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अभियांत्रिकीय छात्रों को बिजली समस्या से मिलेगी राहत

झांसी सहित प्रदेश के सात इंजीनियरिंग कालेजों में लगेंगे सोलर पैनल

झांसी। बिजली की कटौती से हैरान छात्रों के राहत भरी खबर है। अब बिजली जाने पर उन्हें खुद का इंतजाम नहीं करना होगा, क्योंकि इस झंझट से छुटकारा पाने के लिए एक अनोखा तरीका खोज लिया गया है। जो शत प्रतिशत कारगर साबित होगा। वह यह कि जल्द ही झांसी व बांदा के बीआईईटी में सोलर प्लांट लगाने का खाका तैयार किया गया है। इसके लिए जल्द ही अनुदान राशि रिलीज कर दी जाएगी। संभावना है कि इस सत्र की शुरूआत के पहले इसका कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।

इंजीनियरिंग कालेजों की प्रयोगशाला, रिसर्च सेंटर व ई क्लास रूम के लिए अब बिजली की कमी नहीं होगी। प्रयोगात्मक कक्षाओं में बिजली चली जाने से उससे चलने वाले उपकरणों के रुकने की समस्या भी नहीं रहेगी। प्रदेश सरकार ने झांसी समेत सात इंजीनियरिंग कालेजों में सोलर पैनल लगवाने का निर्णय लिया है। इसमें बीआईटी झांसी भी शामिल है। तकनीकी शिक्षण संस्थानों में इस परियोजना के अंतर्गत 50 किलोवाट के सोलर पैनल लगाए जाएंगे। इसके लिए प्रत्येक कालेज को 30-30 लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा।

मई माह में सोलर पैनल लगाए जाने का काम शुरू होने की संभावना है। अभी तक बिजली कटौती का सामना उन्हें करना पड़ता था। आलम ये था कि खासकर लैब के समय बिजली गुल रहती थी। इस कारण कई छात्र-छात्राएं प्रयोग करने से वंचित रहते थे। दूसरी ओर परीक्षा में भी उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। हॉस्टल में कटौती के एवज में कोई खास व्यवस्था नहीं है। अधिकतर छात्र-छात्राएं परीक्षा के वक्त इमरजेंसी लाइटों को प्रयोग में लाकर अपनी पढ़ाई पूरी करते थे, पर अब उन्हें इस समस्या को और अधिक नहीं झेलना होगा। सोलर पैनल लगने से इन इंजीनियरिंग कालेजों में बिजली का दबाव 30 प्रतिशत तक कम हो जाएगा। वर्तमान समय में यहां पर करीब सौ किलोवाट बिजली का लोड है। सोलर पैनल लगने से यह दबाव कम हो जाएगा। इससे संस्थान के पास आने वाला बिजली का बिल भी कम हो जाएगा। वर्तमान समय में संस्थान लाखों रुपये का बिजली बिल भुगतान करता है।

जमीन के लिए कवायद तेज
प्लांट को स्थापित कराने के लिए कौन सी उपयुक्त जमीन है। इसके लिए बीएचआईटी झांसी व बांदा प्रशासन ने कवायद तेज कर दी है। हालांकि बीआईटी के पास पयाज़्प्त जमीन है। बावजूद उपयुक्त स्थान की खोज की जा रही है। ताकि प्लांट की स्थापना में किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े।

100 किलोवाट की लगेगी यूनिट
ये अनुदान सौ किलो वॉट के लिए मुहैया कराया जा रहा है। अनुदान राशि से सोलर प्लेट व कनवर्टर की खरीद की जाएगी। खरीद के बाद उन पैनलों को लगाने का काम तेजी से कर दिया जाएगा। संभावना है कि इसी सत्र से ही छात्रों के ऊपर मंडराने वाला संकट कम होगा।

Updated : 3 March 2016 12:00 AM GMT
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