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तरण पुष्कर में सुरक्षा प्रबंधों पर उठे सवाल

तरण पुष्कर में सुरक्षा प्रबंधों पर उठे सवाल
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युवक की मौत से व्यवस्थाओं की खुली पोल

ग्वालियर, वरिष्ठ संवाददाता। बुधवार को नगर निगम के स्वीमिंग पूल तरण पुष्कर में डूबने से हुई एक युवक की मौत ने यहां तैराकी के लिए आने वालों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। नियमानुसार स्वीमिंग पूल पर लाइफ गार्ड और कोच तैनात रहते हैं जो कि स्थिति पर पूरी नजर रखते हैं, लेकिन यहां भी निगम की बड़ी चूक सामने आ रही है।

जानकारी के अनुसार नियम यह भी कहते हैं कि स्वीमिंग पूल का पानी इस तरह साफ होना चाहिए कि ऊपर से देखने पर उसका तल साफ दिखाई दे, लेकिन इन दिनों तरण पुष्कर की हालत यह है कि इसका पानी इतना गंदा था जिसमें युवक के डूबने के बाद उसका शव ढूंढने में ही काफी समय लग गया। यदि व्यवस्थाएं चाक चौबंद होतीं तो शायद इस दुर्घटना को रोकने में सफलता मिल सकती थी।

कमाई की चिंता, जिंदगियों की नहीं
उल्लेखनीय है कि तरण पुष्कर में तैराकी के लिए रजिस्ट्रेशन किया जाता है जिसके लिए मासिक शुल्क वसूला जाता है। वहीं तैराकों पर नजर रखने के लिए लाइफ गार्ड और प्रशिक्षक तैनात रहते हैं। इसमें भी कुशल प्रशिक्षकों पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता नहीं समझी जाती जबकि नए तैराकों पर इन्हें विशेष नजर रखनी होती है। इधर अधिक कमाई के लिए नगर निगम ने पचार रुपए की पर्ची कटवाकर एक दिन तैराकी का प्रावधान भी कर दिया है लेकिन देखने में यह आता है कि इस दौरान यह नहीं देखा जाता कि व्यक्ति को तैराकी आती है या नहीं। बुधवार की घटना भी इसी का परिणाम है। हालांकि नगर निगम यह दावा करता रहा है कि उसकी व्यवस्थाएं चुस्त दुरुस्त हैं। जबकि वास्तविकता यह है कि निगम को लोगों की जिंदगियों की नहीं बल्कि अपनी कमाई और राजस्व बढ़ाने की चिंता है।

पूल करना पड़ा खाली
बताया जाता है कि पूल का पानी गंदा होने के कारण बुधवार को जब युवक उसमें डूबा तो वह दिखाई ही नहीं दिया उसे ढूंढने के लिए पूल का पूरा पानी खाली करना पड़ा जिसमें पूरे बीस मिनट लग गए। इसने भी पूल पर निगम की व्यवस्थाओं की पोल खोल दी।

नियमों का नहीं हो रहा पालन

बताया जाता है कि इन दिनों तरण पुष्कर में सभी नियमों को ताक पर रखकर नवयुवाओं को तैराकी कराई जा रही है। नियमानुसार यहां तैनात लाइफ गार्ड और प्रशिक्षकों की यह ड्यूटी होती है कि वह पूरे समय तैराकों विशेष रूप से अकुशल लोगों पर पूरी नजर रखें। इसके साथ ही प्रशिक्षक नए लोगों को स्वयं तैराकी सिखाएं ताकि कोई अप्रिय घटना न हो सके। लेकिन तरण पुष्कर में इन सभी नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। इसकी पोल भी युवक अमित आहूजा की मौत ने खोल दी। क्यों कि वह स्वीमिंग पूल का नियमित सदस्य नहीं था। लेकिन उस पर प्रशिक्षकों और लाइफ गार्ड ने जरा भी ध्यान नहीं दिया जिसके चलते वह पन्द्रह फीट गहरे पानी में चला गया और दुर्घटना का शिकार हो गया। जबकि दुर्घटना के समय पांच लाइफ गार्ड और दो प्रशिक्षक यहां तैनात थे।

इनका कहना है
तरण पुष्कर में डूबने से हुई युवक की मौत एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। इसकी जांच कराई जाएगी। उसमें जो भी अधिकारी या कर्मचारी इसमें दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। घटना की रिपोर्ट सम्बन्धित थाने में दर्ज करा दी गई है।

संदीप माकिन,
अपर आयुक्त नगर निगम

Updated : 26 May 2016 12:00 AM GMT
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