इस साल मॉनसून सामान्य से अच्छा रहने का पूर्वानुमान

इस साल मॉनसून सामान्य से अच्छा रहने का पूर्वानुमान
नई दिल्ली। देश के दस से अधिक राज्य इस समय सूखे की चपेट में हैं, मराठवाडा में तो पीने के पानी के ही लाले हैं। ऎसे समय में मौसम विभाग ने राहत के छींटे डाले हैं। विभाग के मुताबिक इस साल मॉनसून सामान्य से अच्छा रहेगा। यानी मॉनसून 106 प्रतिशत तक रहने की बात कही जा रही है। मौसम विभाग के महानिदेशक ने यह जानकारी दी।
इससे पहले कृषि सचिव शोभना के पटनायक ने वर्ष 2016-17 के लिए खरीफ अभियान को शुरू करने के लिए एक राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था कि अल नीनो (समुद्री सतह के तापमान में बदलाव की घटना) के प्रभाव में गिरावट आ रही है। ऎसी उम्मीद है कि इसके बाद "ला नीना" की स्थिति आयेगी और जिससे इस वर्ष मॉनसून बेहतर हो सकता है।
कमजोर मॉनसून के कारण भारत का खाद्यान्न उत्पादन फसल वर्ष 2014-15 (जुलाई से जून) में घटकर 25 करोड 20.2 लाख टन रह गया जो उसके पिछले वर्ष रिकॉर्ड 26 करोड 50.4 लाख टन के स्तर पर था। देश में 14 प्रतिशत कम बरसात होने के बावजूद चालू फसल वर्ष 2015.16 में उत्पादन मामूली बढत के साथ 25 करोड 31.6 लाख टन होने का अनुमान है। दो लगातार वषों में कमजोर मॉनसून रहने के कारण देश में कृषि संकट और जल की कमी का संकट उत्पन्न हुआ है।
कृषि सचिव ने राज्य सरकारों से कहा है कि बीज, उर्वरक और अन्य कृषि लागतों की पर्याप्त उपलब्धता को सुनिश्चित करते हुए धान और दलहन जैसी खरीफ (गरमी) की फसलों की बुवाई की पहले से तैयारी कर लें। विगत दो वषों में सामान्य से कम बरसात ने किसानों और संसाधनों के लिए संकट पैदा किया है। भूमि में नमी की सख्त कमी है। फरवरी में आर्थिक सर्वे में भी कहा गया था कि पिछले वर्ष जो प्रतिकूल मौसम पूरे देश में था वह संभवत: इस वर्ष नहीं होगा।