धक्का - मुक्की का सामना करना पड़ रहा है। इन हालातों में सबसे अधिक मुसीबत महिलाओं को उठानी पड़ रही है।

मुनाफे का धंधा
यात्रियों द्वारा फैंकी गईं खाली पानी की बोतलों का धंधा करने वालों को इस काम में मुनाफा ही मुनाफा है क्योंकि वे लोग मुफ्त का पानी यात्रियों को महंगे दामों में बेच रहे हैं। इस पानी का कोई शुद्धीकरण भी नहीं होता, इसलिए उस पर भी कोई पैसा खर्च नहीं होता।

दूसरी कंपनियों की बोतलोें की बिक्री ज्यादा

रेल नीर पानी पर ही रेल यात्री सबसे ज्यादा भरोसा करता है। रेलवे स्टेशन पर रेल नीर मिलना तो दूर दिखना भी मुश्किल भरा हो रहा है। जिसका फायदा उठाते हुए दूसरी कंपनियों का पानी प्लेटफार्म व ट्रेन पर बेचकर लाखों रुपए कमाए जा रहे हैं।

इनका कहना है

वाणिज्य अधिकारियों द्वारा नियमित जांच कराई जाती है, और आरपीएफ भी ऐसे लोगों के खिलाफ अभियान चलाती है। अगर ऐसा हो रहा है तो कार्रवाई की जाएगी।

मनोज कुमार सिंह, पीआरओ, झांसी

Updated : 6 April 2017 12:00 AM GMT
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