इसरो की उड़ान को प्रणाम

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इसरो की उड़ान को प्रणाम

फिर से उपयोग किए जाने लायक प्रक्षेपण यान की सफलता के बाद इसरो ने नई उड़ान की तैयारी जिस तेजी और जोश के साथ शुरू की है वह उड़ान भारतीयों का सिर विश्व जगत में गर्व से ऊंचा कर देने वाली होगी। भारतीय अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष किरण कुमार ने बताया है कि फिर से इस्तेमाल किए जाने लायक मौजूदा प्रक्षेपण यान की सफलता के बाद हमें जो अगला प्रयोग करना है, उसकी चिंता करनी है। उन्होंने बताया कि अगले माह ऐसा प्रक्षेपण करने जा रहे हैं, जिसमें करीब 22 सेटेलाइट प्रक्षेपित किए जाएंगे। इसी क्रम में एक उपग्रह कार्टोग्राफिक शृंखला का भी प्रक्षेपित किया जाएगा।

इसरो अध्यक्ष ने यह बात फेडरेशन ऑफ कर्नाटक चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इन्डस्ट्रीज की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। भारतीय अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष किरण कुमार का यह उद्बोधन निश्चित ही प्रत्येक हिन्दुस्तानी का सिर गर्व से ऊंचा कर देने वाला है। रक्षा और अंतरिक्ष में हिन्दुस्तान ने पिछले दो दशक में जो ऊंचाई तय की है निश्चित ही वह किसी राष्ट्र के लिए विश्व जगत में विशिष्ट स्थान तय करती है। हिन्दुस्तान में जब से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार बनी है। प्रधानमंत्री का प्रयास है कि प्रत्येक हिन्दुस्तानी अपनी देश की उपलब्धियों पर गर्व भी करे और हिन्दुस्तान को आगे बढ़ाने की दिशा में वह अपनी सहभागिता भी दे। मोदी सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भले राजनीति से प्रेरित नकारात्मकता से ओतप्रोत हों लेकिन हिन्दुस्तान के आम आदमी की प्रतिक्रिया मोदी सरकार के प्रति सकारात्मक ही रही है। मोदी सरकार द्वारा आम आदमी का जीवन स्तर सुधारने और राष्ट्र को विश्व जगत में विशिष्ट स्थान पर स्थापित करने की दिशा में जो प्रयास और पहल की है उससे हर हिन्दुस्तानी न केवल संतुष्ट है बल्कि भावी पीढ़ी और हिन्दुस्तान के सुनहरे भविष्य के प्रति आशान्वित भी है। मोदी सरकार ने शासकीय योजनाओं को धरातल पर ठोस रूप में उतारने के जितने प्रयास किए हैं, उससे कहीं अधिक हिन्दुस्तान की निराश जनता में आशा जगाने और कुछ गलत आदतों में सुधार के लिए जो प्रयास किए हैं, निश्चित ही उसके परिणाम आज देश में दिखाई पडऩे लगे हैं। युवा पीढ़ी आज अपने अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों के प्रति निष्ठा प्रकट कर रही है।

बात अपने आसपास गंदगी नहीं करने की हो, व्यर्थ जल रहे बिजली के बल्ब को बंद करने की अथवा खुले हुए नल की टोंटी बंद करने की। आज युवा इन छोटी-छोटी बातों पर गहन कशरत कर रहा है। यही वह बातें हैं जो हिन्दुस्तान के प्रति दुनिया का नजरिया बदलेंगी तथा भारत को विश्वगुरू के स्थान पर पुन: स्थापित करेंगी। निश्चित ही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की उपलब्धियों से प्रत्येक भारतीय गर्व और खुशी का अनुभव करता है। लेकिन हम दुनिया से आगे निकलने की चाह रखते हैं तो प्रधानमंत्री के मान-सम्मान, वैज्ञानिकों की सफलता अथवा भारतीय सेनाओं की उत्कृष्टता जैसे उदाहरणों से खुश होकर काम चलने वाला नहीं है। प्रत्येक भारतीय को यह विचार करना होगा कि मेरे अपने राष्ट्र को आगे बढ़ाने के लिए स्वयं मेरे द्वारा क्या योगदान दिया गया। राष्ट्रोत्थान में स्वयं की भूमिका की समीक्षा प्रत्येक भारतीय को करनी ही होगी।

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