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केन्द्र ने कहा-विदिशा को हटाने के लिए अनुमति की जरूरत नहीं

केन्द्र ने कहा-विदिशा को हटाने के लिए अनुमति की जरूरत नहीं
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ग्वालियर, विशेष प्रतिनिधि। मप्र उच्च न्यायालय की ग्वालियर खण्डपीठ में गुरुवार को ग्वालियर स्मार्ट सिटी की सीईओ पद से हटाई गर्इं विदिशा मुखर्जी द्वारा लगाई गई याचिका पर सुनवाई की गई। सुनवाई के दौरान बहस में केन्द्र सरकार की तरफ से उपस्थित असिस्टेन्ट सॉलिसिटर जनरल विवेक खेड़कर ने कहा कि विदिशा मुखर्जी की स्मार्ट सीईओ के पद पर नियुक्ति केन्द्र सरकार की अनुमति लेकर नहीं की गई थी लिहाजा उनको पद से हटाने के लिए राज्य सरकार को केन्द्र सरकार से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है। विदिशा मुखर्जी ने याचिका लगाई थी जिसमें कहा गया था कि स्मार्ट सिटी का प्रोजेक्ट केन्द्र सरकार का है इसलिए उनकी स्मार्ट सिटी के पद पर नियुक्ति केन्द्र सरकार के द्वारा की गई थी।

राज्य सरकार को उन्हें स्मार्ट सिटी के सीईओ पद से हटाने व उनका स्थानान्तरण करने से पहले केन्द्र सरकार से अनुमति लेना चाहिए थी। पिछली तारीख पर सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से इसका जवाब मांगा था जिस पर गुरुवार को हुई सुनवाई में केन्द्र सरकार की तरफ से न्यायालय में उपस्थित असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल विवेक खेड़कर ने कहा कि विदिशा मुखर्जी की स्मार्ट सीईओ के पद पर नियुक्ति यूनियन आॅफ इण्डिया द्वारा नहीं की गई है इसलिए उनकी नियुक्ति के लिए केन्द्र से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। राज्य सरकार द्वारा भी कहा गया है कि विदिशा मुखर्जी का काम संतोषजनक नहीं है उन्हें सीईओ पद से हटाने के लिए केन्द्र सरकार से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है साथ ही उनका स्थानान्तरण करने के लिए भी केन्द्र से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। एसडीएम महीप तेजस्वी की नियुक्ति केन्द्र से अनुमति लेकर की गई है। अब इस मामले में विदिशा मुखर्जी की तरफ से अधिवक्ता आरबीएस तोमर को न्यायालय में रिज्वाइन्डर पेश करना है जिसके लिए उन्होंने समय की मांग कर ली है। अब इस मामले की अगली सुनवाई जनवरी के प्रथम सप्ताह में की जाएगी।

Updated : 8 Dec 2017 12:00 AM GMT
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