पेयजल समस्या के लिए अधिकारी होंगे जिम्मेदार

विद्यार्थी न करें आत्महत्या, चिकित्सक देंगे परामर्श

ग्वालियर। अधिकारियों को किसी भी क्षेत्र में पेयजल की समस्या मिले तो मौके पर जाकर उसका निराकरण करें। वहीं सतत निगाह भी रखी जाए। अगर ऐसा नहीं होता है तो संबंधित अधिकारियों को जिम्मेदार मानकर उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सोमवार को अंतर विभागीय समन्वय बैठक में जिलाधीश डॉ. संजय गोयल ने कड़े तेवर दिखाते हुए ये बात कही। ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की किल्लत न हो इसके निर्देश भी उन्होंने जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी नीरज कुमार सिंह को दिए। बैठक में नगर निगम आयुक्त अनय द्विवेदी व अपर कलेक्टर शिवराज वर्मा सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी व अनुविभागीय राजस्व अधिकारी मौजूद थे।

पीएचई के उपयंत्री के निलम्बन का प्रस्ताव दिया:- बैठक के दौरान डॉ. गोयल ने बिजौली क्षेत्र में पदस्थ पीएचई के उपयंत्री के निलम्बन का प्रस्ताव संभाग आयुक्त को भेजने की हिदायत भी दी। समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई थी कि इस उपयंत्री की लापरवाही की वजह से बिजौली जनमित्र समाधान केन्द्र में पेयजल से संबंधित 28 समस्यायों का समाधान नहीं किया गया है। जिलाधीश ने पीएचई के कार्यपालन यंत्री के खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रस्तावित करने को कहा।
शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल की समीक्षा:- जिलाधीश डॉ. गोयल ने कहा कि हर सप्ताह नियमित रूप से पेयजल की समीक्षा करें। वहीं हैण्डपंप सहित अन्य पेयजल स्त्रोतों का संधारण युद्ध स्तर पर कराया जाए। इसी तरह से शहरी क्षेत्र में भी हर मोहल्ले में नियमित रूप से पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। कलेक्टर ने प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के तहत जिले की कार्ययोजना बनाने में हो रही देरी पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने उपसंचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास और कार्यपालन यंत्री जल संसाधन को साफ तौर पर हिदायत दी कि जिले की सिंचाई योजना हर हाल में 30 अप्रैल तक प्रभारी मंत्री से अनुमोदित करा ली जाए।

हताश विद्यार्थियों को मनोवैज्ञानिक चिकित्सक देंगे सलाह
हाल ही में एक कॉलेज की छात्रा प्रज्ञा त्यागी ने परीक्षा में फेल होनेे के डर से आत्महत्या कर ली थी। इस घटना को गंभीरता से लेते हुए जिलाधीश डॉ. गोयल ने चिंता व्यक्त की और कहा कि परीक्षा में असफलता के डर से आत्महत्या की सोचने वाले विद्यार्थियों को मनोवैज्ञानिक चिकित्सकों से परामर्श दिलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सीबीएसई की गाइड लाइन में ऐसे विद्यार्थियों को सकारात्मक माहौल दिलाएं। इसी तरह उत्पाती विद्यार्थियों को भी परामर्श देने के निर्देश दिए। वहीं ये निर्देश भी दिया कि शिक्षण संस्थाओं में हथियारों का प्रदर्शन और रैगिंग कदापि न हो। जो निजी स्कूल इसका पालन न करें, उनकी मान्यता निरस्त करने की कार्रवाई की जाए।

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