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केरल में वामपंथ का आतंक बे-लगाम , कथित मीडिया ने साधी चमत्कारिक चुप्पी

केरल में वामपंथ का आतंक बे-लगाम , कथित मीडिया ने साधी चमत्कारिक चुप्पी
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केरल में वामपंथ का आतंक बे-लगाम , कथित मीडिया ने साधी चमत्कारिक चुप्पी

भाजपा दंपत्ति के 7 वर्षीय मासूम बच्चे पर सीपीआई-एम के गुंडों ने तलवार से किया हमला



केरल: वामपंथी गुट द्वारा एक 7 वर्षीय मासूम बच्चे पर सिर्फ इसलिये बर्बरता पूर्ण हमला किया गया क्योंकि बच्चे के माता पिता के संबंध राजनीतिक संघटन भाजपा से जुड़े थे, गौरतलब है केरल में चुनाव पूर्व कई दशकों से वामपंथी संघटन सीपीएम के गुंडों द्वारा कई राजनीतिक हत्याएं सामने आयीं थी और चुनाव उपरांत यह नई अपराधिक घटना सामने आई है यद्द्पी यह कहना उचित होगा की केरल में वामपंथियों द्वारा हिन्दू संदर्भित संघटनों और राजनीतिक प्रतिद्वंदियों पर आतंक और अत्याचार की वारदातें बेलगाम सी प्रतीत होती हैं, गौरतलब है की कई अन्य वामपंथी विचारधारा के राजनीतिक संघटनों द्वारा हिन्दू संघटनों और भाजपा संदर्भित कार्यकर्ताओं पर हमला किया जाना और निर्दोषों को बर्बरता पूर्वक मौत के घाट उतारा जाना केरल की अपराधिक वारदातों में आम हो चला है लेकिन इस बार वामपंथ के नशे में धुत्त (सीपीआई-एम) के गुंडों ने भाजपा दंपत्ति के मासूम बच्चे पर अपनी राजनीतिक विचारधारा का कहर बरपा, सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार सीपीआई-एम के कार्यकर्ताओं द्वारा भाजपा दंपत्ति के 7 वर्षीय मासूम बच्चे पर तलवार से हमला किया जिसमे मुख्य रूप से उसके हाथ पर एवं शरीर के कई अंगों पर गंभीर चोटें आयीं.

लगातार बड़ते वामपंथी आतंक पर सरकार और प्रशासन द्वारा किसी तरह की सशक्त कार्यवाही ना होते दिखना यह साफ़ तौर पर दर्शा रहा है की अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, चुनाव पूर्व से ही वामपंथी संघटनों द्वारा बर्बरतापूर्ण गतिविधियों को लगातार अंजाम दिया जा रहा है और वामपंथी आतंकी गतिविधियों की फेहरिस्त में बढोतरी भी लम्बी हो चली है. आश्चर्यजनक बात यह है की सीपीएम के गुंडे अपनी कथित विचारधारा के नशे में इस कदर धुत्त हैं की अब वे मासूम बच्चों को भी नहीं बक्श रहे.

बहरहाल केरल भाजपा अध्यक्ष कुम्मानम राज्यशेखरण ने अपने ट्विटर हैंडल के माध्यम से जानकारी तलब की और लेफ्टिस्ट वामपंथी गुंडों द्वारा इस बर्बरतापूर्ण कृत्य पर घोर आलोचना एवं निंदा व्यक्त की


सी.पी.एम. आतंक द्वारा कुछ चर्चित घटनाओं की सूची

22-मई-2016 : सीपीएम गुंडों द्वारा 33 वर्षीय भाजपा कार्यकर्ता प्रमोद की केरल के थिस्सूर में हत्या

14-मार्च-2016 : भाजपा की शांतिप्रिय विरोध प्रदर्शन रैली के दौरान 26 हिन्दू कार्यकर्ताओं पर सीपीएम के गुंडों द्वारा पत्थर और लोहे के सरियों से हमला.

8-मार्च-2016 : भाजपा के कार्यकर्ता एबी.विजू पर धारदार हथियारों से हमला जिसमे सीपीएम के कार्यकर्ता मुख्य अभियुक्त के रूप में शामिल पाए गये.

16-फरबरी-2016 : राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ के 27 वर्षीय स्वयंसेवक सुजीत की पपिनिस्सेरी कन्नूर में परिवार के सामने सीपीएम के कार्यकर्ताओं द्वारा बर्बरता पूर्ण हत्या.

कुछ इसी प्रकार की बर्बरता पूर्ण घटनाओं को केरल में योजना बद्ध रूप से अंजाम दिया जाता रहा है, माना यह भी जाता रहा है की असंख्य हत्याओं की कई वारदातों की तो सिर्फ सामाजिक स्तर पर ही चर्चा सुनने को प्राप्त होती हैं जिनका जिक्र सिर्फ मुह-जुबानी रूप से ही सुनने-सुनाने को प्राप्त होता है, वहीं एसी कई अपराधिक घटनाएँ हैं जिनको लेकर जवाबदेही के नाम पर आधिकारिक रूप से कानून व प्रशासनिक व्यवस्था के पास कोई जवाब नहीं है

कथित मीडिया की चमत्कारिक चुप्पी :

गौरतलब है की असहिष्णुता जैसे मुद्दों पर सामरिक बहस करने को लालायित कथित मीडिया और उनके बहुचर्चित बुद्धजीवी अक्सर एक विशेष विचारधारा के तहत कई नवनीर्मिति मुद्दों को तूल देते , बहस करते नजर आते हैं वहीं इस प्रकार की घटनाओं में उनकी रुचि नाममात्र भी नजर नहीं आती, सवाल यह भी उठता है की यद्दपि पत्रकारिता का कोई राजनीतिक मजहब नहीं होता तो गाँव गाँव में असहिष्णुता का बखान करने वाले मीडिया के कथित बुद्धजीवी अब तक केरल , बंगाल , असम में होने वाली राजनीतिक और मजहबी हत्याओं पर चुप्पी क्यों साधे रहते हैं ?

Updated : 31 May 2016 12:00 AM GMT
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