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नए टैक्स नियम में करदाताओं द्वारा टैक्स रिटर्न भरने में की देरी तो भरना होगा बड़ा जुर्माना

नए टैक्स नियम में करदाताओं द्वारा टैक्स रिटर्न भरने में की देरी तो भरना होगा बड़ा जुर्माना
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नई दिल्ली।
संसद में नए फाइनेंस बिल पारित होने के साथ ही वित्त वर्ष 2017-18 के लिए नए टैक्स नियम आने वाले हैं। इन नियमों के अनुसार अब इस वित्त वर्ष में करदाताओं द्वारा टैक्स रिटर्न भरने में देरी की गई तो उनसे पांच से दस हजार रुपए तक का जुर्माना वसूला जाएगा।

नए नियमों के अनुसार अब इस वित्त वर्ष में टैक्स रिटर्न भरने में देरी होने की स्थिति में 31 दिसंबर 2018 तक रिटर्न दाखिल करने पर पांच हजार और इस तारीख के बाद रिटर्न भरने पर दस हजार रुपए का जुर्माना वसूला जाएगा। वहीं छोटे टैक्स पेयर्स (5 लाख रुपए तक इनकम) के लिए यह जुर्माना एक हजार रूपए का होगा।

टैक्स संबंधित सभी प्रवधानों ने अब कानून का रूप ले लिया है। इनके तहत कुछ मामलों में टैक्स पेयर्स को राहत को कुछ में अधिक टैक्स देना होगा। इन नए नियमों के तहत 2.5 लाख से 5 लाख रुपए की वार्षिक आय वाले लोगों के लिए टैक्स दर में 10 से 5 फीसदी की कटौती की गई है।

जिसके तहत उन्हें टैक्स में 12,500 रुपए की बचत होगी। एक करोड़ से अधिक वार्षिक आय वालों को 14,806 रुपए की बचत होगी। वहीं 3.5 लाख तक की आय वालों को अब केवल 2,500 रुपए की टैक्स रीबेट मिलेगी। पहले यह पांच हजार थी।

अचल संपत्ति पर टैक्स के लिए केन्द्र सरकार अब 2 साल पुरानी संपत्ति को लॉन्ग टर्म मानेगी। इस बदलाव से अब 2 साल पुरानी संपत्ति को बेचने पर 20 प्रतिशत की दर से टैक्स का भुगतान करना पड़ेगा। अब जिन लोगों की वार्षिक आय पांच लाख रुपए (गैर-कारोबारी इनकम) तक है उनके लिए एक पृष्ठ का टैक्स रिटर्न फॉर्म जारी किया गया है।

वहीं अब राजीव गांधी इक्विटी बचत स्कीम में निवेश पर इस वित्त वर्ष से टैक्स में राहत नहीं मिलेगी। जिन लोगों ने 1 अप्रेल 2017 से पहले ऐसे निवेश पर छूट क्लेम कर लिया है, उन्हें अगले दो वर्षों तक छूट का लाभ दिया जाएगा।

टैक्स पेयर्स को नए नियमों के तहत लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स में हुए बदलाव का फायदा मिलेगा। सरकार ने लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स में टैक्स आंकलन करने के लिए महंगाई और कैपिटल की गणना का वर्ष 1 अप्रैल, 2001 कर दिया है। इससे अब संपत्ति बेचने में मुनाफा कम मिलेगा।

Updated : 24 March 2017 12:00 AM GMT
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