इंजीनियरिंग छात्रों ने निष्कासन के विरोध में लगाई याचिका

उच्च न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रखा
ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय ने गुंडागर्दी और लड़कियों से छेड़छाड़ के मामले में सात इंजीनियरिंग छात्रों को निष्कासित किया था। उनमें से शिवम अवस्थी ने उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ में अपने अधिवक्ता के माध्यम से निष्कासन को चुनौती देते हुए याचिका दायर की है।
शुक्रवार को युगलपीठ के न्यायाधीश शील नागू और न्यायाधीश श्री धर्माधिकारी के समक्ष जीवाजी विश्वविद्यालय की अधिवक्ता अनुराधा सिंह ने अपने तर्क पेश करते हुए कहा कि इंजीनियरिंग छात्र शिवम अवस्थी, नीरज यादव, शिवमोहन तोमर, जुगल किशोर, संजय पटेल, मनीष मालवीय और चंदन शर्मा को जीवाजी विश्वविद्यालय प्रशासन ने निष्कासित किया है। इसमें कुछ छात्रों की एटीकेटी भी आई है। इनका चरित्र आपराधिक किस्म का है। वहीं कुछ दिन पहले प्राक्टोरियल बोर्ड के समझ भी इन सभी छात्रों ने माफी भी मांगी थी। इसके बाद भी जीवाजी विश्वविद्यालय में इन सभी ने छात्राओं को परेशान किया और शिक्षा के मंदिर को बदनाम किया है। न्यायालय ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा है।