इस्लामाबाद सार्क शिखर सम्मेलन रद्द होना लगभग तय

इस्लामाबाद सार्क शिखर सम्मेलन रद्द होना लगभग तय
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नई दिल्ली। भारत समेत कुछ और देशों के इस्लामाबाद सार्क शिखर सम्मेलन का बहिष्कार करने के निर्णय के बाद सम्मेलन का रद्द होना लगभग तय है।
सूत्रों ने कहा कि चार देशों के बहिष्कार के बाद सम्मेलन के आयोजन का कोई औचित्य नहीं बचता। भारत के अतिरिक्त अफ़ग़ानिस्तान, भूटान और बांग्लादेश ने भी नवम्बर में होने वाले सम्मेलन में भाग लेने पर अपनी असमर्थता जताई है, यद्यपि आधिकारिक तौर पर केवल भारत, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश से ही ऐसे समाचार मिले हैं।

भारत, पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, अफ़ग़ानिस्तान, भूटान, श्रीलंका और मालदीव सार्क के सदस्य देश हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया की इस माहौल में जब अधिकतर देश सम्मेलन का बहिष्कार कर रहे हैं, इस्लामाबाद सम्मेलन के आयोजन का औचित्य नहीं बनता. परंतु अभी तक कोई औपचारिक सूचना नहीं दी गई है। अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति डॉ अशरफ घनी ने कहा कि मौजूदा हालात में उन्हें अफ़ग़ानिस्तान में ही रहना चाहिए. इसलिए वह सार्क सम्मेलन के लिए इस्लामाबाद नहीं जा सकते।

सूत्रों के अनुसार अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति ने नेपाल स्थित सार्क सचिवालय को एक पत्र लिखा है जिसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति होने के साथ-साथ अफ़ग़ानिस्तान के सेना अध्यक्ष के नाते उनकी कुछ ज़िम्मेदारियां हैं । इस कारण वह कुछ ज़्यादा व्यस्त रहेंगे और सार्क सम्मेलन में भाग लेने नहीं जा सकेंगे। डॉ. घनी ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में हिंसा और ''उनपर थोपा हुआ आतंकवाद'' इस बात की आज्ञा नहीं देते कि वह इस समय देश से बाहर जाएँ. उनका इशारा पाकिस्तान की ओर से फैलाए जा रहे आतंकवाद से था। नई दिल्ली में बांग्लादेश के राजदूत सईद मुअज़्ज़म ने कहा कि उरी आतंकी हमले के बाद सार्क सम्मेलन के आयोजन के लिए यह उपयुक्त समय नहीं है। उन्होंने कहा, पाकिस्तान इस फोरम का सदस्क्षेय है और उसे क्षेत्रीय शांति-सद्भावना बढ़ाने में सहयोग करना चाहिए।

सूत्रों के अनुसार भूटान ने भी मौजूदा हालात में सम्मेलन में भाग लेने पर असमर्थता जताई है। भूटान ने कहा है कि आतंकवाद के कारण क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को पहुंचे नुकसान से अन्य देशों की तरह वह भी दुखी है। क्षेत्र में बढ़ते हुए आतंकवाद पर वह चिंतित है और ऐसे माहौल में सार्क सम्मेलन होने का मतलब नहीं।
दूसरी ओर पाकिस्तान ने भारत के इस निर्णय को ''दुर्भाग्यपूर्ण'' बताया और कहा कि उसे अभी तक भारत की ओर से कोई औपचारिक सन्देश नहीं मिला है।पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक वक्तव्य में कहा भारत ने पाकिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करके अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों और संयुक्त राष्ट्र के चार्टर का उल्लंघन किया है। प्रवक्ता ने कहा, पाकिस्तान पूरे क्षेत्र में शांति और आपसी सहयोग के लिए कटिबध्द है और क्षेत्र के लोगों के हित के लिए इस दिशा में कार्य करता रहेगा।

सार्क शिखर सम्मेलन नवम्बर में इस्लामाबाद में होने वाला था। परंतु भारत ने मंगलवार रात्रि घोषणा की कि वह इस सम्मलेन का बहिष्कार करेगा। भारत ने यह निर्णय उरी में पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा हमले के बाद लिया. सैनिक शिविर पर हुए इस हमले में भारतीय सेना के 18 जवान शहीद हो गए थे।

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