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अब कहां जाएंगे सिद्धू

अब कहां जाएंगे सिद्धू

क्रिकेट से राजनीति में आए नवजोत सिंह सिद्धू के आम आदमी पार्टी में जुडऩे की बातचीत खटाई में पड़ गई है। पिछले दिनों भाजपा से नाता तोडऩे के बाद सिद्धू का आप से जुडऩा लगभग तय माना जा रहा था। लेकिन ऐन वक्त पर सीट और पद को लेकर मामला खटाई में पड़ गया। ऐसे में सिद्धू घर के और घाट के, कहीं के भी नहीं रहे।

बताया जा रहा है केजरीवाल ने ही नवजोत सिंह सिद्ध को आम आदमी पार्टी में शामिल होने की पेशकश की थी लेकिन सिद्धू आप से मुख्यमंत्री पद मांग बैठे। जिस पर आप का तैयार होना असंभव ही था। आम आदमी पार्टी को आने वाले चुनाव में पंजाब की धरती उर्वरा नजर आ रही है, ऐसे में केजरीवाल सिद्धू पर दांव खेल कर अपनी पार्टी में सिर फुटौव्वल का खतरा मोल लेना नहीं चाहती है। सिद्धू लोक सभा की अमृतसर सीट से भाजपा के सांसद हुआ करते थे, लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उनका टिकट काट, अरुण जेटली को यहां से उम्मीदवार बना दिया। इसी को लेकर सिद्धू पार्टी से नाराज चल रहे थे। भाजपा ने पिछले लोकसभा चुनाव में एक रणनीति के तहत अरुण जेटली को भाजपा का उम्मीदवार बनाया था और पार्टी की यह रणनीति सफल भी रही। जेटली ने इस चुनाव में कांग्रेस के कद्दावर नेता और कांग्रेस उम्मीदवार कैप्टन अमरिंदर सिंह को हरा दिया था। सीट छिनने से नाराज सिद्धू ने पार्टी के खिलाफ ही बगावत कर दी।

यह भी तय था कि भाजपा इस सीट के एवज में सिद्धू को किसी न किसी रूप में आने वाले समय में उपकृत करती लेकिन सिद्धू जल्दबाजी कर बैठे। आप के साथ बातचीत में भी उन्होंने हड़बड़ी दिखाई। दिर खबरें ये भी हैं कि आप से बातचीत टूटने के बाद कांग्रेस ने नवजोत सिंह सिद्धू पर डोरे डालने शुरू कर दिए हैं। आप द्वारा इन मांगों को ठुकराए जाने के बाद सिद्धू ने संकेत दिए कि वह दूसरे विकल्प तलाश रहे हैं और ऐसे में कांग्रेस भी उन्हें लुभाने की कोशिश में जुट गई है। कांग्रेस ने यह कहते हुए सिद्धू पर डोरे डालने शुरू कर दिए कि पूर्व भाजपा सांसद सिद्धू को आप में जुडऩे से जो कुछ मिलता, वह उन्हें उससे ज्यादा देने को तैयार है।

पंजाब में कांग्रेस सिद्धू की झोली में क्या डालती है यह तो आने वाले समय में साफ होगा लेकिन पद और शर्तों पर राजनीति करने का सपना देखने वाले सिद्धू की कांग्रेस से भी बातचीत ऐन वक्त पर खटाई में न पड़ जाए इसकी भी संभावना पूरी नजर आ रही है। क्योंकि कांग्रेस भी सिद्धू पर कोई ऐसा दांव नहीं खेलना चाहेगी जो उसके लिए मुसीबत बन जाए। हालांकि सिद्धू ने इस बात के संकेत जरूर दिए हैं कि आप से बातचीत टूटने के बाद वह अन्य विकल्प तलाश रहे हैं, लेकिन कांग्रेस के साथ उनकी बातचीत को लेकर फिलहाल अटकलें ही हैं क्योंकि बातचीत धरातल पर नहीं आई है।

Updated : 20 Aug 2016 12:00 AM GMT
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