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कृभको के सहकारिता सम्मेलन में दी उपयोगी जानकारी

झांसी। कृषक भारती को आपरेटिव लिमिटेड कृभको के तत्वावधान में जिला स्तरीय सहकारिता सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें जैव उर्वरक के उपयोग के बारे में किसानों को जानकारी दी गई। सर्वप्रथम परिचर्चा में कृभको कानपुर के सहायक प्रबंधक (विप.) फूल सिंह यादव ने जनपद में कृभको द्वारा की जा रही विभिन्न गतिविधियों एवं उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।


कार्यक्रम में डा. डीएस यादव (उद्यायन विभाग) ने कृभको तरल जैव उर्वरक के बारे में उसकी उपयोग विधि और उपयोगिता पर विस्तृत प्रकाश डाला। उनके द्वारा बताया गया है कि जैव उर्वरक के प्रयोग से रसायनिक खादों की मात्रा को 15-20 प्रतिशत कम किया जा सकता है। जिससे उत्पादन में कोई कमी नहीं होती है और मृदा का स्वास्थ्य सही रहता। कृषि विज्ञान केन्द्र भरारी झांसी से आये डा. मुकेशचंद्र द्वारा बताया गया कि किसान भाईयों को अपने खेत की मिट्टी की जांच करानी चाहिये जिससे संतुलित उर्वरक का प्रयोग किया जा सके। ऐसा करने से किसानों द्वारा अंधाधुंध रसायनिक खादों का प्रयोग कम किया जा सके और किसान अपनी खेती की लागत को कम कर सकते हैं।


परिचर्चा में कृभको के वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबंधक कानपुर एम खान ने कृभकोंं की कार्य प्रणाली पर व तरल जैव उर्वरक के भी बारे में बताया। वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबंधक बीज राजकुमार राघव द्वारा मोंठ बीज इकाई पर उपलब्ध गेहूं, चना, मटर के आधार प्रजनक व प्रमाणित बीज के बारे में एवं बीज व अनाज में मुख्य अंतर क्या है के बारे मेंं बताया। एके पांडेय संयुक्त आयुक्त एवं संयुक्त निबंधक द्वारा समिति के सचिवों से कहा गया कि आप लोग कृभको के तरल जैव उर्वरक के बारे में उसकी उपयोग विधि और उपयोगिता के बारे में किसानों तक पहुंचाये जिससे इस उत्पाद की लोकप्रियता को बढ़ाया जा सके और किसान इसका उपयोग करें और किसानों को अपने खेत की मिट्टी जांच के लिये अवश्य कहें, बाद में ज्ञानेन्द्र सिंह यादव क्षेत्रीय प्रतिनिधि कृभकों झांसी द्वारा बताया गया कि कृभको का तरल जैव उर्वरक अत्यंत उपयोगी है जो कि झांसी जनपद में तीन हजार लीटर उपलब्ध भी है।

उनके द्वारा संयुक्त आयुक्त एवं संयुक्त निबंधक व सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक से अनुरोध किया गया कि समितियों के माध्यम से इस तरल जैव उर्वरक की बिक्री करवायें। जिससे किसानों को सस्ता और अच्छा उत्पाद समितियों के माध्यम से मिल सकें। इस परिचर्चा में संतुलित उर्वरक, मिट्टी परिक्षण, पौध संरक्षण, रबी के लिये बुन्देलखण्ड के अनुसार अच्छी प्रजातियों का चयन, एमएफएमएस प्रणाली, पाउडर एवं तरल जैव उर्वरक, कम्पोस्ट, समिति एवं बैंक शाखाओं की कार्य प्रणाली, पीसीएफ एवं यूपी एग्रो की स्थिति एवं योगदान, विभिन्न माध्यमों द्वारा प्रचार-प्रसार करने की विधि, कृषि विज्ञान के केन्द्र की भूमिका आदि, विभिन्न कृषि एवं सहकारिता से जुड़े अनेकों महत्वपूर्ण विषयों पर गहन चर्चा की गयी। परिचर्चा में उपरोक्त के अलावा एके पांडेय संयुक्त आयुक्त एवं संयुक्त निबंधक झांसी मंडल, एसआर यादव सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारी समितियां, हरिओम सिंह कुशवाहा क्षेत्रीय प्रबंधक पीसीएफ झांसी, डा. निशी राय कार्यक्रम समन्वय कृषि विज्ञान केन्द्र, डा. मुकेशचंद्रा वस्तु विषय विशेषज्ञ कृषि विज्ञान केन्द्र, राकेश कुमार सिंह पीसीएफ, डा. डीएस यादव उद्यान प्रभारी राजकीय उद्यान नारायण बाग, सिद्ध स्वरुप, एके अग्रवाल, एनके मौर्य, सभी अपर जिला सहकारी अधिकारी, विमलेन्द्र मिश्रा, अजीत सिंह, डीडी साहू अनुभाग अधिकारी, जिला सहकारी बैंक, विजय सिंह यादव जिला प्रबंधक यूपी एग्रो एवं जनपद झांसी के समस्त सहकारी समितियों के सचिव ने सक्रिय रुप से भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन एवं आभार प्रदर्शन ज्ञानेन्द्र सिंह यादव क्षेत्रीय प्रतिनिधि कृभको झांसी द्वारा किया गया।

Updated : 1 March 2016 12:00 AM GMT
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