नन्दन में 23वां कोलकाता फिल्मोत्सव, उमड़ी दर्शकों की भीड़

नन्दन में 23वां कोलकाता फिल्मोत्सव, उमड़ी दर्शकों की भीड़
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कोलकाता। नन्दन में 23वां कोलकाता फिल्मोत्सव के अवसर पर रविवार दर्शकों की भारी भीड़ देखी गई। सुबह से लेकर शाम तक फिल्म प्रेमी अपना अड्डा जमाए दिखाई दिए। दर्शकों ने विभिन्न तरह के बुलेटिन संग्रह किया, तो कभी टिकट, तो कभी फ्री पास इकट्ठा करने में व्यस्त रहे और इसी लिए लोगों की काफी लम्बी कतार दिखाई दी।

फिल्मोत्सव के दौरान नन्दन 1-ए में ‘रिडउटेबल’ एक जीवनी दिखाई गई। जिसे देखने के लिए लम्बी कतार देखी गई। इस अफरा-तफरी व व्यस्तता के बीच कोई भी दुर्घटना नहीं हुई। इस दौरान विभास मुखर्जी की 'चलचित्र चर्चा' एक पत्रिका प्रकाशित की गई। यह पत्रिका ‘ऋत्विक घटक’ नामक व्यक्ति के 40 प्रबन्धों का संग्रह है। प्रकाश झा ने ‘लूक थ्रू’ शीर्षक से एक प्रदर्शनी का प्रदर्शन किया।
जिसमें सत्यजित राय की ‘पथेर पांचाली’ फिल्म की शूटिंग के दौरान व्यवहृत कैमरा ‘मिचेल’ को दिखाया गया। इसके अलावा नन्दन-02 में ‘बंगाली ईन बॉलीवुड’ की प्रदर्शनी की गई।

इस उत्सव में दो बांग्ली फिल्में-पहला शैवाल मित्र की ‘चित्रकर’ एवं दूसरा इन्द्राशिस आचार्य की ‘पिऊपा’ आकर्षक रहे हैं। इन दोनों फिल्मों को भारतीय भाषा चलचित्र प्रतियोगिता के लिए चुना गया है। शैवाल मित्र की फिल्म ‘चित्रकर’ में दो अहम चरित्र का अभिनय धृतिमान चटर्जी एवं अर्पिता चटर्जी ने किया है।

इस फिल्म की कहानी एक अन्धी चित्रशिल्पी विजन बोस के जीवन पर आधारित है। जिसमें विनोद बिहारी मुखर्जी द्वारा लिखित रोल को चित्रकार के रूप में दर्शाया गया है। इस भूमिका को विजन बोस ने बेहद आकर्षित रूप में दर्शाया है। जो कि हर दर्शक के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने इसमें जीवन से जुड़ी सच्चाइयों को बाखूबी दर्शाया है। इसके अलावा फिल्म ‘चित्रकर’ में अरुण मुखर्जी, देवदूत घोष, शुभ्रजीत दत्त ने अभिनय किया है।

दूसरी आकर्षक फिल्म ‘पिऊपा’ की कहानी एक शुभ्र एवं उसके चाचा को लेकर बनाई गई है। इस फिल्म में दोनों मेधावी लेकिन आदर्श एवं सांस्कृति व्यक्ति के रूप में दिखाए गए हैं। शुभ्र के पिता ने नौकरी के दायित्व छोड़ना चाहते हैं। जबकि शुभ्र के चाचा इस बात को ‘माया’ के अलावा कुछ और मानने के लिए राजी नहीं हैं। इसी बात को लेकर यह फिल्म ‘पिऊपा’ बनाई गई है।
इस फिल्म में राहुल एवं कमलेश्वर मुखर्जी ने अभिनय किया है। इस उत्सव के लिए नन्दन रवीन्द्र सदन, शिशिर मंच सहित कोलकाता के 12 प्रेक्षागृह को रंग-बिरंगे पोस्टरों से सजाया गया। उत्सव 17 नवम्बर तक चलेगा। इसमें देश-विदेश के भी दर्शकों की भारी भीड़ शुक्रवार से ही देखी गई।

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