देश-विदेश के जाने-माने साधक देंगे स्वरांजलि
-तानसेन संगीत समारोह 22 से, कलाकारों की सूची जारी
ग्वालियर। भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश के सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव ‘तानसेन संगीत समारोह’ की इस साल अलग ही छठा होगी। पांच दिनी तानसेन समारोह का आयोजन ग्वालियर में 22 से 26 दिसम्बर तक होगा। देश एवं विदेश से आ रहे ब्रम्हनाद के शीर्षस्थ साधक इन संगीत सभाओं में गान मनीषी तानसेन को स्वरांजलि अर्पित करेंगे। उस्ताद अलाउद्दीन खाँ संगीत एवं कला अकादमी ने इस साल के तानसेन समारोह के लिए कलाकारों की सूची जारी कर दी है।
तानसेन समारोह की पूर्व संध्या 21 दिसम्बर की शाम उपशास्त्रीय संगीत कार्यक्रम ‘गमक’ का आयोजन हजीरा-जेसी मिल रोड पर होगा। जिसमें भजन गायक अनूप जलोटा भजनों की प्रस्तुति देंगे। इस बार समारोह में कुल 9 संगीत सभाएं होंगी। पहली 7 संगीत सभाएं सुर सम्राट तानसेन की समाधि एवं मोहम्मद गौस के मकबरा परिसर में भव्य एवं आकर्षक मंच पर सजेंगी। समारोह की आठवीं सभा सुर सम्राट तानसेन की जन्मस्थली बेहट में झिलमिल नदी के किनारे सजेगी। किला परिसर स्थित गूजरी महल के समीप समारोह की नौवीं एवं आखिरी संक्षिप्त संगीत सभा 26 दिसम्बर को शाम आयोजित होगी।
विश्व संगीत की प्रस्तुतियां होंगी आकर्षण
संगीत समारोह में भी गत वर्ष की भाँति विश्व संगीत को भी शामिल किया गया है। समारोह में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विदेशी संगीत साधक प्रस्तुतियां देंगे। इनमें स्वीडन व रशिया आदि देशों के स्थापित कलाकार शामिल हैं।
प्रथम सभा (सायंकालीन)- 22 दिसम्बर तानसेन समाधि स्थल पर होगी जिसमें पं. उल्हास कसालकर पुणे गायन, सुवेन्द्र राव दिल्ली सितार वादन तथा संजीव झा एवं मनीष कुमार भोपाल ध्रुपद गायन जुगलबंदी रहेगी।
देश-विदेश के जाने-माने साधक देंगे स्वरांजलि
जोन्हेस मॉलर स्वीडन गिटार वादन, धनंजय हेगड़े मुम्बई गायन, सचिन मनोहर पटवर्धन इंदौर स्पैनिश वीणा और जनाब मुन्ने खाँ, जनाब शफीक हुसैन व जनाब आबिद हुसैन भोपाल की सारंगी तिगलबंदी।
तृतीय सभा (सायंकालीन) - 23 दिसम्बर
अनुज प्रताप सिंह ग्वालियर ध्रुपद गायन, सुश्री पूर्वी निमगांवकर इंदौर गायन, अखिलेश गुंदेचा एवं साथी भोपाल पखावज वृंद और श्रीयुत श्रीनिवास जोशी पुणे गायन।
चतुर्थ सभा (प्रात: कालीन)-24 दिसम्बर
डायनेबो रिन्टा एवं मिखैल युशैनिन रशिया बाँसुरी-आॅर्गन, सुश्री दुर्गा शर्मा जबलपुर वायोलिन वादन, नवल किशोर मलिक नई दिल्ली ध्रुपद गायन एवं जनाब आमिर खाँ भोपाल सरोद।
पाँचवी सभा (सायंकालीन)- 24 दिसम्बर
सुरेश गंधर्व नईदिल्ली गायन, मैहर वाद्य वृंद मैहर, जनाब हफजल हुसैन औरंगाबाद ध्रुपद गायन, सुश्री कल्पना झोकरकर एवं सुश्री अनुजा झोकरकर इंदौर युगल गायन
छठवीं संगीत सभा (प्रात:कालीन)- 25 दिसम्बर
सुश्री अमिता सिन्हा दिल्ली ध्रुपद गायन, अंशुल प्रताप सिंह भोपाल एवं ऋषि कुमार उपाध्याय दिल्ली तबला-पखावज जुगलबंदी, योगेश हंसवाडकर बैंगलोर गायन एवं अंकुर धारकर ग्वालियर वायोलिन वादन।
सातवीं सभा (सायंकालीन)- 25 दिसम्बर
पुष्कर लेले पुणे गायन, चेतन जोशी दिल्ली बाँसुरी वादन, कैवल्य कुमार गुरव धारवाड़ गायन एवं सुश्री सुनंदा शर्मा दिल्ली गायन।
आठवीं सभा (प्रात:काल)- 26 दिसम्बर, बेहट
जनाब जावेद उस्मानी भोपाल गायन, विनायक शुक्ला व विजय सेठ ग्वालियर तबला जुगलबंदी और ऋषि जैन व शरद जैन ग्वालियर युगल गायन।
नौवीं एवं अंतिम संगीत सभा (सायंकालीन)-26 दिसम्बर - गूजरी महल
कपूर नागर भोपाल क्लेरोनेट एवं सुश्री स्मिता मोकाशी इंदौर गायन। इस सभा का मुख्य आकर्षण पं. भजन सोपोरी वाराणसी का संतूर वादन होगा।
हरिकथा व मीलाद गायन से होगा शुभारंभ:- समारोह के शुभारंभ दिवस को प्रात: तानसेन की समाधि पर सामाजिक समरसता के सजीव दर्शन होते हैं। इस बार भी 22 दिसम्बर को प्रात: पारंपरिक रूप से हरिकथा व मीलाद के गायन के साथ ‘तानसेन समारोह’ का शुभारंभ होगा।