देश के जलाशयों में भंडारण क्षमता का 15 प्रतिशत जल बचा

देश के जलाशयों में भंडारण क्षमता का 15 प्रतिशत जल बचा
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देश के जलाशयों में भंडारण क्षमता का 15 प्रतिशत जल बचा

नई दिल्ली। देश के 91 प्रमुख जलाशयों में 16 जून, 2016 तक 23.786 बीसीएम (अरब घन मीटर) जल का भंडारण आंका गया। यह इन जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता का 15 प्रतिशत है। यह पिछले वर्ष की इसी अवधि के कुल भंडारण का 57 प्रतिशत तथा पिछले दस वर्षों के औसत जल भंडारण का 80 प्रतिशत है। इन 91 जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता 157.799 बीसीएम है, जो देश की अनुमानित जल भंडारण क्षमता 253.388 बीसीएम का लगभग 62 प्रतिशत है। इन 91 जलाशयों में 37 जलाशय ऐसे हैं जो 60 मेगावाट से अधिक की स्‍थापित क्षमता के साथ पनबिजली लाभ देते हैं।
उत्‍तरी क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश, पंजाब तथा राजस्‍थान आते हैं। इस क्षेत्र में 18.01 बीसीएम की कुल भंडारण क्षमता वाले छह जलाशय हैं, जो केन्‍द्रीय जल आयोग (सीडब्‍ल्‍यूसी) की निगरानी में हैं। इन जलाशयों में कुल उपलब्‍ध भंडारण 4.12 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता का 23 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की भंडारण स्‍थिति 42 प्रतिशत थी। पिछले दस वर्षों का औसत भंडारण इसी अवधि में इन जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता का 29 प्रतिशत था। इस तरह पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में चालू वर्ष में भंडारण कम है और यह पिछले दस वर्षों की इसी अवधि के दौरान रहे औसत भंडारण से भी कम है।
पूर्वी क्षेत्र में झारखंड, ओडिशा, पश्‍चिम बंगाल एवं त्रिपुरा आते हैं। इस क्षेत्र में 18.83 बीसीएम की कुल भंडारण क्षमता वाले 15 जलाशय हैं, जो सीडब्ल्यूसी की निगरानी में हैं। इन जलाशयों में कुल उपलब्‍ध भंडारण 3.25 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता का 17 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की भंडारण स्‍थिति 28 प्रतिशत थी। पिछले दस वर्षों का औसत भंडारण इसी अवधि में इन जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता का 16 प्रतिशत था। इस तरह पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में चालू वर्ष में भंडारण कम है लेकिन यह पिछले दस वर्षों की इसी अवधि के दौरान रहे औसत भंडारण से अधिक है।
पश्‍चिमी क्षेत्र में गुजरात तथा महाराष्‍ट्र आते हैं। इस क्षेत्र में 27.07 बीसीएम की कुल भंडारण क्षमता वाले 27 जलाशय हैं, जो सीडब्ल्यूसी की निगरानी में हैं। इन जलाशयों में कुल उपलब्‍ध भंडारण 2.96 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता का 11 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की भंडारण स्‍थिति 20 प्रतिशत थी। पिछले दस वर्षों का औसत भंडारण इसी अवधि में इन जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता का 21 प्रतिशत था। इस तरह पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में चालू वर्ष में भंडारण कम है और यह पिछले दस वर्षों की इसी अवधि के दौरान रहे औसत भंडारण से भी कम है।
मध्‍य क्षेत्र में उत्‍तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्‍य प्रदेश तथा छत्‍तीसगढ़ आते हैं। इस क्षेत्र में 42.30 बीसीएम की कुल भंडारण क्षमता वाले 12 जलाशय हैं, जो सीडब्ल्यूसी की निगरानी में हैं। इन जलाशयों में कुल उपलब्‍ध भंडारण 8.59 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता का 20 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की भंडारण स्‍थिति 30 प्रतिशत थी। पिछले दस वर्षों का औसत भंडारण इसी अवधि में इन जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता का 14 प्रतिशत था। इस तरह पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में चालू वर्ष में भंडारण कम है, लेकिन यह पिछले दस वर्षों की इसी अवधि के दौरान रहे औसत भंडारण से बेहतर है।
दक्षिणी क्षेत्र में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, (दोनों राज्‍यों में दो संयुक्‍त परियोजना), कर्नाटक, केरल एवं तमिलनाडु आते हैं। इस क्षेत्र में 51.59 बीसीएम की कुल भंडारण क्षमता वाले 31 जलाशय हैं, जो सीडब्ल्यूसी की निगरानी में हैं। इन जलाशयों में कुल उपलब्‍ध भंडारण 4.86 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता का 9 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में इन जलाशयों की भंडारण स्‍थिति 22 प्रतिशत थी। पिछले दस वर्षों का औसत भंडारण इसी अवधि में इन जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता का 19 प्रतिशत था। इस तरह पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में चालू वर्ष में भंडारण कम है और यह पिछले दस वर्षों की इसी अवधि के दौरान रहे औसत भंडारण से भी कम है।
पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में जिन राज्‍यों में जल भंडारण की स्थिति बेहतर है उनमें राजस्थान, पश्‍चिम बंगाल, त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश और केरल शामिल हैं। पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में जिन राज्‍यों में जल भंडारण कम रहा उनमें हिमाचल प्रदेश, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना (दोनों राज्‍यों में दो संयुक्‍त परियोजना) पंजाब, , झारखंड, ओडिशा, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, छत्‍तीसगढ़, तेलंगाना, तमिलनाडु और कर्नाटक शामिल हैं।
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