आजादी के छह दशक बाद भी जालौन नगर रेलवे नक्शे से दूर

रेल बजट के बाद क्षेत्रीय जनता में गहराया आक्रोश

जालौन। स्वतंत्र भारत के तीसरे रेलमंत्री लाल बहादुर शास्त्री द्वारा की गयी घोषणा जालौन को भारतीय रेलवे के नक्से पर लाने की इस वर्ष के रेल बजट में भी अधूरी रह गयी जिसके कारण नगरवासियों में आक्रोश गहराने के साथ ही भाजपा सांसद के प्रति भी नाराजगी देखी जा रही है।


भारत के तीसरे रेल मंत्री लालबहादुर शास्त्री ने जालौन नगर आगमन पर 1956 में चौकी के सामने घोषणा की थी कि वह जल्द ही जालौन नगर को भारतीय रेलवे के नक्शे पर ला देंगे। इस घोषणा के कुछ महीने बाद हुये एक ट्रेन दुर्घटना 144 यात्रियों की मौत के बाद रेल मंत्री ने 7 दिसंबर 1956 को पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से लगभग छह दशक बीत जाने के बाद भी नगरवासियों की मांग आज भी अधूरी ही रह गयी। नगर व क्षेत्र की जनता को उस समय उम्मीद जगी थी जब 29 मार्च 2012 को उत्तर मध्य रेलवे इलाहाबाद ने भिण्ड-उरई-जालौन-महोबा मार्ग के 217 किमी का सर्वे रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को भेज दी थी तथा बजट की मांग की गयी थी। इसके बाद उत्तर मध्य रेलवे ने 10 फरवरी 2014 को फफूंद-जालौन-औरैया रेल लाइन के लिये 89.68 किमी की सर्वे रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को बजट के लिये भेजी थी।

रेलवे बोर्ड के पास दो-दो सर्वे रिपोर्ट धन के लिये पड़ी थी। इसके बाद भी सांसद भानुप्रताप वर्मा ने नये सर्वे कराकर नये रेलवे बजट में धन उपलब्ध करा दिये जाने का प्रस्ताव कर दिया है। सांसद द्वारा की गयी इस कार्यवाही से नगर व क्षेत्र की जनता में आक्रोश गहराने लगा हैं पियूष, विवेक महान्त, रामजी ताम्रकार, लोकेंद्र चौबे, रामू सोनी, इस्लाम राइन, शानू राइन, दीपू, भूरे, मोहन, गोपाल, सुनील ने अपने सांसद से पूंछा कि वह कौन सा कारण था जिसके कारण पुरनी सर्वे रिपोर्ट को धन उपलब्ध नहीं कराया गया तथा नया सर्वे कराकर धप उपलब्ध कराये जाने की आवश्यकता पड़ गयी। लोगों ने रेल मंत्री सुरेश प्रभु से मांग की है कि पुरानी सर्वे रिपोर्ट को प्राथमिकता के आधार पर बजट उपलब्ध कराया जाये जिससे जनपद के नाम से प्रसिद्ध जालौन नगर को भारतीय रेलवे के नक्शे पर लाया जा सके।

Next Story