आतंकवाद से लड़ने को अंतरराष्ट्रीय समुदाय एकजुट हों: हामिद असांरी

पोर्लामर। उपराष्ट्रपति हामिद असांरी ने गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन में आतंकवाद का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाते हुए कहा कि आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति और देशों की सुरक्षा, संप्रभुता एवं विकास के लिए सबसे बड़ा खतरा बन कर उभरा है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक लक्ष्य की प्राप्ति के लिए या किसी भी अन्य कारणों से निर्दोष नागरिकों की अंधाधुंध हत्या को जायज नहीं ठहराया जा सकता। इसलिए आतंकवाद से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच करीबी सहयोग सुनिश्चित किया जाना जरूरी है।
17वें गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन में 120 देश हिस्सा ले रहे हैं जिसमें भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा कि विकास एवं सहयोग के लिए एक शांतिपूर्ण माहौल आवश्यक है। यह तभी संभंव है जब राष्ट्रों के समुदाय संप्रभुता की रक्षा के लिए अपनी इच्छाशक्ति से मिलकर काम करें। उन्होंने सभी से आतंकवाद पर व्यापक मसौदा संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन अपनाने का आह्वाहन किया। साथ ही संयुक्त राष्ट्र को 21वीं सदी के अनुकूल बनाने के लिए सुरक्षा परिषद में तत्काल सुधार की भी बात कही।
उन्होंने कहा, ‘इसलिए गुटनिरपेक्ष आंदोलन के लिए यह जरूरी है कि वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस खतरे से निपटने के लिए एकजुट करे। इस क्रम में आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र के समग्र समझौते के मसविदे को अंगीकार किया जाना और आतंकवाद से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच करीबी सहयोग सुनिश्चित किया जाना चाहिए।’
उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक आतंकवाद रोधी रणनीति का आधार कहलाने वाले सभी मौजूदा ढांचे एक निष्पक्ष एवं पेशेवर तरीके से काम करें।’ इससे पहले गुटनिरपेक्ष देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर ने भी इस समूह के देशों से अपील की कि वे वैश्विक शांति, स्थिरता एवं समृद्धि की हिफाजत के लिए आतंकवाद पर एक कार्यकारी समूह का गठन करें।