प्रखर राष्ट्रवाद को समर्पित था नरसिंह जी का जीवन: इंदापुरकर
ग्वालियर। वीर सावरकर एवं नरसिंह जी का जीवन आज की पीढ़ी के लिए पे्ररणादायक है। वीर सावरकर का सम्पूर्ण जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित रहा। राष्ट्र भक्ति उनके जीवन का पर्याय ही था। विपरीत परिस्थितियों में भी कभी उन्होंने परिस्थितियों से समझौता नहीं किया। वीर सावरकर एवं उनके दोनों भाईयों ने अपना सर्वस्व जीवन राष्ट्र को समर्पित कर दिया। उन्होंने 1857 की क्रांति को सम्पूर्ण राष्ट्र के सामने भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के रूप में सामने रखा। नरसिंह जोशी, सावरकर को अपना आदर्श मानते थे।
यह बात शांता-नरसिंह स्मृति सेवा समिति ग्वालियर के तत्वावधान में क्रांतिकारी वीर सावरकर की 50वीं पुण्यतिथि एवं प्रखर राष्ट्रवादी नरसिंह जोशी की 91वीं जयंती के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत सह कार्यवाह यशवंत इंदापुरकर ने कही। यह आयोजन आयोजन शुक्रवार को साहित्य सभा भवन दौलतगंज में किया गया। उन्होंने कहा कि सावरकर और नरसिंह जोशी का संबंध गुरू-शिष्य के रूप में था। श्री जोशी ने ने पानीपत के तृतीय युद्ध को नवीन दृष्टिकोण के साथ आम जनता तक पहुंचाया।
कार्यक्रम के अध्यक्ष वरिष्ठ चिंतक एवं अखिल भारतीय शिक्षण मण्डल के प्रांताध्यक्ष डॉ. उमाशंकर पचौरी ने अपने संबोधन में कहा कि वीर सावरकर का साहित्य उन्होंने पढ़ा एवं श्री जोशी के साथ उन्हें कार्य करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। दोनों की कार्य पद्धति एक जैसी थी। कार्यक्रम में नरङ्क्षसह जोशी द्वारा लिखित 'नरसिंह गर्जनाÓ का प्रकाशन भी किया गया। इस अवसर पर नरसिंह जोशी के चित्र का अनावरण भी अतिथियों द्वारा किया गया। कार्यक्रम में साहित्य सभा के अध्यक्ष वसंत पुरोहित भी मंचासीन रहे।
इस अवसर पर राष्ट्र भक्ति से ओतप्रोत रचनाओं की प्रस्तुति कवियों द्वारा दी गई। काव्य गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में प्रकाश मिश्र एवं विशेष अतिथि के रूप में डॉ. कादम्बरी आर्य उपस्थित थीं। अध्यक्षता वरिष्ठ गीतकार रामप्रकाश अनुरागी ने की। काव्य गोष्ठी में आर.एल.साहू, रेखा दीक्षित, मोरेखर डोंगरे, राजेश अवस्थी, डॉ. शिव बरुआ, संजय जोशी, डॉ. सत्या शुक्ला, भुजबल सिंह, रामवरन ओझा, भगवत भट्ट, ज्योत्सना सिंह, कादम्बरी आर्य, डॉ. दीप्ती गौड़ सहित गणमान्य कवियों ने काव्य पाठ किया। कार्यक्रम में स्वागत भाषण एवं वक्ता परिचय संजय जोशी ने किया। अतिथि स्वागत बसंत पुरोहित, दीपक जोशी एवं अविनाश साहू ने किया। कार्यक्रम का संचालन बसंत कुटे एवं कवि गोष्ठी का संचालन आलोक शर्मा ने किया। आभार प्रदर्शन दिलीप मिश्रा ने किया। इस अवसर पर राज चड्ढा, मोहन विटवेकर, निशिकांत मोघे, डॉ. शिव बरुआ, उपेन्द्र कस्तूरे आदि उपस्थित थे।