यात्री एक, बैग दस, रेल यात्रा में ऐसा कब तक चलेगा ?
ग्वालियर| ट्रेनों में इन दिनों यात्री कोच में लगेज रखने से यात्री परेशान हो रहे हैं। लगेज की जांच व कार्रवाई की जिम्मेदारी चैकिंग कर्मचारी व रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की है। बगैर बुकिंग लगेज रखने से रेलवे को भी राजस्व नुकसान हो रहा है। दरअसल व्यापारिक काम से इंदौर, भोपाल सहित अन्य शहर के लिए प्रतिदिन आवागमन करने वाले यात्री कोच में ही सामान रख लेते हैं। कोच पर सुरक्षाकर्मी उन्हें उतारने के बजाय इसकी स्वीकृति भी दे देते हैं। नियमों के मुताबिक यात्री अपने साथ 40 किलो तक लगेज लेकर यात्रा कर सकते हंै। इससे अधिक लगेज एसएलआर में बुक करना पड़ता है, लेकिन ट्रेन में बगैर बुकिंग के ही लगेज लाया ले जाया जा रहा है।
ट्रेन में भी लगेज ले जाने की सीमा तय है। लेकिन इसका पालन कोई नहीं करता है। जिसके कारण यात्री तयशुदा सीमा से ज्यादा लगेज लेकर कोच में यात्रा करते हैं। जिससे दूसरे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। स्लीपर क्लास हो या फिर फर्स्ट एसी, हर कोच में लगेज ले जाने की सीमा तय है। ट्रेनों में सामान लेकर चलने वाले अधिकांश यात्री बड़े सूटकेस के साथ ही बहुत सारे बैग लेकर चलते हंै।
स्लीपर कोचों के साथ एसी कोच में भी लगेज
स्लीपर व थर्ड एसी कोच में यात्री अपना भारी लगेज गेट के पास, गलियारे में व सीट के बीच रख देते हैं। अमृतसर से आने वाली छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस, पंजाब मेल, स्वर्ण जयंती, समता एक्सप्रेस, महाकौशल सहित ट्रेनों में अधिकतर यात्री तय सीमा से अधिक सामान लेकर यात्रा करते हैं। जिसके कारण अन्य यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
यात्रियों को चढ़ने में होती है परेशानी
ग्वालियर से करीब 35 ट्रेनों का रोज आवागमन होता है। इन ट्रेनों में जीआरपी,आरपीएफ व रेलवे अधिकारियों के सामने ही कोच में लगेज चढ़ाया जा रहा है। आम कोच के गेट पर अनाज, सब्जी सहित घरेलू सामान रखा होने से यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने-उतरने में मशक्कत करना पड़ती है।
छह गुना वसूली के नियम
रेलवे नियम के मुताबिक यात्रा के दौरान जांच में यात्री के पास 40 किलो से अधिक लगेज पाया गया तो चैकिंग स्टॉफ द्वारा कार्रवाई कर संबंधित यात्री से लगेज की छह गुना दर वसूली का प्रावधान है।
ये हंै नियम
4एसी फस्ट क्लास-70 किलो
4सेकंड एसी-50 किलो
4थर्ड एसी-40 किलो
4स्लीपर क्लास-40 किलो