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भारतीय वायु सेना में शामिल हुआ स्वदेश निर्मित लड़ाकू विमान तेजस

भारतीय वायु सेना में शामिल हुआ स्वदेश निर्मित लड़ाकू विमान तेजस
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भारतीय वायु सेना में शामिल हुआ स्वदेश निर्मित लड़ाकू विमान तेजस

नई दिल्ली। देश में निर्मित पहला लाइट कॉम्बैट लड़ाकू विमान तेजस शुक्रवार को भारतीय वायु सेना में शामिल कर लिया गया। इसके साथ ही आसमान में भारतीय सैन्य शक्ति में और इज़ाफ़ा हो गया।

बेंगलुरु में शंख की गूंज के साथ तेजस को विधिवत एयरफोर्स में शामिल किया गया। इस मौके पर सभी धर्मों की प्रार्थनाएं की गईं और एयरफोर्स के अधिकारियों ने नारियल भी फोड़ा। भारतीय वायुसेना तेजस विमानों का स्क्वॉड्रन बनाएगी। इस विमान को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने बनाया है। पहले दो साल यह स्क्वॉड्रन बेंगलुरु में रहेगा। इसके बाद यह तमिलनाडु के सुलूर में चला जाएगा।

इन दो विमानों बेड़े का नाम 'फ्लाइंग डैगर्स फोर्टीफाइव' है। ये विमान 1350 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आसमान का सीना चीर सकते हैं, जो दुनिया के सबसे बेहतरीन फाइटर प्लेन को टक्कर देने की हैसियत रखता है। इसके साथ ही स्वदेशी लड़ाकू विमान का हिंदुस्तान का सपना 30 साल की मेहनत के बाद पूरा हो गया है। तेजस की क्षमताओं की तुलना फ्रांस की बनी 'मिराज 2000', अमेरिका की एफ-16 और स्वीडन की ग्रि‍पेन से की जाती है।

वायुसेना के अधिकारियों ने बताया कि दक्षिणी वायु कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन चीफ एयर मार्शल जसबीर वालिया की मौजूदगी में एयरक्राफ्ट सिस्टम टेस्टिंग एस्टेबलिशमेंट (एएसटीई) में एलसीए स्क्वाड्रन को शामिल किया गया।

17 मई को तेजस में अपनी पहली उड़ान भरने वाले एयर चीफ मार्शल अरुप राहा ने विमान को बल में शामिल करने के लिए 'अच्छा' बताया था। वायुसेना ने कहा है कि इस वित्तीय वर्ष में कुल छह विमान और अगले वित्तीय वर्ष में करीब आठ विमान शामिल करने की योजना है। तेजस अगले साल वायुसेना की लड़ाकू योजनाओं में भी नजर आएगा और इसे अग्रिम अड्डों पर तैनात किया जाएगा। तेजस के सभी स्क्वॉड्रन में कुल 20 विमान शामिल किए जाएंगे, जिसमें चार विमान आरक्षित रहेंगे।

Updated : 1 July 2016 12:00 AM GMT
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