उपचार की आस में तीन दिन तक पड़ा रहा वृद्ध टीन शैड के नीचे
-संवेदना शून्य होता जयारोग्य प्रबंधन, आए दिन बनते है इस तरह के हालात
-शर्मसार करने वाली तस्वीर
-लोगों के हस्तक्षेप के बाद सहायक अधीक्षक ने कराया भर्ती
ग्वालियर। शासन द्वारा वृद्धों के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन अंचल के सबसे बड़े अस्पताल जयारोग्य में इंसानियत को शर्मसार करने वाली तस्वीर सामने आई है। जिसमें एक बुजुर्ग पिछले करीब तीन दिनों से टीन शैड के नीचे पड़ा हुआ था। बुजुर्ग की स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी थी कि वह ठीक से खा पी भी नहीं पा रहा था। बुजुर्ग के मुंह में इतने कीड़े लग चुके थे कि वह ठीक से बोल भी नहीं पा रहा था। लेकिन इलाज तो दूर उसकी तरफ न तो अस्पताल के किसी कर्मचारी ने देखा और न ही सुरक्षाकर्मियों ने उसकी सुध ली। बाद में लोगों के हस्तक्षेप के बाद बुजुर्ग को सहायक अधीक्षक ने भर्ती करवा कर प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराया। दरअसल मामला जयारोग्य चिकित्सालय के पत्थर वाले भवन के सामने बने टीन शैड का है। जहां पिछले तीन दिनों से एक बीमारी के चलते एक वृद्ध तड़प रहा था। पता करने पर मालूम हुआ कि यह तीन दिन से यहां ऐसे ही पड़ा है, कोई इसे यहां छोड़कर चला गया है। इस मामले में सबसे बड़ी बात तो यह है कि अस्पताल परिसर में सुरक्षाकर्मी 24 घंटे ड्यूटी पर रहते हैं, फिर भी वृद्ध का हालचाल जानने की जहमत किसी ने नहीं उठाई और न ही अस्पताल के किसी स्टॉफ ने बूढ़े व्यक्ति को उपचार दिए जाने की कोशिश की। बुजुर्ग ही हालत देख रविवार की सुबह कुछ लोगों ने इसकी सूचना जिलाधीश राहुल जैन एवं अस्पताल के सहायक अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र नरवरिया को दी। जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन हरकत में आया और डॉ. नरवरिया ने बुजुर्ग को कैंसर रोग विभाग में उपचार के लिए भर्ती भी कराया। सहायक अधीक्षक डॉ. नरवरिया ने बताया कि बुजुर्ग के पड़े होने की सूचना उन्हें मिली थी, साथ ही जिलाधीश का भी फोन आया था। बुजुर्ग को भर्ती करवा दिया गया है। इसके साथ ही सुरक्षाकर्मियों को निर्देश दिए हैं कि अस्पताल परिसर में अगर कोई लावारिस अवस्था में पड़ा हुआ है तो उसकी सूचना तत्काल दी जाए, जिससे उसे उपचार उपलब्ध कराया जा सके।
बायोप्सी के बाद पता चलेगी बीमारी
कैंसर रोग विभाग के चिकित्सक डॉ. संजय सिंह चंदेल ने बताया कि बुजुर्ग के मुंह में बहुत ज्यादा घाव हो चुका है, उम्र ज्यादा होने के कारण बुजुर्ग का दिमागी संतुलन भी ठीक नहीं है। बुजुर्ग कौन है इसकी अभी कोई जानकारी नहीं है, बुजुर्ग की बायोप्सी की जांच होने के बाद ही पता चलेगा कि उसे कौन सी बीमारी है।
नर्स ने मंगाए घर से कपड़े
कैंसर रोग विभाग में भर्ती होने के बाद वार्ड में पदस्थ स्टॉफ नर्स शील पटेल ने बुजुर्ग के मुंह की सफाई कर पूरे कीड़े निकाले, साथ ही बुजुर्ग के पास पहनने के लिए कपड़े न होने के चलते नर्स ने अपने घर से बुजुर्ग के लिए कपड़े मंगाए और उसे पहनने के लिए दिए।