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अब पहले जैसी नहीं रही शताब्दी एक्सप्रेस, हबीबगंज बनती जा रही है पहली पसंद

अब पहले जैसी नहीं रही शताब्दी एक्सप्रेस, हबीबगंज बनती जा रही है पहली पसंद
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ग्वालियर। नई दिल्ली से हबीबगंज के बीच चलने वाली शताब्दी एक्सप्रेस का हाल भी आम ट्रेनों की तरह होने लगा है। कभी इस ट्रैक पर सबसे तेज गति से भागने वाली शताब्दी एक्सप्रेस के स्टॉपेज बढऩे से आए दिन लेट लतीफ होने लगी है। वहीं वीआईपी कही जाने वाली इस ट्रेन में पूर्व में यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलती थीं, लेकिन अब उसमें में भी कमी आने लगी है।
इस ट्रेन में कभी यात्रियों के लिए खाना कम पड़ जाता है, कभी कोच का एक्सेल गर्म होकर टूट जाता है, तो कभी कोच में बिजली बंद हो जाती है। महंगा किराया अदा करने के बाद भी शताब्दी एक्सप्रेस के यात्री परेशान होकर अब अन्य ट्रेनों से यात्रा करना उचित मानने लगे हैं।

रेलवे में जब वीआईपी शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ था, उसमें एक ट्रेन गाड़ी संख्या 12001/12002 दिल्ली से झांसी के मध्य भी चलाई गई थी। उस समय यह ट्रेन दिल्ली के बाद मथुरा, आगरा व ग्वालियर में ही रुकती थी। बाद में इसको झांसी से आगे भोपाल स्टेशन तक कर दिया गया। इस ट्रेन में अधिकांश वीआईपी या धनाढ्य लोग ही यात्रा करते थे।
वहीं वापसी में दिल्ली पहुंचने का समय अच्छा होने के कारण रात 10.30 बजे महीनों यह ट्रेन पूरी तरह ठसाठस चलती थी, लेकिन अब इस ट्रेन में यात्रा करने से यात्री कतराने लगे हैं। इसका मुख्य कारण है समय पर न पहुंचना। शताब्दी के स्टापेज बढऩे से इस ट्रेन का समय भी बिगड़ गया है। जिस उद्देश्य से मुरैना व धौलपुर को ठहराव स्टेशन बनाया गया था, वह उद्देश्य भी पूरा नहीं हो पा रहा है। वर्तमान में इन स्टेशनों में अधिकांश दिन इक्का-दुक्का यात्री ही सवार होते हैं।

राजनीति की भेंट चढ़ी शताब्दी

समय के साथ शताब्दी एक्सप्रेस राजनीति की भेंट चढ़ गई। पहले इस ट्रेन को मुरैना, धौलपुर व ललितपुर तीन नए ठहराव स्टेशन दे दिए गए। इतना ही नहीं एक जुलाई 2014 को इस ट्रेन का विस्तार हबीबगंज स्टेशन तक कर दिया गया था। अब यह ट्रेन रात में साढ़े ग्यारह बजे की जगह बारह बजे के बाद ही दिल्ली पहुंचती है। देर रात ट्रेन के दिल्ली पहुंचने के कारण यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

हबीबगंज एक्सप्रेस को मिलने लगी प्राथमिकता

भोपाल से चलने वाले वीआईपी यात्री रात में चलने वाली हबीबगंज एक्सप्रेस को अब ज्यादा प्राथमिकता देने लगे हैं। यही कारण है कि अब शताब्दी एक्सप्रेस में दिनों दिन यात्रियों की संख्या कम होती जा रही है। इसी तरह आगरा से दिल्ली चलने वाले यात्रियों की संख्या बहुत कम रह गई है। आगरा के बाद इस ट्रेन की अधिकांश सीटें खाली नजर आती हैं।

बीना भी हो सकता है स्टॉपेज

शताब्दी एक्सप्रेस के बीना स्टेशन पर ठहराव के लिए भी राजनीतिज्ञ प्रयासरत हैं। चूंकि बीना में ऑयल रिफाइनरी है। इस कारण ट्रेन के ठहराव को अधिक महत्व दिया जा रहा है। भविष्य में बीना स्टेशन पर भी शताब्दी एक्सप्रेस रुकने लगे तो इससे इंकार नहीं किया जा सकता है।

इन स्टेशनों पर रुकती है शताब्दी

नई दिल्ली से चलकर, मथुरा, आगरा कैंट, धौलपुर, मुरैना, ग्वालियर, झांसी, ललितपुर, भोपाल हबीबगंज।

2.25 पर पहुंचती है हबीबगंज

शताब्दी एक्सप्रेस नई दिल्ली से सुबह छह बजे चलती है, जो हबीबगंज दोपहर 2.25 पर पहुंचती है, जबकि यही ट्रेन हबीबगंज से दोपहर तीन बजे चलती है, जो नई दिल्ली रात्रि 11.30 बजे पहुंचती है।

ट्रेन के अधिकांश कोच बुरी हालत में

हबीबगंज शताब्दी एक्सप्रेस में इन दिनों साफ-सफाई का बुरा हाल है। वहीं कुछ कोचों में शौचालय के फ्लश खराब हैं तो कहीं नल में से पानी ही नहीं आ रहा है। जहां हाथ धोने के लिए तरल साबुन रखा जाता है, वह भी नियमित नहीं रखा जा रहा है। कुछ कोचों में इसे रखने का बर्तन नीचे से टूटा हुआ है। हालांकि रेलवे अधिकारी इस परेशानी को भली भांति समझते हैं। मगर उनके हाथ में कुछ नहीं है।

Updated : 26 Sep 2016 12:00 AM GMT
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