आईटीएम विवि में पार्थ बोस का सितार वादन
ग्वालियर। आईटीएम विश्वविद्यालय द्वारा स्पिक मैके के सौजन्य से विवि परिसर में सोमवार को संगीत सभा का आयोजन किया गया। पहली संगीत सभा आईटीएम ग्लोबल स्कूल में हुई, जिसमें पार्थ बोस ने सबसे पहले राग वृंदावनी सारंग प्रस्तुत किया। राग वृंदावनी सारंग दोपहर बाद गाया बजाया जाने वाला राग है। पार्थ बोस ने इस राग में मधुर और संक्षिप्त आलाप से वादन की शुरुआत की। इसके पश्चात उन्होंने तीन ताल में गत प्रस्तुत की। उनके वादन में सुन्दर आलापचारी के साथ राग की बढ़त और अंत में लयदारी का हुनर अद्भुत था। रागदारी की बारीकियों के समय उन्होंने तबले के साथ लड़ंत भी प्रस्तुत की। दूसरी संगीत सभा आईटीएम विवि के मधु लिमये सभागार में हुई, जिसमें पार्थ बोस ने दोपहर बाद के ही राग पटदीप में आलाप से शुरू करते हुए तीन ताल में गत प्रस्तुत की।
कार्यक्रम में कलाकारों का स्वागत आईटीएम ग्लोबल स्कूल के प्राचार्य ए. लाल एवं आईटीएम विवि के अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. संजय जैन ने किया। कार्यक्रम का संचालन स्पिक मैके की छात्र समन्वयक सुश्री गरिमा शर्मा ने एवं आभार प्रदर्शन स्कूल के समन्वयक अरविन्द सिकरवार व प्रो.आर.के. जैन ने किया। इस अवसर पर आईटीएम विवि एवं आईटीएम ग्लोबल स्कूल के छात्र-छात्राओं के अलावा शिक्षक भी उपस्थित रहे।
गांधी व टैगोर को किया याद
कार्यक्रम में पार्थ बोस ने अपने वादन में गांधी जी के प्रसिद्ध भजन रघुपति राघव राजाराम की धुन प्रस्तुत कर ग्लोबल स्कूल के बच्चों को झूमने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने रवीन्द्र संगीत की धुन बजाकर रवीन्द्र नाथ टैगौर को भी याद किया।
सितार पर बिखेरा रागों का जादू
Updated : 2016-02-09T05:30:00+05:30
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