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फेसबुक पर लायसेंसी आम्र्स के साथ फोटो अपलोड करना पड़ेगा भारी

फेसबुक पर लायसेंसी आम्र्स के साथ फोटो अपलोड करना पड़ेगा भारी
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सोशल मीडिया पर हथियार के प्रदर्शन पर अब जिला प्रशासन हुआ सख्त

राजेश शुक्ला/ग्वालियर। फेसबुक, वाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया पर लायसेंसी हथियारों का प्रदर्शन करके रौब दिखाने वालों पर प्रशासन सख्त रवैया अपनाने का मन बना रहा है। आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर विशेषकर युवा वर्ग स्टेटस सिंबल के चलते लायसेंसी हथियार के साथ अपना फोटो सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं। ज्यादातर फोटो में जिन युवाओं के हाथ में हथियार होते हैं, ये इनके न होकर दूसरे व्यक्तियों के नाम पर होते हैं जो कि सरासर अपराध की श्रेणी में आता हैं। ऐसे में फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया पर पुलिस नजर रखेगी जो लोग अपने हथियारों का फोटो फेसबुक या अन्य सोशल मीडिया पर अपलोड करते हैं उनके खिलाफ एक्शन लेते हुए उनके लाइसेंस निरस्त करवाने की सिफारिश जिला प्रशासन से करेगी।

शहर के युवा हैं अपलोड करने में आगे
आपको बता दें जिले में लायसेंसी हथियारों की संख्या 29 हजार के लगभग हो गई है। गृह विभाग ने लगातार बढ़ती जा रही संख्या पर चिंता व्यक्त की है, लेकिन युवाओं का हथियार प्रेम कम होते दिखाई नहीं दे रहा है। शहर के युवा हथियार का प्रदर्शन करना अपनी शान समझते हैं। शादी-समारोह या अन्य सार्वजनिक स्थानों पर हथियार का प्रदर्शन कर फोटो खिंचवाकर फेसबुक और वाट्सएप पर खुलेआम अपलोड कर वाह-वाही बटोरते हैं। कई बार तो युवा अवैध हथियार का भी प्रदर्शन सोशल मीडिया पर अपलोड कर कानून का उल्लंघन करते हैं।

अपराध की श्रेणी में आता है
हथियार का लायसेंस आवदेक द्वारा जब जमा किया जाता है तो उसमें लायसेंस लेने का एकमात्र कारण सुरक्षा होता है, इसलिए लायसेंस स्वीकृत किए जाते हैं। इसमें कहीं ये नहीं लिखा होता है कि हमें सोशल स्टेटस बढ़ाने के लिए लायसेंस प्रदान किए जाएं, लेकिन हो इसके उलट रहा है। युवा वर्ग बड़ी संख्या में मैरिज गार्डन, होटल एवं सार्वजनिक स्थानों पर हथियार का प्रदर्शन कर फोटो सोशल मीडिया पर फैला रहे हैं, जबकि ये अपराध की श्रेणी में आता है।

जिला प्रशासन-पुलिस रखेगी निगाह,लायसेंस होगा रद्द
सोशल मीडिया पर हथियार का प्रदर्शन करने वाले लायसेंस धारकों पर अब पुलिस और जिला प्रशासन नजर रखेगा। इसके लिए जिला प्रशासन कार्रवाई करने का मन बना रहा है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार सायबर सैल को इस दिशा में नजर रखने के निर्देश दिए जा चुके हैं। अब कोई भी व्यक्ति फेसबुक और अन्य सोशल नेटवर्क पर लायसेंसी हथियार के प्रदर्शन वाले फोटो अपलोड करेगा तो उसका लायसेंस रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी। वहीं उसके नाम अगर लायसेंस नहीं है तो उस पर आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा।

विवाह समारोह में हर्ष फायर पर न्यायालय ने जताई है चिंता
आपको बता दें कि बीते कुछ सालों में अंचल में शादी-समारोह में हर्ष फायर करने से कई मौतें हुईं हैं। वहीं बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए हैं। बारात और फलदान में हर्ष फायर करना लोगों का खतरनाक शौक बनता जा रहा है। कई घटनाओं को लेकर न्यायालय ने इस पर चिंता व्यक्त की थी और प्रशासन व पुलिस से सख्ती से निपटने को कहा था, लेकिन लायसेंसी धारक हर्ष फायर करने से बाज नहीं आ रहे हैं। पहले वे हर्ष फायर करते हैं। इसके बाद हथियार का प्रदर्शन कर अपने फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड करते हैं। ऐसा करने से अन्य लोग भी प्रभावित होते हैं। वे भी सामाजिक दायरा बढ़ाने के लिए ऐसा काम करते हैं।

गुस्सैल प्रवृत्ति के होते हैं ऐसे युवा

जानकार बताते हैं कि सोशल मीडिया पर हथियार का प्रदर्शन करने वाले लोग ज्यादातर गुस्सैल किस्म के होते हैं। वे अपनी मनमानी हर-हाल में पूरी करते हैं। स्कूल से लेकर कॉलेज तक उनका वातावरण रहता है, वो झगड़े और विवादों से भरा रहता है। आए-दिन वे स्वयं को सर्वोपरि साबित करने के लिए कोई भी गलत कदम उठाने से पीछे नहीं हटते हैं। सोशल मीडिया पर फोटो अपलोड करने वाले युवाओं का बैकग्राउंड क्या है, ये भी ध्यान देने वाली बात होती है।

इनका कहना है

''हम लायसेंसी हथियार के प्रदर्शन के मामले में सख्त रवैया अपनाएंगे। फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया पर कोई भी व्यक्ति हथियार के साथ फोटो अपलोड करता है तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।''

शिवराज वर्मा
एडीएम, ग्वालियर

''लायसेंसी हथियार के साथ अपना फोटो सोशल मीडिया पर शेयर करने वाले लोग पर्सनालिटी डिसऑनर के शिकार होते हैं। इनकी भावना हमेशा आपराधिक प्रवृत्ति की रहती है। ये निगेटिव चरित्र वाले लोगों को अपना रोल मॉडल समझते हैं। सोशल मीडिया पर ज्यादा से ज्यादा लोगों को कैसे आकर्षित करें, इसलिए हथियारों का सहारा लेते हैं। इसको रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है।''

डॉ.सुनील जोशी
मनोचिकित्सक

''ऐसे लोगों का क्या बैकग्राउंड है ये पता लगाने की आवश्यकता है। हथियार सुरक्षा के लिए आवंटित किए जाते हैं, न कि सोशल मीडिया पर प्रदर्शन करने के लिए। यह गलत स्टेटस सिंबल का जरिया बना लिया है। ये क्रिमनल एक्ट में आता है।''

डॉ.प्रबल प्रताप सिंह
वरिष्ठ कानूनविद

Updated : 1 May 2016 12:00 AM GMT
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