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पर्यटन केन्द्र बनेगा ओहदपुर का जंगल

प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने मांगा प्रस्ताव

ग्वालियर| शहर के नजीदक झांसी रोड स्थित ओहदपुर वन क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की तैयारी की जा रही है। यहां पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए लगभग 500 हैक्टेयर क्षेत्र में बागवानी, पैदल पथ, साइकिल पथ, पार्क, पक्षी दर्शन केन्द्र, जलाशय आदि का निर्माण कराया जाएगा। इस संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने ग्वालियर वन मंडल से प्रस्ताव मांगा है।

यहां उल्लेखनीय है कि वर्ष 2014 में ग्वालियर वन मंडल ने जब सोन चिरैया अभयारण्य के अंतर्गत तिघरा से सिद्ध स्थल नलकेश्वर तक के वन क्षेत्र को पर्यटन के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव भेजा था, उसी समय ग्वालियर रेंज के आरक्षित वन क्षेत्र ओहदपुर और तपोवन को पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव भी भेजा था, लेकिन रेलवे प्रशासन द्वारा अडंग़ा लगाने के कारण ओहदपुर का प्रस्ताव अधर में लटक गया था। चंूकि ओहदपुर वन क्षेत्र से होकर रेलवे लाइन गुजर रही है और रेलवे ने झांसी रोड स्थित तपोवन से ओहदपुर के जंगल की ओर जाने वाला रास्ता बंद कर दिया है।

बताया गया है कि प्रधान मुख्य वन संरक्षक नरेन्द्र कुमार ने हाल ही में एक आदेश जारी कर 'म.प्र. वन मनोरंजन एवं वन्यप्राणी अनुभव नियम 2015Ó के अंतर्गत पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण आरक्षित वन क्षेत्रों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए है। इसके लिए वन विभाग ने एक बार फिर ओहदपुर वन क्षेत्र को ही चुना है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार रेलवे द्वारा ओहदपुर वन परिक्षेत्र का रास्ता बंद किए जाने से अभी तक व्यवधान बना हुआ है, लेकिन फिर भी ओहदपुर वन क्षेत्र के लिए कोई दूसरा वैकल्पिक रास्ता निकालकर इसे पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित करने के लिए नए सिरे से प्रस्ताव भेजेगा। विभागीय अधिकारियों के अनुसार आरक्षित वन क्षेत्रों को पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित करने के लिए ईको पर्यटन बोर्ड द्वारा धन राशि प्रदान की जाती है।

यह काम होंगे
ओहदपुर वन क्षेत्र में पर्यटकों के लिए पैदल पथ, साइकिल पथ, पार्क, पक्षी दर्शन, तालाब, मचान, वाहन पार्किंग, पेयजल व्यवस्था के लिए सौर्य ऊर्जा चलित नलकूप, चाय-कॉफी स्टाल, बगीचा आदि का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा विभिन्न स्थानों पर गुलमोहर, कचनार, नीम, बांस, अमलताश सहित अन्य आकर्षक पौधे भी लगाए जाएंगे। विभागीय अधिकारियों का मानना है कि ओहदपुर शहर के नजदीक होने से यहां काफी संख्या में सैलानी आएंगे।

नलकेश्वर के लिए नहीं मिला बजट

तिघरा जलाशय से लेकर नलकेश्वर तक के वन क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाना था, जिसके तहत तिघरा में पार्क का निर्माण और तिघरा जलाशय में बोटिंग शुरू की गई है। पार्क में पहले से ही एक वॉच टावर लगा हुआ है, जिसमें दूरबीन लगाई गई है, जिससे पर्यटक जंगलों का प्राकृतिक नजारा देख सकते हैं। इसके अलावा तिघरा से नलकेश्वर तक पैदल ट्रेक व सड़क निर्माण और सैलानियों को जंगलों की सैर कराने के लिए वाहन खरीदने सहित पर्यटकों को आकर्षित करने की दृष्टि से अन्य कार्य भी प्रस्तावित हैं, लेकिन बजट नहीं मिलने से यहां कोई काम नहीं हो पाया है। इसके चलते यहां पर्यटक भी नहीं आ रहे हैं।

इनका कहना है

''प्रधान मुख्य वन संरक्षक द्वारा आरक्षित वन क्षेत्रों को पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित करने के लिए प्रस्ताव चाहे गए हैं। इसके लिए प्रपत्र भी आ गया है, जिसके आधार पर ओहदपुर वन क्षेत्र को पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव शीघ्र ही भेजा जाएगा।''

राजेश कुमार
मुख्य वन संरक्षक, ग्वालियर

Updated : 8 May 2016 12:00 AM GMT
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