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तीन तलाक पर विधेयक के मसौदे को मंत्रिमंडल की मंजूरी, शीतसत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक होंगे पेश

तीन तलाक पर विधेयक के मसौदे को मंत्रिमंडल की मंजूरी, शीतसत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक होंगे पेश
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नई दिल्ली। संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा है कि संसद के शीतकालीन सत्र में तीन तलाक संबंधी विधेयक, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग संबंधी विधेयक और राज्यों को वस्तु एवं सेवाकर राजस्व की हिस्सेदारी समेत तीन अध्यादेश महत्वपूर्ण हैं। इसके साथ ही अनुदान संबंधी मांगों को पेश किया जाएगा।

गुरुवार को संसद भवन परिसर में हुई सत्तापक्ष की ओर से आहुत सर्वदलीय बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने उक्त जानकारी देते हुए कहा कि बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी दलों के नेताओं से शीतकालीन सत्र को सफल और फलदायी बनाने की अपील की है। उन्होंने सभी दलों से इस सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए सहयोग मांगा है।

कुमार ने बताया कि बैठक में प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराए जाने चाहिए। उन्होंने इस बारे में सभी दलों के नेताओं से गंभीरतापूर्वक विचार करने का आग्रह किया। वहीं, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में उन्होंने सत्तापक्ष और विपक्ष समेत सभी दलों से शीतकालीन सत्र को सुचारू और शांतिपूर्ण ढ़ंग से चलाए जाने में सहयोग की अपील की।

तीन तलाक पर विधेयक के मसौदे को मंत्रिमंडल की मंजूरी

केंद्र सरकार ने मुस्लिम महिलाओं को उनके शादीशुदा जीवन को सुरक्षा प्रदान करने का कदम उठाते हुए तीन तलाक विधेयक के मसौदे को मंजूरी प्रदान कर दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की शुक्रवार को हुई बैठक में उस मसौदे को मंजूरी दी गई जिसमें एक बार में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) को गैरकानूनी और अमान्य ठहराया जा सकेगा। मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी प्रदान किए गए इस विधेयक के तहत पत्नी को तीन तलाक देने वाले पति को सजा का भी प्रावधान है। इस विधेयक को अब संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान दोनों सदनों में पेश किया जाएगा। समझा जा रहा कि यह विधेयक अगले सप्ताह संसद में पेश किया जा सकता है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में तीन तलाक विधेयक को मंजूरी प्रदान की गई। गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाले अंतर-मंत्रालयी समूह ने विधेयक का मसौदा तैयार किया था। इस समूह में वित्त मंत्री अरूण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और कानून राज्यमंत्री पीपी चौधरी शामिल थे।

यह प्रस्तावित कानून सिर्फ एक बार में तीन तलाक के मामले में लागू होगा और इससे पीड़िता को उचित गुजारा भत्ते की मांग का अधिकार मिलेगा। उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने भी बीते अगस्त माह में एक बार में तीन तलाक को गैरकानूनी और असंवैधानिक करार दिया था और केंद्र को छह माह में इसके लिए कानून बनाने का कहा था।

Updated : 15 Dec 2017 12:00 AM GMT
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