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भारत में पांच दशक से रह रहे थे वांग छी, 54 साल बाद अपने ‘घर’ पहुंचे

भारत में पांच दशक से रह रहे थे वांग छी, 54 साल बाद अपने ‘घर’ पहुंचे
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परिजनों से मिल हो उठे भावुक और रोते रहे

बीजिंग/भोपाल| भारत में पांच दशकों से फंसे पूर्व चीनी सैनिक वांग छी शनिवार को चीन की जमीन पर वापस पहुंचे और अपने रिश्तेदारों से मिल कर वांग छी भावुक हो उठे। वो उनसे गले मिले और काफी देर तक एक-दूसरे को पकड़कर रोते रहे। वांग छी के साथ उनके बेटे, बहू और बेटी भी चीन पहुंचे हैं।

इससे पहले, शनिवार सुबह चीन के लिए उड़ान भरने से पहले उन्होंने तिरोड़ी गांव के लोगों के लिए कहा था, तुम लोग अफसोस मत करो। मैं अपनी जन्मभूमि देखकर वापस आ जाऊंगा।

वहां जाकर मुझे संतोष और खुशी मिलेगी। वांग छी के मुताबिक 1963 में वो गलती से भारत में घुस आए थे। कई साल विभिन्न जेलों बिताने के बाद उन्हें मध्य प्रदेश के तिरोड़ी गांव में छोड़ दिया गया था। उन्होंने मीडिया का शुक्रिया अदा जिसके कारण उनकी कहानी पूरी दुनिया के सामने आई।

सरकार द्वारा वांग को 2 साल का मल्टीपल वीजा जारी किया गया है। साथ ही आर्थिक सहायता भी की गई है। वागं को मल्टीपल वीजा देने के पीछे उन्हें बिना किसी रोक-टोक के भारत और चीन आने-जाने की सुविधा देना है। मध्यप्रदेश सरकार ने वांग के परिवार को पासपोर्ट बनवाने में मदद की और यात्रा के दौरान होने वाले आर्थिक खर्चों को ध्यान में रखते हुए उनकी आर्थिक मदद भी की।

तिरोड़ी में ही बस गए
3 जनवरी 1963 को वांग भारतीय सीमा में घुस आए थे। इन्हें जासूसी के आरोप में भारतीय सेना द्वारा गिरफ्तार किया गया था। कई साल जेल में रहने के दौरान इन पर मुकदमा चला, जिसमें न्यायालय ने इन्हें बेकसूर मानते हुए बरी कर दिया। तब पुलिस इन्हें मध्यप्रदेश के तिरोड़ी गांव छोड़ आई। जहां इन्होंने कई साल आटा चक्की में काम किया और धीरे-धीरे यहीं अपनी दुनिया बसा ली। वांग ने एक स्थानीय युवती से शादी रचाई, जिससे इनके तीन बच्चे हैं।

Updated : 12 Feb 2017 12:00 AM GMT
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