हड़ताल से स्वर्णकारों की रोजी-रोटी पर संकट
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सराफा व्यापारियों की हड़ताल को हुए 35 दिन
ग्वालियर। एक प्रतिशत एक्साइज ड्यूटी को लेकर सराफा व्यापारियों की हड़ताल लगातार पैंतीसवे दिन भी जारी रही। स्थिति यह है कि इस मामले में केन्द्र सरकार और बड़े सराफा व्यवसायी कोई भी झुकने के लिए तैयार नहीं है। हड़ताल को एक माह से अधिक समय हो गया है। इसे लेकर छोटे-मझोले स्वर्णकार मुश्किल में हैं,उनकी रोजी-रोटी पर संकट के बादल घिर आए हैं। ये स्वर्णकार सरकार और सराफा कारोबारियों की लड़ाई के बीच पिस रहे हैं। स्थिति यह है कि उनके घर का बजट गड़बड़ाने लगा है।
उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय वित्त मंत्री ने वित्तीय वर्ष 2016-17 के बजट में स्वर्ण आभूषणों पर एक प्रतिशत एक्साइज ड्यूटी लगाई है। यह बात सराफा व्यापारियों को रास नहीं आ रही है। इसके विरोध में बीती दो मार्च से व्यापारी अनिश्चितकाल की हड़ताल पर हैं। इस दौरान हड़ताली व्यापारी सरकार को झुकाने के लिए धरना और आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन इन आंदोलनों के बीच छोटे स्वर्णकार पिस रहे हैं। सराफा बाजार बंद होने के कारण इन स्वर्णकारों के यहां काम आना भी बंद हो गया है।
क्या कहते हैं व्यापारी
'हम छोटे स्वर्णकार काम को लेकर बड़े सराफा कारोबारियों से जुड़े हैं। सराफा बाजार बंद होने के कारण ग्राहकों ने भी यहां आना बंद कर दिया है। इस हड़ताल के कारण दाल-रोटी के भी लाले पडऩे लगे हैं। थोड़ी बहुत जमा पूंजी भी खत्म होने को है। हम बिलकुल लाचार हो गए हैं। सरकार को शीघ्र ही व्यापारी हित में निर्णय लेना चाहिए, अगर यह हड़ताल और लम्बी चली तो स्थिति भयानक हो सकती है।'
नंद किशोर कुशवाह
स्वर्णकार, सराफा बाजार
'सरकार और बड़े व्यापारियों के बीच की लड़ाई में हम जैसे छोटे व्यापारी पिस रहे हैं, लेकिन व्यापारियों का साथ देना हमारी मजबूरी है। हम साथ नहीं देंगे तो आगे हमें बड़े सराफा कारोबारियों से काम भी नहीं मिलेगा। ग्राहकों की संख्या घट गई है। व्यापार मात्र दस प्रतिशत ही रह गया है।'
मदनलाल, स्वर्णकार
'सरकार ने हमें एक्साइज ड्यूटी से दूर रखा है, लेकिन काम हमें बड़े सराफा कारोबारियों से मिलता है। जब उनके यहां ही काम नहीं आएगा तो हमें काम कहां से मिलेगा। हम रोज काम करने और कमाने वाले व्यक्ति है। इस लम्बी हड़ताल के कारण आर्थिक परेशानियां बढ़ती जा रही हंै। हड़ताल के कारण घर का बजट बिगड़ रहा है।'
सुरेश सोनी, स्वर्णकार
'महंगाई के इस दौर में छोटे व्यक्ति या व्यापारी के लिए घर चलाना किसी चुनौती से कम नहीं है। इस अनिश्चितकालीन हड़ताल ने सराफा व्यापार को ठप कर दिया है। घर और बच्चों का खर्च निकालना बहुत मुश्किल हो गया है। घर के लोग पूछते हैं कि यह हड़ताल कब खत्म होगी लेकिन हमारे पास इसका कोई जवाब नहीं है। सरकार और बड़े व्यापारियों को शीघ्र कोई निर्णय लेना चाहिए।'
मोहनलाल वर्मा, स्वर्णकार
'इस हड़ताल का खामियाजा छोटे व्यापारियों को भुगतना पड़ रहा है। हम व्यापारियों की परेशानी दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। सहालग का समय होने पर भी हम खाली बैठे हुए हैं।
नीरज सोनी, स्वर्णकार
'हम छोटे व्यापारियों की समस्याओं को समझते हैं। इसलिए हमने इन्हें ऑफर भी दिया है कि अगर घर-परिवार में कोई परेशानी आए तो हम हर प्रकार से उनकी मदद के लिए तैयार हैं। हम हर प्रकार से उनका सहयोग करेंगे।'
पुरूषोत्तम जैन
अध्यक्ष, सोना-चांदी व्यवसाय संघ, लश्कर