Home > Archived > भारत की आर्थिक स्थिति सुधरी

भारत की आर्थिक स्थिति सुधरी

भारत की आर्थिक स्थिति सुधरी
X



देश में भले ही सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना हो रही हो, लेकिन देश की आर्थिक स्थिति पिछली सरकारों के मुकाबले दु्रत गति से वृद्धि करती हुई दिखाई दे रही है। इसको प्रमाणित करने के लिए अमेरिका से एक बहुत ही अच्छी खबर आई है, जिसमें आर्थिक मोर्चे पर आलोचना करने वाले राजनीतिक दल विशेषकर कांगे्रस को दर्पण दिखाने का प्रयास किया है। आर्थिक विकास को रेटिंग करने वाली विश्व की महत्वपूर्ण एजेंसी मूडीज इनवेस्टर सर्विसेज ने भारत की आर्थिक विकास दर की प्रशंसा की है। हमें पता होना चाहिए कि देश के प्रधानमंत्री पद पर आसीन रहने वाले अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में भी ऐसा चमत्कार देखने को नहीं मिला। उस समय देश की अर्थ व्यवस्था के प्रति विदेशों में नकारात्मक रुख था। मूडीज की रेटिंग के हिसाब से भी भारत को नकारात्मक स्थिति की श्रेणी में जगह मिली थी। यह रेटिंग वर्ष 2015 तक जारी रही। मोदी सरकार के कदमों की वजह से 2015 में देश की अर्थ व्यवस्था में व्यापक परिवर्तन देखने को मिला, जिसके कारण मूडीज ने भारत को सकारात्मक आर्थिक विकास की श्रेणी में रखा। यहीं से देश की आर्थिक समृद्धि का मार्ग तैयार हुआ। आज मूडीज ने स्वयं माना है कि अब भारत ऐसे स्थान पर पहुंच चुका है, जहां से नीचे जाना असंभव है, इसलिए मूडीज ने भारत को स्थिर श्रेणी बताया है। मूडीज इनवेस्टर सर्विसेज ने भारत की सोवरिन रेटिंग बीएए3 से सुधारकर बीएए2 कर दी है। विश्व की संस्था मूडीज की यह रेटिंग भारत के विकास के लिए सकारात्मक संदेश लेकर आई है। इससे जहां विदेशी निवेशकों के मन में भारत की अच्छी छवि का प्रादुर्भाव होगा, वहीं विदेशी निवेशक अब भारत में निवेश करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। वे खुलकर निवेश करने को तैयार रहेंगे।

भारत के प्रति विश्वास बढ़ने का एक आशय यह भी है कि विश्व के कई देशों में भारत के प्रति नजरिया में बदलाव आएगा। यहां यह बात कहना भी उल्लेखनीय ही होगा कि पहले भारत में निवेश करने का मतलब पैसा डुबाना ही समझा जाता था, इस कारण अब यह स्थिति बदली है। विश्व की तमाम रेटिंग एजेंसियों ने भारत की रेटिंग, सुरक्षित निवेश के लिहाज से बिल्कुल ही निचले पायदान पर रखा था। केन्द्र में नरेन्द्र मोदी के सत्ता में आने के बाद आर्थिक मोर्चे पर कई प्रकार के ऐसे काम करने शुरु किए, जिससे भारत की अंतरराष्ट्रीय रेटिंग में सुधार आए। इन प्रयासों के कारण ही आज आर्थिक मोर्चे पर भारत की स्थिति ठीक कही जाने लगी है। रेटिंग में यह व्यापक सुधार 13 सालों बाद हुआ है। जबकि नजरिए में पहली बार बदलाव 2015 में हुआ था, जब इसे नकारात्मक से सकारात्मक किया गया जबकि अब इसे स्थिर कर दिया गया है। रेटिंग सुधारने के फैसले के पीछे मूडीज का तर्क है कि आर्थिक व संस्थागत सुधारों में निरंतरता से ऊंची विकास दर की संभावनाओं को आने वाले समय में बल मिलने की संभावना है। साध ही मध्यम अवधि में सरकारी कर्ज का बोझ घटेगा। हालांकि एजेंसी ने कर्ज के मौजूदा ऊंचे स्तर को लेकर आगाह किया है. मूडीज की राय में कई महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार अभी भी डिजाइन के स्तर पर ही है, फिर भी वो ये मानती है कि अब तक जिन सुधारों पर अमल हुआ है उससे सरकार को कारोबारी माहौल सुगम बनाने, उत्पादकता बढ़ाने, देसी-विदेशी निवेश बढ़ाने और विकास दर में मजबूती व स्थिरता के लक्ष्य को समय से पहले हासिल करने में मदद मिलेगी। चूंकि यहां विकास की संभावनाएं काफी मजबूत हैं, ऐसे में सुधारों से विभिन्न घटनाक्रम के झटकों से मजबूती से निबटने में मदद मिलेगी।

Updated : 18 Nov 2017 12:00 AM GMT
Next Story
Top