आत्मबल हो तो विकलांगता नहीं बनती बाधक-राम नाईक

फीरोजाबाद| यदि इंसान में आत्मबल हो तो विकलांगता उसकी प्रगति में कभी बाधक नहीं हो सकती। उन्होंने एक महिला के दोनों हाथ कटे होने के बावजूद पैर से लिखना ही नहीं व कविता बनाना एवं पर्वत पर चढऩे वाली एक अन्य महिला का उदाहरण देते हुये सार्थक करने का प्रयास किया। यह बात फिरोजाबाद मूक-बधिर मित्र क्लब द्वारा आयोजित 10वें वार्षिक समारोह में बतौर मुख्य अतिथि प्रदेश महामहिम राज्यपाल व पूर्व पेट्रोलियम मंत्री राम नाईक ने अपने उदबोधन में कही।


राज्यपाल राम नाईक का हैलीकाफ्टर सीएल जैन कॉलेज में उतरा। यहां से वे भारी सुरक्षा घेरे में नगर के गांधी पार्क चौराहे स्थित पालीवाल हॉल स्थित कार्यक्रम स्थल पहुंचे। यहां राज्यपाल ने राष्ट्र पिता महात्मा गांधी व भारत माता के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा कि लगभग 17 वर्ष के बाद में पुन: जनपद में आया हूं यहां का कांच उद्योग देश और विदेशों में बडा ही मशहूर है इस उद्योग की आवश्यकता को देखते हुए जब में केंद्रीय पेंट्रोलियम मंत्री था तब मेरे द्वारा गैस स्वीकृत की गई थी। उन्होंने मूक बधिर बच्चों द्वारा कन्या भू्रण हत्या, बेटी बचाओ, राष्ट्रीय स्तर व अंतराष्ट्रीय स्तर पर खेलों के साथ विभिन्न क्षेत्रों में अपना लोहा मनबा चुके मूक बधिरों की प्रशंसा करते हुए आहवान किया कि मूक बधिर बच्चों को रोजगार व कोई न कोई दायित्व अवश्य मिलना चाहिये और उनके इस प्रकार के आयोजन से न केवल उनमें आत्मविश्वास बढ़ता है बल्कि वह जेनरेटर की तरह बिजली उत्पन्न करने वाली व्यवस्था की तरह काम भी करता है। कुष्ठ रोगियों की सेवा की चर्चा करते हुये उन्होंने कहा कि उन्होंने कई वर्ष पूर्व कुष्ठ रोगियों की सेवा के लिये कार्य किया।

इस संबंध में भारतीय संसद में भी आवाज उठाकर कुष्ठ रोगियों को सरकार से प्रतिमाह सहायता राशि उपलब्ध कराने के लिये प्रयास किया था जिसे उन्होंने उप्र का राज्यपाल बनने के बाद मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद एक जनवरी से उप्र में लागू करा दिया है। जो कुष्ठ रोगी घर से केवल रोग के कारण बेघर कर दिये जाते हैं उनको प्रतिमाह दो हजार पांच सौ रूपये देने का फैसला प्रदेश सरकार ने किया। जिससे मुझे काफी संतोष मिला। मूक बधिर बच्चों द्वारा जिस तरह कार्यक्रम में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया गया, उससे उस शब्द की झलक दिखाई देती है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकलांगों के सम्मेलन में उन्हें विकलांग होने के साथ साथ दिव्यांग होने की बात कहकर उन्हें समाज में एक अलग पहचान देने की कोशिश की थी। देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल का जिक्र करते हुये उन्होंने कहा कि वे आजादी से लेकर अब तक केंद्र सरकार के शासन में एक मात्र पेट्रोलियम मंत्री था। जिसमें इसी पद पर रहते हुये लगभग पांच वर्ष तक देश की सेवा की। अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल को देश में सबसे बेहतर बताते हुये उन्होंने कहा कि वह एक ऐसे प्रधानमंत्री थी जो सबकी बात सुनते थे और सबको साथ लेकर जनहित में विचार विमर्श के बाद निर्णय किया करते थे। अटल जी छोटे छोटे निर्णयों में भी सभी को भागीदार रखते थे। जैसे उप्र को अलग कर उत्तराखंड बनाने, मध्य प्रदेश को छत्तीसगढ़ बनाने व बिहार को तोड़ कर अन्य प्रदेश झारखंड बनाना हो, इन सभी निर्णयों में वह पूर्ण विचार विमर्श किया करते थे। उन्होंने कार्यक्रम में दूसरे राज्यों से आये हुए विभिन्न खेलों के राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके खिलाडी गौरीशंकर शर्मा, नीरज सिंह, अब्दुल, राजकुमार एवं कैप्टन रनवीर सिंह को पुरूस्कार देकर सम्मानित किया।


इससे पूर्व नगर विधायक मनीष असीजा ने मूक बधिर बच्चों की समस्यायें उठाते हुये फिरोजाबाद में जिला अस्पताल में आडियोमैट्री मशीन की उपलब्धता सरकार से कराने तथा राष्ट्रीय मूक बधिर विद्यालय की स्थापना एवं वाहनों को चलाने के लिये मध्य प्रदेश की तरह अन्य जिलों में भी ड्राइविंग लाइसेंस देने व उनके रोजगार के लिये उचित अवसर प्रदान करने की ओर राज्यपाल का ध्यान आकर्षित किया। कार्यक्रम का संचालन सत्यवीर गुप्ता ने किया। वहीं अनुवादक कपिल गुप्ता और आगरा से आयीं ललिता जैन रहीं। कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि राज्यपाल राम नाईक को कांचनगरी की हस्त शिल्पी स्मारिका राधा कृष्ण का कलात्मक चित्र यूपी रत्न चक्रेश जैन ने भेंट की। कार्यक्रम के दौरान मूक बधिर अंतर्राष्ट्रीय ख्याति अर्जित करने वाले छह खिलाडिय़ों जिनमें नीरज सिंह, गौरांशी शर्मा, कु. मलिका, वीरेंद्र सिंह, अब्दुल समद आदि को सम्मान पत्र देकर प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम के दौरान ओमकांत गुप्ता, टीनाकांत गुप्ता, लक्ष्मीकांत गुप्ता, सत्यवीर गुप्ता, रईसउद्दीन, अभिषेक गुप्ता, शैलेंद्र गुप्त, मुख्य विकास अधिकारी सुजीत कुमार, अपर जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह, नगर मजिस्ट्रेट रवीद्र कुमार सहित क्लिब व मूक बधिर विद्यालयों के अनेकों बच्चे उपस्थित रहे।

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