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साम्प्रदायिक राजनीति से प्रदेश की एकता हुई खंड-खंड-प्रकाश शर्मा

अखलाख और अरुण माहौर के मुआवजे में भेदभाव क्यों

आगरा। विश्व हिन्दू परिषद के महानगर उपाध्यक्ष अरुण माहौर की हत्या के बाद आगरा आए भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष प्रकाश शर्मा ने कहा कि बहुसंख्यकों के लिए आवाज उठाना क्या सांप्रदायिकता है-प्रश्न चिन्ह उन्होंने कहा कि वीएचपी नेता की हत्या के बाद स्पष्ट हो गया है कि वोट बैंक की राजनीति करने वाले दलित समाज के नाम को उछालकर उन्हें गुमराह करने का असफल प्रयास कर रहे हैं। भाजपा ब्रज क्षेत्र कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा कि दादरी में अखलाक और आगरा के अरुण दोनों की हत्या के बाद साम्प्रदायिक भेदभाव किया गया है। अखलाक के घर हवाई जहाज से सहायता पहुंचती है। 50 लाख का मुआवजा मिलता है और दलित अरुण माहौर के घर कोई प्रशासनिक अधिकारी भी नहीं पहुंचता हैं। सहायता के नाम पर मात्र 15 लाख अरुण के परिवार को दिए जाते हैं।

उन्होंने शासन-प्रशासन से प्रश्न किया आखिर अरुण के प्रति इस प्रकार का पक्षपातपूर्ण व्यवहार किस लिए! उन्होंने कहा कि स्वयं साम्प्रदायिकता फैला रही है। प्रकाश शर्मा ने कहा कि बसपा सुप्रीमो मायावती खुद को दलितों का हितैषी बताती हैं और रोहित वेमुला के मामले में संसद को गुमराह करती है। मैं पूछता हूं कि क्या अरुण माहौर दलित नहीं थे। मायावती हैदराबाद की चिंता कर रही हैं, लेकिन प्रदेश का एक दलित जब मारा जाता है, तो उसके परिवार को उसी के हाल पर छोड़ दिया जाता है। सांप्रदायिक राजनीति से समाज की एकता खंड खंड करने का प्रयास है। प्रेसवार्ता में भाजपा के प्रदेश सचिव रामप्रताप सिंह चौहान, पूर्व सांसद प्रभू दयाल कठेरिया, महानगर अध्यक्ष नागेन्द्र दुबे गामा, महानगर महामंत्री दीपक खरे, ललित चतुर्वेदी, डॉ. मंजू गुप्ता, अजय जयसवाल, राजकुमार पथिक, सुमित उपाध्याय आदि उपस्थित रहे।

Updated : 3 March 2016 12:00 AM GMT
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