धार्मिक स्थानों की आड़ में अतिक्रमण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

धार्मिक स्थानों की आड़ में अतिक्रमण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त
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धार्मिक स्थानों की आड़ में अतिक्रमण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सड़कों एवं फुटपाथों के किनारे धार्मिक स्थानों की आड़ में होने वाले अतिक्रमण के मुद्दे पर हलफनामें नहीं दाखिले करने पर राज्य सरकारों से जवाब मांगा है। शीर्ष न्यायालय ने राज्य सरकारों से पूछा है कि इस संदर्भ में जारी आदेश के बावजूद राज्यों ने अभी तक जवाब दाखिल क्यों नहीं दिया। खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए मई माह की दूसरा सप्ताह की तारीख निर्धारित की है।

इससे पहले कोर्ट ने गत 8 मार्च को राज्य सरकारों को कार्य योजना तैयार करने और इसपर एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था। न्यायामूर्ति गोपाल गौड़ा एवं न्‍यायमूर्ति अरुण मिश्रा की पीठ ने इस मामले में राज्य सरकारों को सख्त निर्दश देते हुए कहा कि इस मामले में उन्हें कोर्ट का आदेश मानते हुए गंभीरता से कार्रवाई करनी चाहिए थी। राज्यों द्वारा कोर्ट का आदेश नहीं मानने पर नाराजगी जताते हुए खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए मई माह की दूसरा सप्ताह की तारीख निर्धारित की है।

मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि मामले को लेकर पहले भी आदेश जारी किया था। इस संदर्भ में हमने सभी राज्य के मुख्य सचिवों को तलब करते हुए यह पूछा है कि राज्यों ने न्यायालय के आदेश का पालन अभी तक क्यों नहीं किया है। अदालत ने सभी राज्यों को दो सप्ताह के अंदर अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल को एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है, साथ ही कहा है कि जो राज्य इस कार्य में विफल रहेंगे, उनके खिलाफ कोर्ट द्वारा समन जारी किया जाएगा।

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