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सोलह कलाओं से परिपूर्ण चांद करेगा अमृत वर्षा

सोलह कलाओं से परिपूर्ण चांद करेगा अमृत वर्षा
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-सर्वार्थ सिद्घि योग में पांच को मनेगी शरद पूर्णिमा
-चांद की किरणों से औषधि बनेगी खीर, होगा रोगों का विनाश

ग्वालियर
। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात चांद की रोशनी में खीर बनाकर रखने से वह औषधि का रूप ले लेती है, जिसे खाने से कई रोगों का विनाश हो जाता है। अश्विन शुक्ल पूर्णिमा (शरद पूर्णिमा) इस बार पांच अक्टूबर गुरुवार को मनाई जाएगी। इस दिन चन्द्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होगा। इस दिन चार वर्ष बाद सवार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। ज्योतिषाचार्य पं. सतीश सोनी के अनुसार शरद पूर्णिमा को बीमारियों से ग्रस्त लोगों के लिए चांदनी रात में खीर का प्रसाद लेना बहुत ही लाभकारी होता है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार गुरुवार को रात 9.25 बजे सर्वार्थ सिद्घि योग शुरू हो रहा है। इस रात भगवान श्रीकृष्ण को चावल व गाय के दूध से बनी खीर का भोग लगाया जाता है। इसके बाद खीर को चांदनी रात में खुले आसमान में रखा जाता है। चांद की किरणों के संपर्क में जब यह खीर आती है तो यह एक औषधि का रूप ले लेती है, जिसका सेवन करने से रोगियों के रोग दूर होते हैं।

मंदिरों में होंगे धार्मिक आयोजन

गुरुवार को शहर के विभिन्न मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठानों के साथ शरद पूर्णिमा धूमधाम से मनाई जाएगी। साथ ही मंदिरों में खीर की प्रसादी वितरित की जाएगी। शहर के अचलेश्वर मंदिर पर नौ अक्टूबर को श्रद्धालुओं को खीर का प्रसाद वितरित किया जएगा।

Updated : 3 Oct 2017 12:00 AM GMT
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