हाथ में चाकू पकड़ाकर रफादफा किया मामला, अपराध शाखा की गलती वरिष्ठ अधिकारियों की बनी मुसीबत
बदमाश कोई और, हवालात में बेगुनाह
ग्वालियर। चेन लूट की वारदात से पुलिस इस कदर परेशान और खिसियाई हुई है कि उसने किसी बेगुनाह को ही चार दिन से हवालात में बैठा रखा था। जब गलती का अहसास हुआ तो बेगुनाह के हाथ में चाकू थमाकर उसके खिलाफ आम्र्स एक्ट का मामला दर्ज कर लिया।
पुलिस ने वाहन चैकिंग के दौरान काली रंग की पल्सर मोटर साइकिल के साथ लड़का-लड़की पकड़े थे। पुलिस को चकमा देकर युवक तो फरार हो गया, लेकिन युवती को पुलिस ने पकड़ लिया। पूछताछ में पता चला कि रायसिंह मौके से फरार हुआ है। बस फिर क्या था पुलिस महाराजपुरा से अधेड़ रायसिंह को उठा लाई और विश्वविद्यालय थाने मेें बंद कर दिया।
चार दिनों से हवालात में बैठा रायसिंह एक ही रट लगाए हुए था कि उसका लूट से कोई लेना-देना नहीं है। अपराध शाखा लगातार दबाव बनाती रही कि रायसिंह ने ही लूट की है। पुलिस उस समय परेशान हो गई, जब पता चला कि जिस रायसिंह को वह थाने में बैठाए हुए है, वह असली नहीं है और उसके परिजनों ने भी अपनी पीड़ा सुनाई। अपराध शाखा को अपनी गलती का एहसास होने पर आनन-फानन में मामले को रफा-दफा करने के लिए रायसिंह के हाथ में चाकू पकड़ाकर शो कर दिया। इन्दरगंज थाना क्षेत्र में रायसिंह को चाकू के साथ पकड़ा बताया गया है। इस प्रकार अपराध शाखा की गलती से एक बेगुनाह को चार दिन तक हवालात में बिताने पड़े।
उपलब्धि पर खुश थे वरिष्ठ अधिकारी
रायसिंह को पकड़कर अपराध शाखा ने यह मान लिया था कि वह जल्दी ही लूट की वारदातों का खुलासा कर देगी। जब अपराध शाखा को होश आया, तब तक देर हो चुकी थी और रायसिंह को थाने से चलता कर दिया गया। दरअसल जिस रायसिंह कंसाना को पकडऩा था, वह 22 वर्ष का नौजवान है और पुलिस के पास अधेड़ रायसिंह था। अपनी गलती का अहसास होते ही पुलिस ने अधेड़ को चाकू थमाकर रिहा कर दिया।
मुखबिर तंत्र फेल
पुलिस बदमाश को पकड़कर थाने लाती थी, उसमें सबसे बड़ा योगदान मुखबिर का होता था, लेकिन आज पुलिस कार मुखबिर तंत्र फेल हो गया है। जब बाड़ ही खेत को खाने लगे तो फिर किस पर भरोसा किया जाए क्योंकि आज पुलिस की रणनीति को अपने ही पलीता लगाने में लगे हुए है।