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ताला तोड़कर बलात उठाई गोडसे प्रतिमा

ताला तोड़कर बलात उठाई गोडसे प्रतिमा
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-हिन्दू महासभा का आरोप ब्रिटिश शासन की तरह हुई कार्रवाई
ग्वालियर/ विशेष प्रतिनिधि। हिन्दू महासभा कार्यालय दौलतगंज पर स्थापित की गई नाथूराम गोडसे की प्रतिमा विवादों और तनाव के चलते पुलिस और प्रशासन ने उठा ली। यह प्रतिमा मात्र छह दिन तक स्थापित रह सकी। इसके लिए कलेक्टर राहुल जैन ने मंगलवार को दोपहर 3 बजे आदेश जारी किया कि एक घण्टे के भीतर प्रतिमा हटाई जाए। इस आदेश के खिलाफ हिन्दू महासभा नेता हाईकोर्ट की तरफ भागे। लेकिन एक घण्टा गुजरने के बाद लगभग 4.30 बजे भारी पुलिस बल की मौजूदगी में हिन्दू महासभा कार्यालय का ताला तोड़कर गोडसे प्रतिमा एक वाहन में रखकर ले जाई गई। हिन्दू महासभा ने इस कार्यवाही को ब्रिटिश शासन की याद दिलाने वाला बताया हैं, वहीं बिना किसी आंदोलन के प्रतिमा हटने पर कांगे्रस ने इसे अपनी विजय कहा है। उल्लेखनीय है कि हिन्दू महासभा ने 15 नवम्बर को फाइवर ग्लास की नाथूराम गोडसे की प्रतिमा अपने कार्यालय पर स्थापित कर पूजा-अर्चना शुरू कर दी थी, जिससे महात्मा गांधी के हत्यारे का महिमा मंडित करने का आरोप लगाते हुए कांगे्रस और गांधीवादी विचारक खफा होकर आंदोलन पर उतारू थे।

तब एडीएम शिवराज वर्मा ने 16 नवम्बर को हिन्दू महासभा नेता जयवीर भारद्वाज को नोटिस जारी कर पांच दिन के भीतर प्रतिमा हटाकर जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। श्री भारद्वाज ने सोमवार को नोटिस के साथ पुलिस अधीक्षक एवं थाना कोतवाली टीआई का प्रतिवेदन लेने के बाद मंगलवार को एडीएम के समक्ष अपना जवाब प्रस्तुत किया, जिस पर उनसे कहा गया कि इस मामले में थोड़ी देर बाद कलेक्टर राहुल जैन सुनवाई करेंगे। फिर श्री जैन ने सुनवाई की और गोडसे प्रतिमा को लोकार्पण को बिना किसी समक्ष अधिकारी की अनुमति के लगाना पाते हुए मप्र सार्वजनिक स्थान (धार्मिक भवन एवं गतिविधियों का विनिमय) अधिनियम 2001 का उल्लंघन माना। श्री भारद्वाज को आदेशित किया गया कि वे आदेश की प्रति मिलने के एक घण्टे के भीतर अप्राधिकृत संकर्म को हटा लें, अन्यथा थाना प्रभारी कोतवाली इसे बलात हटाने की कार्यवाही करेंगे।

कलेक्टर का आदेश मिलने के बाद श्री भारद्वाज स्थगन लेने के लिए हाईकोर्ट की तरफ चले गए, लेकिन 3.30 बजे कोर्ट बंद हो गए। ऐसे में वे वकीलों से सलाह करते रह गए। इधर एक घण्टा गुजरते ही एसडीएम विजयराज, एडीशनल एसपी दिनेश कौशल टीआई कोतवाली मय पुलिसबल के मौके पर जा पहुंचे। गोडसे की प्रतिमा प्रथम तल के एक तालाबंद कमरे में रखी थी, तब निगमकर्मियों ने उस ताले को तोड़कर कमरे में प्रवेश किया और प्रतिमा पर कपड़ा ढककर हाथों से उठाकर नीचे ले आए, यहां एक पुलिस वाहन में प्रतिमा अज्ञात स्थान पर ले जाई गई। जिस कमरे में प्रतिमा रखी थी उस कमरे को नया ताला लगाकर सील कर दिया गया। इस बीच एक कार्यकर्ता कपिल भारद्वाज ने अखण्ड भारत के नारे लगाए तो उसे धारा 151 में बंद कर दिया। मात्र कुछ घण्टो में हुए घटनाक्रम से सभी हतप्रभ रह गए।

Updated : 22 Nov 2017 12:00 AM GMT
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