आपसी समझ से निपट सकते हैं गंभीर मामले: न्यायाधीश

बच्चों के लिए विरासत में झगड़े न छोड़ें: कलेक्टर

छतरपुर। विधिक सेवा प्राधिकरण ने ग्राम पंचायत कदारी में शिविर लगाकर लोगों को जागरुक किया। विभिन्न प्रकार के मामलों को मध्यस्थता के द्वारा निपटाने की जानकारी न्यायाधीशगणों ने ग्रामवासियों को दी। विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में शनिवार को ग्राम पंचायत कदारी में मध्यस्थता जागरुकता शिविर लगाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती कनकलता सोनकर मौजूद रहीं। विशेष न्यायाधीश भारत भूषण श्रीवास्तव, कलेक्टर मसूद अख्तर, सीजेएम एमके बाथम, न्यायाधीश पीके शंखवार, केपी सिंह, लवकेश सिंह, प्रवीण पटेल, रोहिणी तिवारी, एसडीएम डीपी द्विवेदी, बार संघ अध्यक्ष देवेन्द्र मिश्रा, जीपी दिनेश तिवारी बतौर अतिथि मंचासीन रहे।

इस अवसर पर न्यायाधीश श्रीमती सोनकर ने कहा क जर, जोरु और जमीन को लेकर ही लोगों के बीच विवाद होता है। लोगों को माफ करना ही सबसे बड़ा धर्म है। कलेक्टर श्री अख्तर ने ग्रामवासियों को जानकारी दी कि जितनी कीमत की सम्पत्ति का विवाद चलता उससे अधिक रुपये खर्च हो जाते है ंऔर समय की बर्बादी होती है। लोग ऐसे विवादों को मध्यस्थता से न निपटाकर अपने बच्चों को बिरासत में लडऩे के लिए विवादित मामला दे जाते हंै। अध्यक्ष देवेन्द्र मिश्रा और जीपी दिनेश तिवारी ने बताया कि प्राचीन काल से ही मामलों को मध्यस्थता के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत लगाई जाती रही। इसी पंचायत के कानूनी ढंग़ से अब अदालतों में मीडियेशन सेंटर खोले गए हैं। मध्यस्थता से दो पक्षों के बीच आपसी सहमति से मामलों का निपटारा किया जाता है। और दोनो को इससे केवल लाभ ही मिलता है। न्यायाधीश प्रवीण पटेल ने पूरे देश में करीब 3 करोड़ से अधिक चल रहे मामलों के बारे में बताया।

उन्होने बताया कि मामलों के पक्षकार पहले विधिक सहायता केंद्र में आवेदन करें जिसे मीडियेटर के पास भेज कर दोनों पक्षों को समझाकर मध्यस्थता के द्वारा मामलों का निराकरण किया जाता है। और दोनो पक्षकारों के मन में आपसी मन मुटाव खत्म हो जाता है। इस कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिवक्ता अमरदीप सचान, जेपी बसेडिय़ा, चंद्रदेव मिश्रा, राजेन्द्र खरे, राकेश तिवारी, एजीपी ऋषिप्रकाश बिरथरे, अरुणदेव खरे, सरपंच सौरभ तिवारी, सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणवासी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन न्यायाधीश प्रवीण पटेल ने किया।

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