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केरल में माकपाई गुण्डों की बर्बर हिंसा के खिलाफ, जनाधिकार समिति का विशाल धरना कल

केरल में माकपाई गुण्डों की बर्बर हिंसा के खिलाफ, जनाधिकार समिति का विशाल धरना कल
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ग्वालियर| केरल में माकपा सरकार की शह पर माकपाई गुण्डों द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों और राष्ट्रवादियों पर की जा रही बर्बर हिंसा के खिलाफ जनाधिकार समिति ग्वालियर तीन मार्च शुक्रवार को शाम चार से छह बजे तक फूलबाग में विशाल धरना-प्रदर्शन करेगी। धरना उपरांत धरना स्थल पर ही जिलाधीश ग्वालियर को प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर केरल में हो रही बर्बर हिंसा को रोकने और माकपाई गुण्डों को उनके अपराधों की उचित सजा दिलाने हेतु कानूनी कार्रवाई की मांग की जाएगी।

यह जानकारी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह विभाग संघचालक डॉ. राजेन्द्र बांदिल ने बुधवार को संवाददाताओं को दी। इस अवसर पर जिला संघचालक एवं जनाधिकार समिति ग्वालियर के संयोजक विजय गुप्ता, प्रांत सह सम्पर्क प्रमुख डॉ. जे.एस. नामधारी एवं विभाग प्रचार प्रमुख दीपक भार्गव भी उपस्थित थे। डॉ. बांदिल ने कहा कि यद्धपि केरल में सन् 1952 से ही संघ के स्वयंसेवकों सहित अन्य राष्ट्रवादियों पर हिंसा की घटनाएं होती आ रही हैं, लेकिन मई 2016 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद वहां माकपा के सत्ता में आने के बाद हिंसा और हत्या की घटनाओं में तेजी आई है, जो अत्यंत चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि वहां हत्यारे खुले में घूम रहे हैं, जिनके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। हालात यहां तक खराब हैं कि पीड़ित लोग यदि रिपोर्ट दर्ज कराने पुलिस के पास जाते हैं तो उल्टे पीड़ितों पर ही मामले दर्ज कर दिए जाते हैं। इस तरह वहां पूरी तरह कानून विहीन स्थिति बनी हुई है।

डॉ. बांदिल ने बताया कि केरल में बढ़ती बर्बर हिंसा के खिलाफ पूरे देश में चरणबद्ध आंदोलन किया जा रहा है। इसी क्रम में दिल्ली में धरना प्रदर्शन के साथ प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा जा चुका है। शुक्रवार तीन मार्च को ग्वालियर में धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा जाएगा। डॉ. बांदिल ने शहर के सभी नागरिकों और सामाजिक संगठनों से अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर केरल में माकपाई गुण्डों की बर्बर हिंसा के खिलाफ आयोजित इस विरोध प्रदर्शन को बल प्रदान करने की अपील की है।

पांच माह में हत्या की 300 से ज्यादा घटनाएं
डॉ. बांदिल ने बताया कि माकपा शासित केरल में लाल आतंक का लम्बा इतिहास है। स्वतंत्रता के बाद अविभाजित कम्युनिस्ट पार्टी ने राष्ट्रवादियों पर सबसे बड़ा हमला सन् 1948 में संघ के द्वितीय सरसंघचालक श्री गुरुजी द्वारा संबोधित की जा रही बैठक पर किया था। उन्होंने बताया कि सन् 1952 से अब तक केरल में संघ के सैकड़ों कार्यकर्ताओं की हत्या हो चुकी है। मई 2016 से केरल में माकपा की सरकार बनने के बाद से सितम्बर 2016 तक 300 से अधिक हत्याएं हो चुकी हैं। संघ कार्यकर्ताओं पर हुए हमले में अनेक कार्यकर्ताओं के हाथ काट दिए गए, टांगें काट दी गर्इं, गर्दन काट दी गर्इं और अनेक घरों में आग लगाकर माकपाई गुण्डों द्वारा बर्बर हिंसा की गई है। डॉ. बांदिल ने बताया कि केरल प्रदेश में पिछले सात दशकों में रक्त पिपासु मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी काडर द्वारा अपने नेतृत्व की मूक सहमति और मिलीभगत से 250 से अधिक संघ के ऊर्जावान एवं होनहार युवा कार्यकर्ताओं की वीभत्स तरीके से हत्या की गई है तथा स्त्री व पुरुषों को गंभीर चोटें पहुंचाकर उन्हें अक्षम बनाया गया है। संघ के उत्पीड़ित कार्यकर्ताओं की सर्वाधिक संख्या माकपा का गढ़ माने जाने वाले कन्नूर जिले की हैं।

हत्या की ताजा घटनाएं
* 22 मई 2016 को माकपाई गुण्डों द्वारा थ्रिसूर में 33 वर्षीय प्रमोद की हत्या।
*11 जुलाई 2016 को कन्नूर के सी.के. रमन की हत्या।
*03 सितम्बर 2016 को कन्नूर में एम. दिनेश की निर्ममता पूर्वक हत्या।
* 07 अक्टूबर 2016 को 19 वर्षीय युवक विष्णु की हत्या।
* 12 अक्टूबर 2016 को पिनारकी के 28 वर्षीय रेमिथ उधवन की हत्या।
*19 दिसम्बर 2016 को तिरुवंतपुरम में 46 वर्षीय अमित कुमार की हत्या।
* 28 सितम्बर 2016 को भाजपा कार्यकर्ता के घर में आग लगाकर राधाकृष्णन और उनकी पत्नी की हत्या।
*18 जनवरी 2017 को 52 वर्षीय स्वयंसेवक संतोष कुमार की हत्या।

Updated : 2 March 2017 12:00 AM GMT
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